
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों मंत्रिमंडल विस्तार और कैबिनेट फेरबदल की अटकलें जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में कुछ मंत्रियों को विदाई देने और नए चेहरों को जगह देने की चर्चा है, जो 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा मानी जा रही है। हालांकि, डिप्टी सीएम के पद पर कोई बदलाव की पुष्टि नहीं हुई है। वर्तमान में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ही हैं, और इनकी कुर्सी पर कोई खतरा नजर नहीं आ रहा। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ विधायकों और नेताओं के नाम प्रमुखता से उभर रहे हैं, जिनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे और नोएडा विधायक पंकज सिंह का नाम भी शामिल है।
डिप्टी सीएम पर अटकलें: क्यों लग रही हैं?
- कोई आधिकारिक घोषणा नहीं: हाल की बैठकें (जैसे 1-2 दिसंबर को कालिदास मार्ग पर हुई RSS-BJP समन्वय बैठक) में संगठन और सरकार के बीच समन्वय पर फोकस रहा, लेकिन डिप्टी सीएम बदलाव का कोई संकेत नहीं मिला। डिप्टी सीएम केशव मौर्य OBC (कुर्मी) समुदाय से हैं, जो पार्टी के लिए महत्वपूर्ण वोट बैंक है। बदलाव की बजाय उनके पद को मजबूत करने की रणनीति ज्यादा संभावित लग रही है।
- 2027 चुनाव का दबाव: पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले जातीय समीकरण साधने के लिए मंत्रिमंडल में OBC, दलित और पिछड़े वर्गों को प्रतिनिधित्व बढ़ाने की बात हो रही है। लेकिन डिप्टी सीएम पद पर फोकस कम है, क्योंकि वर्तमान जोड़ी (मौर्य और पाठक) स्थिर मानी जा रही है।
मंत्री बनने की रेस में प्रमुख नाम
मंत्रिमंडल विस्तार में 4-5 नए चेहरों को जगह मिल सकती है। इसमें नोएडा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के विधायकों को प्राथमिकता दी जा सकती है। यहां कुछ प्रमुख नाम हैं, जो मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा में हैं:
| नाम | वर्तमान पद/पृष्ठभूमि | क्यों चर्चा में? |
| पंकज सिंह | नोएडा विधायक (BJP), राजनाथ सिंह के पुत्र, UP BJP उपाध्यक्ष | 2022 चुनाव में रिकॉर्ड 1.81 लाख वोटों से जीत। गौतम बुद्ध नगर जिले का प्रतिनिधित्व। दो बार (2017, 2022) मंत्रिमंडल से चूके, लेकिन अब 2027 के लिए पार्टी उन्हें महत्वपूर्ण मान रही। नोएडा के विकास मुद्दों पर सक्रिय। |
| सुनील शर्मा | सहारनपुर विधायक (BJP) | सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले विधायकों में शुमार। पिछली सरकार में प्रवक्ता रहे, लेकिन मंत्री नहीं बने। अब फेरबदल में दावेदार। |
| दयाशंकर सिंह | विधायक (BJP) | पूर्वांचल से मजबूत पकड़। कल्याण सिंह के करीबी, पार्टी के पिछड़े वोट बैंक को मजबूत करने के लिए। |
| अदिति सिंह | रायबरेली विधायक (BJP, पूर्व कांग्रेस) | महिलाओं का प्रतिनिधित्व। 2022 में BJP जॉइन की, युवा चेहरा। लेकिन पहले भी चूकीं, अब संभावना। |
| अपर्णा यादव | लखनऊ कैंट विधायक (BJP, पूर्व सपा) | मुलायम सिंह की बहू। BJP जॉइन करने के बाद सक्रिय, लेकिन मंत्री पद से चूक चुकीं। यादव वोट साधने के लिए। |
- अन्य संभावित: आशीष पटेल (अनुप्रिया पटेल के पति), नितिन अग्रवाल, संदीप सिंह जैसे नाम भी फ्लोट कर रहे हैं, लेकिन परिवारवाद की आलोचना से इन्हें सतर्कता बरतनी पड़ रही है।
- पंकज सिंह का विशेष महत्व: वे 2017 से लगातार नोएडा से जीत रहे हैं और BJP युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। पिता राजनाथ सिंह के केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद, उन्होंने ग्रासरूट स्तर से काम किया। 2022 में योगी कैबिनेट में जगह न मिलने पर भी पार्टी लाइन पर चले। अब मंत्रिमंडल विस्तार में उनका नाम जोर पकड़ रहा है, क्योंकि नोएडा जैसे शहरी क्षेत्रों में BJP को मजबूत करने की जरूरत है।
क्या होगा अगला कदम?
- बैठकें जारी: 11-12 दिसंबर को लखनऊ में BJP हाईकमान (पीयूष गोयल, विनोद तावड़े) की मौजूदगी में फैसला संभव। साथ ही, UP BJP अध्यक्ष पद पर भी फेरबदल की चर्चा तेज (पंकज चौधरी का नाम प्रमुख, लेकिन ये अलग मुद्दा है)।
- रणनीति: मंत्रिमंडल विस्तार OBC (कुर्मी, लोधी), दलित और महिलाओं पर फोकस करेगा। RSS की नाराजगी (SIR पर MP-MLA की उदासीनता) को दूर करने के लिए संगठन-संबंधी बदलाव भी होंगे।







