
रोहिंग्या–बांग्लादेशी घुसपैठ पर योगी सरकार मिशन मोड में, विधायक–सांसदों को सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अत्यंत सख्त रुख अपनाया है। राज्य सरकार ने इस मुद्दे को सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा और चुनाव व्यवस्था की पवित्रता से जोड़ते हुए इसे शीर्ष प्राथमिकता पर रखा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने भाजपा के सभी सांसदों और विधायकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपनी अन्य निजी या सामाजिक व्यस्तताओं— शादी और बारात जैसे कार्यक्रम—को दरकिनार कर तत्काल (SIR) की प्रक्रिया पर फोकस करें।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि किसी भी परिस्थिति में एक भी रोहिंग्या या बांग्लादेशी घुसपैठिए का नाम वोटर लिस्ट में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जनप्रतिनिधियों को स्वयं निगरानी करनी होगी और अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर इस पूरे अभियान को तेज गति से आगे बढ़ाना होगा।
इस बड़े अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने दोनों डिप्टी सीएम—केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक—को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। प्रत्येक डिप्टी सीएम को 25-25 जिलों की निगरानी और समीक्षा का दायित्व दिया गया है, ताकि किसी भी स्तर पर ढिलाई न बरती जाए।
सरकार ने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करते हुए हर मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाए जाने के निर्देश भी जारी किए हैं। इन सेंटरों का उद्देश्य चिन्हित घुसपैठियों को विधि-सम्मत प्रक्रिया के तहत नियंत्रण में रखना और आगे की कार्रवाई करना है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पूरी सूची संबंधित कमिश्नरों और IG रेंज को तुरंत सौंप दी जाए, ताकि क्षेत्रवार सत्यापन और कार्रवाई तेज की जा सके।
योगी सरकार का यह निर्णय दर्शाता है कि प्रदेश सरकार घुसपैठ, फर्जी पहचान और अवैध मतदाता पंजीकरण के खिलाफ अब पूर्ण मिशन मोड में काम कर रही है। यह अभियान आने वाले दिनों में और सख्त व व्यापक होने की संभावना है।









