बाराबंकी जनपद में श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के बाहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्रों पर हुए लाठीचार्ज मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोमवार को एलएलबी की डिग्री की वैधता और मान्यता को लेकर विश्वविद्यालय गेट पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पहले विश्वविद्यालय कर्मियों ने हमला किया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। घटना में दर्जनों छात्र-छात्राएं घायल हो गए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए नाराजगी जताई है। उन्होंने अयोध्या मंडलायुक्त को विश्वविद्यालय की डिग्री की वैधता की जांच करने और शाम तक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि लाठीचार्ज की घटना की जांच आईजी अयोध्या रेंज करेंगे। पुलिस प्रशासन पर भी कड़ी कार्रवाई हुई है। सीओ सिटी हर्षित चौहान को हटा दिया गया है। कोतवाल रामकिशन राणा और चौकी इंचार्ज सहित कई पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया है।एबीवीपी का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में एलएलबी की डिग्री को मान्यता प्राप्त नहीं है और इसके बावजूद छात्रों से फीस ली जा रही है। सुबह से ही विश्वविद्यालय गेट पर जुटे छात्रों ने जब अपनी मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी शुरू की, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया। दोपहर बाद प्रदर्शनकारियों ने गेट में ताला बंद कर दिया, जिससे सैकड़ों छात्र-छात्राएं परिसर में ही फंस गए।लाठीचार्ज में अभिषेक बाजपेई (प्रांत सह मंत्री, ABVP), अनुराग मिश्र (जिला संयोजक), अभय शंकर पांडेय (महानगर सह संयोजक), अंकित पांडेय, अर्पित शुक्ल, आशुतोष राय, प्रत्यूष पाण्डेय, अंकुर अवस्थी, सिद्धार्थ तिवारी, विदित प्रताप सिंह, योगेश सिंह, पुष्पेंद्र बाजपेई (प्रांत संगठन मंत्री) सहित कई छात्र-छात्राएं घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष अलग है। ओएसडी बी.एस. ओझा ने कहा कि एलएलबी की मान्यता है, लेकिन रिनीवल में लगभग एक वर्ष की देरी हुई है। छात्रों को डिग्री उपलब्ध कराना विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों ने सभी गेट बंद कर दिए थे, जिससे अभिभावकों के साथ झड़प की स्थिति पैदा हुई।यह मामला अब प्रदेश स्तर पर सुर्खियों में आ गया है। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी
