
नई दिल्ली: संसद में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष भाषण दिया। करीब 60 मिनट तक चले भाषण में मोदी ने कांग्रेस पार्टी का 13 बार, पंडित नेहरू का 7 बार और मोहम्मद अली जिन्ना का 3 बार जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि वंदे मातरम् का महत्व आज भी उतना ही है जितना स्वतंत्रता संग्राम के समय था।
मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस ने वंदे मातरम् के कुछ हिस्सों को लेकर मतभेद उत्पन्न किए, जिससे इसकी सार्वभौमिकता को चोट पहुंची। उन्होंने यह भी जोड़ा कि देश की आजादी और राष्ट्रीय भावना के प्रतीक के रूप में वंदे मातरम् को हमेशा सम्मान दिया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने पंडित नेहरू के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए कहा कि उनके निर्णयों ने कभी-कभी राष्ट्रीय भावनाओं को प्रभावित किया। वहीं, मोहम्मद अली जिन्ना का उदाहरण देकर उन्होंने यह बताया कि विभाजन के समय जिन्ना ने देश की एकता में बाधा डाली।
भाषण के दौरान मोदी ने वंदे मातरम् के महत्व को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने और देशवासियों में देशभक्ति की भावना को जागृत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह गीत सिर्फ इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि आज के समय में भी देश के प्रति कर्तव्य और सम्मान की भावना जगाने वाला माध्यम है।
प्रधानमंत्री के इस भाषण ने संसद में ध्यान खींचा और वंदे मातरम् को लेकर राष्ट्रीय चर्चा को फिर से जीवित कर दिया। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे देशभक्ति और एकता के प्रतीक इस गीत को अपने जीवन में अपनाएं।









