
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर अपने बयानों से सियासी हलचल मचा दी है। मंगलवार को पटना में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, “पहले के ज़माने में हिंदू-मुस्लिम के बीच झगड़े होते थे, लेकिन हमने समाज में शांति और भाईचारा कायम किया।”
उन्होंने अपने शासन की कानून-व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द को लेकर उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि बिहार में अब सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना केंद्र सरकार की कार्यशैली पर भी इशारों में सवाल उठाए।
नीतीश कुमार ने कहा, आजकल कुछ लोग समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम बिहार में ऐसा नहीं होने देंगे। हमने सभी धर्मों, जातियों और समुदायों को साथ लेकर चलने का काम किया है।हालांकी यह बयान 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसमें नीतीश फिर से धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक समरसता को अपना प्रमुख मुद्दा बना सकते हैं।
जदयू कार्यकर्ताओं ने सीएम के वक्तव्य का समर्थन करते हुए कहा है कि बिहार की पहचान ही आपसी भाईचारे और गंगा-जमुनी तहज़ीब से है, और नीतीश कुमार इसी मूल भावना को मजबूत करने का कार्य कर रहे हैं।