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कैब ऐप्स में जेंडर चॉइस फीचर अनिवार्य: महिलाएं चुन सकेंगी फीमेल ड्राइवर

कैब ऐप्स में जेंडर चॉइस फीचर अनिवार्य: महिलाएं चुन सकेंगी फीमेल ड्राइवर
कैब ऐप्स में जेंडर चॉइस फीचर अनिवार्य: महिलाएं चुन सकेंगी फीमेल ड्राइवर
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Written by
Rishabh Rai

केंद्र सरकार ने राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे ओला, उबर और रैपिडो के लिए मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस 2025 में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाना है।

नई गाइडलाइंस के अनुसार, सभी कैब एग्रीगेटर ऐप्स में पैसेंजर्स को उपलब्धता के आधार पर समान जेंडर के ड्राइवर चुनने का विकल्प देना अनिवार्य होगा। क्लॉज 15.6 में स्पष्ट कहा गया है कि “ऐप में ऐसी फीचर होनी चाहिए जिससे यात्री समान लिंग के ड्राइवर का चयन कर सके, जिसमें महिला यात्रियों को फीमेल ड्राइवर चुनने का ऑप्शन शामिल हो।”

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यह कदम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सिफारिशों पर आधारित है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे महिलाओं में कैब यात्रा के प्रति विश्वास बढ़ेगा, हालांकि वर्तमान में फीमेल ड्राइवरों की संख्या बहुत कम (करीब 1%) होने से चुनौतियां आ सकती हैं। इससे प्लेटफॉर्म्स पर अधिक महिला ड्राइवरों को जोड़ने का दबाव बढ़ेगा।

टिपिंग को लेकर भी नए नियम लागू किए गए हैं। अब यात्रा पूरी होने के बाद ही स्वैच्छिक टिपिंग की सुविधा दिखाई जा सकती है। पूरी टिप राशि ड्राइवर को जाएगी, बिना किसी डिडक्शन के। प्री-राइड टिपिंग को अनुचित व्यापार प्रथा मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया गया है, क्योंकि इससे बुकिंग बोली प्रक्रिया जैसी हो जाती थी।

मंत्रालय ने 15 दिसंबर को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन संशोधनों का तत्काल पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उद्योग जगत का कहना है कि ये बदलाव सुरक्षा बढ़ाएंगे, लेकिन फीमेल ड्राइवरों की कमी से देर रात वेटिंग टाइम बढ़ सकता है। ओला, उबर और रैपिडो ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।ये गाइडलाइंस यात्रियों की सुरक्षा और ड्राइवरों की भलाई पर फोकस करती हैं, जो राइड-हेलिंग इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण कदम है

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