
नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट के डोमेस्टिक टर्मिनल, उद्घाटन समारोह स्थल, सुरक्षा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था और अन्य निर्माण कार्यों की प्रगति का बारीकी से जायजा लिया। निरीक्षण के बाद सीएम योगी ने बोर्डरूम में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) और निर्माण एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में परियोजना की प्रगति, आगामी कार्ययोजना और उद्घाटन समारोह की तैयारियों पर पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश के विकास का प्रतीक बनेगा, इसलिए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समयबद्धता और समन्वय सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में उच्च मानकों के अनुरूप पूरे किए जाएं और उद्घाटन समारोह की तैयारियों में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।
सुरक्षा और यातायात प्रबंधन पर जोर
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण, स्वच्छता और यात्री सुविधाओं पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी जाए और यातायात प्रबंधन के लिए ठोस और समन्वित कार्ययोजना बनाई जाए।
बैठक में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन और सीओओ किरण जैन ने नागरिक उड्डयन, सुरक्षा, रनवे, वायुसंचालन परीक्षण और सीआईएसएफ की तैयारियों से जुड़ी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने सभी तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं की गहन समीक्षा कर किसी भी प्रकार की लापरवाही को अस्वीकार्य बताया।
यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव का लक्ष्य
सीएम योगी ने हवाई अड्डे से जुड़े सड़क संपर्क, माल परिवहन मार्ग, अग्निशमन केंद्र, जल शोधन संयंत्र और पार्किंग जैसी सुविधाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यात्रियों को सुगम और सुरक्षित अनुभव देने के लिए सभी तैयारियां तय समय में पूरी की जाएं। उन्होंने सभा स्थल और रैली की तैयारियों का भी निरीक्षण किया और कहा कि पार्किंग, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं दुरुस्त रखी जाएं, ताकि आमजन को कोई असुविधा न हो।
150 उड़ानें प्रतिदिन, 1.2 करोड़ वार्षिक यात्री क्षमता
जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण का क्षेत्रफल 3,300 एकड़ है, जबकि अब तक 6,700 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। एयरपोर्ट निर्माण की कुल लागत लगभग ₹7,000 करोड़ बताई जा रही है। उद्घाटन के समय एयरपोर्ट एक रनवे के साथ क्रियाशील होगा और इसकी वार्षिक यात्री क्षमता 1.2 करोड़ रहेगी। औसतन 150 उड़ानें प्रतिदिन संचालित होंगी। भविष्य में कुल 5 रनवे और 11,750 एकड़ क्षेत्रफल के साथ यह एयरपोर्ट देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट्स में शुमार होगा, जो सालाना 30 करोड़ यात्रियों को सेवा देगा।
यूपी बनेगा देश का पहला राज्य, जहां होंगे 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट
फिलहाल उत्तर प्रदेश में 24 एयरपोर्ट्स हैं, जिनमें से 16 संचालित हो चुके हैं। इनमें लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या और कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे शामिल हैं। जेवर एयरपोर्ट के शुभारंभ के साथ ही उत्तर प्रदेश 5 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
वहीं 7 एयरपोर्ट्स—सोनभद्र, ललितपुर, मेरठ, गाजीपुर, झांसी, अमेठी और पलिया—विकास के अंतिम चरण में हैं।
सिविल एविएशन में नई उड़ान भरता उत्तर प्रदेश
योगी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश का सिविल एविएशन सेक्टर तीव्र गति से बढ़ा है। वर्ष 2024-25 में 1.5 करोड़ से अधिक यात्रियों ने यूपी से हवाई यात्रा की, जिसमें से 13 लाख से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय यात्री थे।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है। बढ़ती हवाई कनेक्टिविटी से पर्यटन और निर्यात दोनों को गति मिली है। अयोध्या और वाराणसी जैसे धार्मिक शहरों में पर्यटकों की संख्या में 30 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी के विस्तार से न केवल औद्योगिक विकास और रियल एस्टेट को बढ़ावा मिला है बल्कि एविएशन सेक्टर अब राज्य की GDP में 2–3% योगदान दे रहा है।








