
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को गुरुवार को बड़े परिचालन संकट का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उसकी 400 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इससे दिल्ली एयरपोर्ट पर 225 और बेंगलुरु में 102 उड़ानें प्रभावित हुईं। एयरपोर्ट पर सुबह से ही अफरा-तफरी का माहौल रहा, जहां हजारों यात्रियों को बिना किसी पूर्व सूचना के घंटों इंतजार करना पड़ा। यात्रियों का कहना है कि न तो इंडिगो ने ईमेल भेजा और न ही मैसेज करके रद्द होने की जानकारी दी। कई लोग परिवार सहित चेक-इन के लिए लाइन में लगे थे, तभी उन्हें बताया गया कि उनकी फ्लाइट कैंसिल कर दी गई है। कुछ यात्रियों ने इसे “पूरी तरह से सिस्टम फेलियर” बताते हुए कहा कि एयरलाइन ने जानकारी छिपाई और यात्रियों को जानबूझकर अंधेरे में रखा।
उड़ानें रद्द होने के पीछे मुख्य कारण स्टाफ की भारी कमी बताई जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार नए क्रू ड्यूटी नियम लागू होने के बाद इंडिगो की पायलट और केबिन-क्रू योजना बिगड़ गई, जिससे कई विमानों को निर्धारित समय पर उड़ान नहीं मिल सकी। लगातार देरी से चल रही उड़ानों के कारण शेड्यूल इतना बिगड़ा कि बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन करना पड़ा।
एयरपोर्टों पर यात्रियों की लंबी कतारें, भीड़ और काउंटरों पर अफरातफरी बनी रही। कई बुजुर्ग यात्रियों और छोटे बच्चों के साथ सफर कर रहे परिवारों ने मदद न मिलने की शिकायत की। रिफंड और री-शेड्यूलिंग की प्रक्रिया भी बेहद धीमी रही, जिससे परेशानियां बढ़ गईं।इंडिगो ने बयान जारी कर खेद जताया है और कहा है कि वह अपने परिचालन को जल्द सामान्य करने के लिए काम कर रही है। वहीं DGCA ने एयरलाइन से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है। संकट के बीच यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे सफर से पहले अपनी फ्लाइट स्टेटस की पुष्टि अवश्य कर लें।









