
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में आवारा कुत्तों के नियंत्रण और नागरिक सुरक्षा को लेकर अहम आदेश जारी किया है। अदालत ने स्कूल, अस्पताल और हाईवे जैसी संवेदनशील जगहों से आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि जो कुत्ते पकड़कर नसबंदी किए जाते हैं, उन्हें उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों, मरीजों और सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बनी रहे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या को केवल नसबंदी के माध्यम से नियंत्रित करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें सुरक्षित और उचित जगह पर स्थानांतरित करना भी जरूरी है। अदालत ने निर्देश दिया कि स्कूल और अस्पताल परिसर से आवारा जानवरों को तुरंत हटाया जाए और उनका प्रबंधन स्थानीय निकायों और पशु कल्याण समितियों के समन्वय से किया जाए। हाईवे पर भी आवारा कुत्तों के कारण सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है, इसलिए उन्हें हटाना विशेष रूप से जरूरी है।
आवारा कुत्तों के हटाने की प्रक्रिया में उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन को आवारा जानवरों के नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीति बनाने और नियमित निगरानी करने का निर्देश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह आदेश किसी भी जानवर के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने के लिए नहीं है, बल्कि मानव सुरक्षा और जानवरों के कल्याण को संतुलित करने के उद्देश्य से है।









