
नई दिल्ली।
देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया मंगलवार यानी 28 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। चुनाव आयोग ने सोमवार को इसका औपचारिक ऐलान किया। आयोग ने बताया कि इस चरण में करीब 51 करोड़ मतदाताओं के नाम, पते और विवरणों की पुन: जांच की जाएगी, ताकि मतदाता सूची को पूरी तरह सटीक और अद्यतन बनाया जा सके।
इस विशेष पुनरीक्षण का दूसरा चरण जिन राज्यों में होगा, उनमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल, गोवा, गुजरात, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप शामिल हैं।
आयोग ने बताया कि प्रशिक्षण और सामग्री वितरण 3 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर सर्वेक्षण कर मतदाता जानकारी एकत्र की जाएगी। मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी, जबकि दावा-आपत्तियों की अवधि 8 जनवरी 2026 तक तय की गई है। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य है — “कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में बना न रहे।” आयोग ने साथ ही यह भी दोहराया कि आधार कार्ड केवल पहचान के दस्तावेज के रूप में उपयोग किया जाएगा, नागरिकता या जन्म प्रमाण के रूप में नहीं।
गौरतलब है कि बिहार में SIR का पहला चरण पहले ही पूरा किया जा चुका है, जिसमें लगभग 7.5 करोड़ मतदाताओं के विवरण की समीक्षा की गई थी और किसी भी औपचारिक आपत्ति की सूचना नहीं मिली। आयोग ने इसे “सफल मॉडल” बताते हुए अब दूसरे चरण का दायरा देश के 12 अन्य राज्यों तक बढ़ा दिया है।








