
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने पाकिस्तान की ओर बहने वाले जल स्रोतों पर नियंत्रण बढ़ा दिया है। इस कदम को स्थानीय मीडिया और विशेषज्ञ ‘वॉटर बम’ के रूप में बता रहे हैं। तालिबान ने अपने देश में स्थित प्रमुख बांधों और नहर प्रणालियों से पाकिस्तान की ओर जाने वाले जल प्रवाह को सीमित कर दिया है। इससे सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के कई जिलों में पेयजल और सिंचाई के संकट की आशंका बढ़ गई है।
तालिबान ने कहा है कि यह कदम अफगान जनता के हित में उठाया गया है। उनका दावा है कि देश में लगातार बढ़ती जल कमी और कृषि संकट को देखते हुए, उन्हें अपने जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करना आवश्यक है। तालिबान के इस फैसले के बाद पाकिस्तान में स्थिति गंभीर होती जा रही है। स्थानीय जल विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में सिंध, बलूचिस्तान और पंजाब के दक्षिणी हिस्सों में किसानों और आम नागरिकों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है।
पाकिस्तान के जल मंत्रालय ने अफगानिस्तान के इस कदम को ‘जल आक्रामकता’ करार दिया है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अफगानिस्तान ने बिना किसी समन्वय या वार्ता के अपने बांधों से पानी की आपूर्ति रोक दी है, जिससे देश के लाखों लोग प्रभावित होंगे। सिंधु नदी पर निर्भर क्षेत्रों में इस कदम से सिंचाई प्रणाली पर गंभीर असर पड़ेगा और फसलों की पैदावार कम हो सकती है। हालांकि यह केवल एक जल संकट नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच तनाव का नया कारण भी बन सकता है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पानी को लेकर पहले भी कई बार विवाद हुए हैं। सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) के तहत दोनों देशों के बीच जल वितरण का समझौता है, लेकिन तालिबान के फैसले ने इसे चुनौती दी है। तो दूसरी ओर अगर तालिबान पाकिस्तान की ओर पानी की आपूर्ति पर रोक बनाए रखता है, तो आने वाले समय में दक्षिणी पाकिस्तान में जल संकट बढ़ सकता है। इसके चलते वहां के लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए पानी जुटाने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। अभी तक दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर कोई औपचारिक वार्ता नहीं हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस पर नजरें गड़ा दी हैं और दोनों पक्षों से समझौते की अपील की जा रही है। इस बीच तालिबान ने स्पष्ट किया है कि वह अपने जल संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करना चाहता है और अफगान जनता के लिए पानी की आपूर्ति प्राथमिकता होगी।








