
नई दिल्ली— भारत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एक्सटेंडेड रेंज (ER) वर्जन तैयार कर रहा है, जिसकी रेंज 450 किमी से बढ़ाकर 800 किमी तक की जा रही है। इससे दिल्ली से इस्लामाबाद (करीब 650-700 किमी) तक के लक्ष्यों को सीधे निशाना बनाया जा सकेगा।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस की संयुक्त कंपनी ने इस पर तेजी से काम तेज किया है। नए वर्जन में संशोधित रैमजेट इंजन, हल्के कंपोजिट मटेरियल और बेहतर फ्यूल सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे मिसाइल की स्पीड Mach 2.8-3 (ध्वनि की गति से तीन गुना) बनी रहेगी, जबकि रेंज काफी बढ़ जाएगी।
मुख्य विशेषताएं
- रेंज: 450-800 किमी (नया ER वर्जन)
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: जमीन, जहाज, पनडुब्बी और सुखोई-30MKI जैसे फाइटर जेट
- वॉरहेड: 200-300 किग्रा हाई-एक्सप्लोसिव
- ट्रायल: 2025 में कई सफल टेस्ट; 2027-28 तक सेना में शामिल होने की उम्मीद
- मौजूदा मिसाइल अपग्रेड: सॉफ्टवेयर अपडेट से पुरानी मिसाइलों को भी 800 किमी रेंज वाला बना सकते हैं
रणनीतिक महत्व
यह विकास ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के बाद तेज हुआ, जिसमें ब्रह्मोस ने पाकिस्तान के कई एयरबेस पर सटीक हमले किए थे। नई रेंज से भारत की डीप स्ट्राइक क्षमता बढ़ेगी, जो पाकिस्तान और चीन के खिलाफ रणनीतिक फायदा देगी। यह MTCR नियमों के बाद संभव हुआ, क्योंकि भारत 2016 में इस अंतरराष्ट्रीय ग्रुप में शामिल हो गया था।
अन्य वेरिएंट
- ब्रह्मोस-NG: हल्का (1.3 टन), Tejas जैसे हल्के फाइटर पर इस्तेमाल
- ब्रह्मोस-II: हाइपरसोनिक (Mach 7-8), रेंज 1500 किमी, विकास जारी
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लखनऊ में नया उत्पादन प्लांट क्षमता बढ़ाएगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव आएगा।







