
नई दिल्ली: आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले 18 प्रमुख सर्वे एजेंसियों के संयुक्त सर्वे में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान है। सर्वे के अनुसार, एनडीए गठबंधन 153 सीटें जीत सकता है, जबकि महागठबंधन के लिए अनुमानित सीटें 85 हैं। सर्वे में यह भी देखा गया कि जनता के बीच एनडीए के शासन और नीतियों को लेकर सकारात्मक धारणा कायम है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एनडीए की लोकप्रियता के पीछे मुख्य कारण विकास कार्य, योजनाओं की समय पर क्रियान्वयन और सुशासन का भरोसा है। वहीं, महागठबंधन की स्थिति कमजोर नजर आ रही है, क्योंकि उसके पास स्पष्ट रणनीति और जनता तक संदेश पहुँचाने का असर नहीं दिखा। सर्वे रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि पिछले कुछ सालों में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचने से एनडीए की स्वीकार्यता बढ़ी है।
सर्वे में यह भी सामने आया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जन सुनवाई और आम लोगों से संपर्क की रणनीति महागठबंधन के प्रचार अभियानों की तुलना में अधिक प्रभावी रही। एनडीए के विकास मॉडल और जनहितकारी नीतियों को जनता ने सराहा है, जबकि विपक्षी दलों की जनसुराज पर आधारित रणनीति अपेक्षित प्रभाव छोड़ने में असफल रही।
राजनीतिक विश्लेषक बता रहे हैं कि यदि सर्वे सही साबित होता है, तो बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत तय मानी जा सकती है। वहीं, महागठबंधन को अपने संदेश को जनता तक पहुँचाने और रणनीति बदलने की आवश्यकता होगी। सर्वे एजेंसियों ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम परिणाम चुनावी मतदान और जनता की वास्तविक प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। फिर भी, शुरुआती रुझान एनडीए के पक्ष में सकारात्मक दिख रहे हैं।








