09/04/2024

अवध सूत्र

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अवध सूत्र पर बड़ी ख़बरे

अवध सूत्र न्यूज़

टिप्पणी पर कैसे भेजें जेल:कोर्ट

शीर्ष अदालत ने यूटॺूबर को राहत देते हुए दी व्यवस्था

कोर्ट ने यूट्यूबर की जमानत बहाल करते हुए की टिप्पणी

मद्रास हाईकोर्ट ने रद्द की थी याचिकाकर्ता की जमानत

02 केस सत्तई पर हुए, सुनवाई के दौरान उसका भी जिक्र

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक यूट्यूबर की जमानत बहाल करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर आरोप लगाने वाले हर व्यक्ति को जेल में नहीं डाला जा सकता है। यूट्यूबर पर 2021 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।

न जाने कितने यूट्यूबर जेल में होंगे…न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा कि अगर चुनाव से पहले हम यूट्यूब पर आरोप लगाने वाले हर व्यक्ति को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर देंगे, तो कल्पना कीजिए कि कितने लोग जेल में होंगे? पीठ ने आरोपी ए. दुरइमुरुगन सत्तई की जमानत रद्द करने का आदेश निरस्त कर दिया। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने यूट्यूबर पर हुए दो केस का भी जिक्र सुनवाई के दौरान किया।

अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग नहीं

शीर्ष अदालत ने कहा कि आरोपी ने विरोध और अपने विचार व्यक्त करके अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग नहीं किया। अदालत ने राज्य सरकार के उस अनुरोध को भी खारिज कर दिया, जिसमें सत्तई पर जमानत के दौरान निंदनीय टिप्पणी करने से परहेज की शर्त लगाने की मांग की गई थी।

हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थी जमानत

पीठ मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली सत्तई की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने उनकी जमानत रद्द कर दी थी क्योंकि उन्होंने अदालत को दिए हलफनामे का उल्लंघन करते हुए स्टालिन के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं।

सोशल मीडिया के इस्तेमाल से जुड़े हैं कई अपराध

● सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दौरान ऐसे कृत्य जो आपराधिक श्रेणी में आते हैं उनमें साइबर बुलिंग,साइबर मानहानि, ईमेल फिशिंग, फेक आईडी और सोशल नेटवर्किंग के जरिए सेंधमारी शामिल हैं।

● सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए किसी अन्य व्यक्ति को परेशान करना, शर्मिंदा करना, धमकी देना या लक्षित करना अपराध की श्रेणी में है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम ऐसे किसी अपराध पर प्रतिबंध और सजा का प्रावधान करती है।

● धारा 67 में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आपत्तिजनक पोस्ट करता है या फिर शेयर करता है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।

अगर चुनाव से पहले हम यूट्यूब पर आरोप लगाने वाले हर व्यक्ति को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर देंगे, तो कल्पना कीजिए कि कितने लोग जेल में होंगे?

-सुप्रीम कोर्ट

इविवि छात्र अब आसान तरीके से सीखेंगे गणित

नृजातीय गणित सिद्धांत पर आधारित यंत्र को सरकार से मिला पेटेंट

एआई का उपयोग करते हुए गणित शिक्षण को बनाया रोचक

विभिन्न आयु और बौद्धिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने अनूठा उपकरण डिजाइन किया है जो स्कूली बच्चों को आसान और आकर्षक तरीके से गणित सिखाने में सक्षम है। भारत सरकार के डिज़ाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक की ओर से डिवाइस को हाल ही में पेंटेंट प्रदान किया गया है। 17 इंच स्क्रीन वाला कॉम्पैक्ट डिवाइस है। डिवाइस को तैयार करने में तकरीबन 20 हजार रुपये खर्च हुए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन में लागत आधी हो जाएगी।इविवि के शिक्षा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीष कुमार गौतम ने बताया कि भारतीय लोककथाओं और कुम्हारों, बढ़ई और बुनकरों के पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करते हुए नृजातीय गणित शिक्षण उपकरण स्कूली छात्रों को आकर्षक और जानकारीपूर्ण तरीके से गणित सिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।गौतम ने कहा कि इस जातीय-गणित शिक्षण और सीखने के उपकरण को विकसित करने और कुम्हार जैसे भारतीय कारीगरों के पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करने में लगभग एक वर्ष का समय लगा, जो अपने अनूठे तरीकों का उपयोग करके सटीक माप के साथ चीजें बनाते हैं जैसे कि मिट्टी के सुराही और निश्चित मात्रा में रखने की क्षमता वाले खंभे। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रौद्योगिकी के एकीकरण के बाद, कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए गणित निर्देशों में काफी सुधार होगा, यही वह समय है जब छात्रों के बीच गणित का आधार विकसित होता है। छात्र इस डिवाइस से वास्तविक समय की प्रतिक्रिया के साथ अपनी प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं और विकास कर सकते हैं।

टीम में ये हैं शामिल

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के डॉ. हरीश पांडे, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कौशल किशोर और दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय गया के शिक्षा विभाग के डॉ. किशोर कुमार ने मिलकर डिवाइस तैयार किया है। हरीश पांडे ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस होने के बाद, यह शिक्षण मशीन छात्रों की ताकत, कमजोरियों और सीखने के पैटर्न का विश्लेषण करेगी। डॉ.कौशल किशोर ने बताया कि यह गणित शिक्षण-शिक्षण उपकरण गणितीय अवधारणाओं को सुदृढ़ करने और महत्वपूर्ण सोच कौशल को बढ़ाने के लिए इंटरैक्टिव गतिविधियों, पहेलियां और सिमुलेशन के माध्यम से छात्रों को व्यावहारिक सीखने के अनुभवों में संलग्न करेगा।

आज से शुरू होगी बादलों की अवाजाही, 11 को बारिश

अगले 48 घंटों में दिखने लगेगा पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव।

लखनऊ। मौसम फिर बदलने वाला है। एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसका असर बुधवार से दिखेगा। 11 को लखनऊ में तेज आंधी के साथ बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार बादलों की आवाजाही मंगलवार की दोपहर बाद से ही शुरू हो सकती है।हाल में दो पश्चिमी विक्षोभ लखनऊ और आसपास के इलाकों के ऊपर से गुजरे। कमजोर होने की वजह से बादल तो छाए लेकिन बारिश नहीं हुई। अमौसी स्थित मौसम केन्द्र के अनुसार जो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है उसे अरब सागर से भारी मात्रा में नमी मिल रही है। इस कारण इसका असर व्यापक होगा। लखनऊ समेत पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य जिलों में आंधी और बारिश का पूर्वानुमान है। कहीं कहीं पर ओले भी गिर सकते हैं। इसका असर 48 घंटों तक बना रहेगा।

पछुआ ने दी रात में गर्मी से राहत

पछुआ के जोर पकड़ने से दिन में तो तपिश तेज है लेकिन रात का न्यूनतम तापमान अधिकतम के मुकाबले 18 डिग्री तक नीचे आ रहा है। सोमवार को धूप की तल्खी ने दिन में बाहर निकलने वालों को परेशान किया। हवा भी गर्म चल रही थी। अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को अधिकतम तापमान 38 और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।

सुपर-30 की तर्ज पर सीएसआईआर लाइफसाइंसेज नेट-जेआरएफ की मुफ्त कोचिंग

लखनऊ विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के दो शिक्षकों की पहल

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से सीएसआईआर लाइफ साइंसेज नेट या जेआरएफ की निशुल्क कोचिंग कराई जाएगी। कोचिंग में प्रवेश के लिए चयन प्रवेश परीक्षा के जरिए होगा। कोचिंग सुपर-30 की तर्ज पर चलाई जाएंगी।एलयू के वनस्पति विज्ञान विभाग के दो शिक्षक डॉ. प्रदीप कुमार और डॉ. अजय सिंह ने सीएसआईआर लाइफसाइंसेज नेट या जेआरएफ की निशुल्क कोचिंग की तैयारी में जुटे हुए हैं। दोनों शिक्षकों ने कुछ अन्य शिक्षकों को भी इस निशुल्क कोचिंग के लिए जोड़ा है। अन्य शिक्षकों ने भी सहमति दे दी है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय का कहना है कि कई विद्यार्थी आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए यह कोचिंग फायदेमंद है। कोचिंग में चयन के लिए प्रवेश परीक्षा को आधार बनाया जाएगा। परीक्षा की मेरिट के आधार पर विद्यार्थियों का कोचिंग के लिए चयन किया जाएगा। कोचिंग के दौरान गहन जानकारी दी जाएगी। समय-समय पर मॉक टेस्ट कराए जाएंगे। हर एक विद्यार्थी पर व्यक्तिगत रूप से फोकस किया जाएगा।

इन विषयों में होगी कोचिंग

कुलपति प्रो. आलोक कुमार ने बताया कि यूजीसी ने पीएचडी में प्रवेश पाने के लिए नेट स्कोर का उपयोग करने के निर्देश दिए है। ऐसे में विद्यार्थियों को पीएचडी करने के लिए नेट की तरफ झुकाव काफी बढ़ेगा। लिहाजा सीएसआईआर लाइफसाइंसेज नेट या जेआरएफ की कोचिंग में प्राणिशास्त्र, वनस्पति विज्ञान, जैव रसायन और जैव प्रौद्योगिकी को शामिल किया है। एलयू प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि वाणिज्य संकाय में सुपर-30 कोचिंग चल रही है। उसी की तर्ज पर कोचिंग संचालित की जाएगी।

इनोवेशन सेंटर को बनाने के लिए जमीन देगा एकेटीयू

नई तकनीकी में एक्सपर्ट और मार्केट की डिमांड के अनुसार विद्यार्थी होंगे तैयार

लखनऊ, संवाददाता।डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को बेंगलुरू की एरा फाउंडेशन मार्केट की डिमांड के अनुसार नई तकनीकी में एक्सपर्ट बनाएगी। इसके लिए संस्था विश्वविद्यालय में इनोवेशन सेंटर स्थापित करके संचालित करेगी।कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि इसके अन्तर्गत 60 घंटे का कोर्स होगा। कोर्स में हर साल करीब 2 हजार विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित विद्यार्थी इंडस्ट्री में जाने के अलावा अपना स्टार्टअप भी शुरू कर सकेंगे। कुलसचिव अन्नावि दिनेश कुमार की अगुवाई में एक टीम इस कोर्स के संचालन के लिए विस्तार से जानकारी के लिए बेंगलुरू भी गई हुई है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय इनोवेशन सेंटर बनाने के लिए एरा को करीब पांच हजार स्क्वायर फीट जगह उपलब्ध कराएगा। अन्य संसाधन भी देगा। संस्था की ओर से मैनपावर और ट्रेनिंग कराने के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध कराए जाएंगे। विशेषज्ञ डिजाइन थिंकिंग, रोबोटिक्स, डाटा एनालिसिस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ट्रेनिंग देंगे। यह स्किल डेवलपमेंट कोर्स 60 घंटे या 12 सप्ताह का होगा। जिसमें 30 घंटे थ्योरी के होंगे। इस प्रॉजेक्ट पर रजिस्ट्रार अन्नावि दिनेश कुमार, एसो. डीन इनोवेशन डॉ. अनुज कुमार शर्मा, एसो. डीन यूजी, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. आयुष श्रीवास्तव और इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह शामिल हैं।

विश्वविद्यालय में क्लर्क की नौकरी का झांसा देकर 13 लाख हड़पे

फैजाबाद और जौनपुर विवि में नियुक्ति का दिया था भरोसा।

लखनऊ। फैजाबाद और जौनपुर विवि में लिपिक के पद पर नियुक्ति का झांसा देकर छह लोगों से करीब 13 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। नौकरी नहीं लगने पर पीड़ितों ने रुपये वापस मांगे। जिस पर आरोपी ने धमकी देना शुरू कर दिया। पीड़िता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की थी। जहां से मिले निर्देश के बाद गाजीपुर कोतवाली में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

अधिकारियों से सम्पर्क का किया था दावा

राजकीय पॉलिटेक्निक निवासी रिंकी चौहान के मुताबिक कुछ वक्त पूर्व अयोध्या कैंट कोतवाली निवासी शैलेंद्र कुमार से मुलाकात हुई थी। शैलेंद्र ने प्रशासन में गहरी पैठ होने का दावा किया था। प्रभाव जमाने के लिए मोबाइल पर कई लोगों से बात भी करता था। जिसकी वजह से रिंकी उस पर विश्वास कर बैठी। बातचीत के दौरान ही शैलेंद्र ने बताया कि फैजाबाद और जौनपुर विवि में लिपक संवर्ग में नियुक्तियां होनी हैं। शासन स्तर से यह भर्ती प्रक्रिया होगी। कोई परिचित हो तो बताएगा। आसानी ने नियुक्ति करा दूंगा। रिंकी ने पति डॉ. बलराम चौहान और चार रिश्तेदारों की नियुक्ति के लिए कहा था। जिसके बदले करीब नौ लाख रुपये भी दिए थे। उनकी तरह ही विपिन कुमार ने भी नौकरी के लिए शैलेंद्र को पांच लाख 35 हजार रुपये दिए थे।

जनसुनवाई पोर्टल में शिकायत, लौटाए 1.35 लाख

लाखों रुपये देने के बाद भी नौकरी नहीं लगी। रिंकी ने आरोपी से रुपये लौटाने के लिए कहा। जिस पर वह गाली गलौज करने लगा। रुपये फंसते देख रिंकी ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल में शिकायत की थी। जिसके बाद शैलेंद्र ने विपिन कुमार को एक लाख 35 हजार रुपये वापस किए। वहीं, बचे हुए 13 लाख रुपये देने को तैयार नहीं हुआ। कई प्रयास के बाद भी शैलेंद्र ने रुपये नहीं दिए थे। जिसके चलते पीड़िता ने गाजीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

ई-इंश्योरेंस खाता सात दिन के भीतर निशुल्क खोला जा सकेगा,बीमा रिपॉजिटरी के जरिए फॉर्म भरें

नई दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक अप्रैल से बीमा पॉलिसी को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में रखना अनिवार्य कर दिया है।इसके लिए बीमाधारकों को ई-इंश्योरेंस खाता (ईआईए) खुलवाना होगा, जहां सभी तरह की बीमा पॉलिसी को डिजिटल रूप में सहेज कर रखा जा सकेगा। इसके बाद कागजी पॉलिसी की जरूरत खत्म हो जाएगी। आइए जानते हैं कि ई-इंश्योरेंस खाता खोलने की प्रक्रिया क्या है….

1.सभी पॉलिसी को एक साथ ट्रैक कर सकेंगे

2. एक स्थान पर मिलेगी बीमा से जुड़ी जानकारी

3. ऑनलाइन धोखाधड़ी से मिलेगी सुरक्षा।

4. दस्तावेज खोने अथवा फटने का डर नहीं होगा।

5. कहीं से भी बीमा खाता संचालित किया जा सकेगा

इरडा ने चार बीमा रिपॉजिटरी को अधिकृत किया है, जो देश में ई-इंश्योरेंस खाता खोलने की सुविधा प्रदान करते हैं। इन रिपॉजिटरी के पास पॉलिसी डिजिटल रूप में संग्रहित होंगी। ये रिपॉजिटरी हैं –

● सीएएमएस इंश्योरेंस रिपॉजिटरी (www.camsre pository.com)

● कार्वी (www.kinrep.com)

● एनएसडीएल डेटाबेस मैनेजमेंट (एनडीएमएल) – (www.ndml.in)

● सेंट्रल इंश्योरेंस रिपॉजिटरी ऑफ इंडिया

(www.cirl.co.in)

नॉमिनी बनाना अनिवार्य

ई-बीमा खाता खुलवाने के बाद इसमें नॉमिनी जोड़ना भी अनिवार्य है। बीमाधारक का निधन होने की स्थिति में नॉमिनी इस खाते तक पहुंच पाएगा।

ये दस्तावेज जरूरी

पासपोर्ट आकार की हालिया फोटो ● पैन कार्ड● पहचान प्रमाण● जन्मतिथि का प्रमाण● पता प्रमाण पत्र ● आधार कार्ड

पूरी तरह सुरक्षित

ई-बीमा खाता पूरी तरह से इनक्रिप्टेड होगा यानी केवल बीमाधारक ही इसका इस्तेमाल कर पाएगा। किसी तीसरे पक्ष की पहुंच इस तक नहीं होगी। ग्राहक को अपनी सभी बीमा पॉलिसी इस ई-खाते से जोड़नी होंगी।

पुरानी पॉलिसी को डिजिटल रूप में बदलें

बीमाधारक अपनी मौजूदा पॉलिसी को भी डिजिटल प्रारूप में बदल पाएंगे। इसके लिए उन्हें सबसे पहले कन्वर्जन फॉर्म भरना होगा। इसे रिपॉजिटरी की वेबसाइट से डाउनलोड करना होगा। इसमें पॉलिसीधारक का नाम, पॉलिसी संख्या, ई-इंश्योरेंस खाता संख्या और बीमा कंपनी का नाम दर्ज करना होगा। इसे ई-इंश्योरेंस फॉर्म के साथ कंपनी की ब्रांच में जमा कराना होगा। जैसे ही ये परिवर्तित हो जाएगी, पॉलिसीधारक को एसएमएस और ई-मेल से इसकी सूचना मिल जाएगी।

ग्राहक ऐसे खोल पाएंगे खाता

ई-इंश्योरेंस खाता खोलने के लिए सबसे पहले इन चार रिपॉजिटरी में से किसी एक का चयन करना होगा। इसके बाद इनकी वेबसाइट पर जाकर फॉर्म डाउनलोड करें। अब केवाईसी दस्तावेजों को अपनी इंश्योरेंस कंपनी के ब्रांच ऑफिस जाकर जमा कर सकते हैं। इसके अलावा कुरियर भी कर सकते हैं। आवेदन स्वीकार होने और सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ई-इंश्योरेंस खाता सात दिनों में खुल जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है।

एनसीईआरटी ने नकली किताबों को लेकर चेताया

नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने नकली स्कूली पाठ्यपुस्तकों को लेकर सोमवार को चेतावनी जारी की। एनसीईआरटी ने कहा कि इनमें तथ्यात्मक रूप से गलत सामग्री होने की आशंका है। वहीं अपनी पाठ्यपुस्तकों की अनधिकृत छपाई और उनकी व्यावसायिक बिक्री के प्रति लोगों को आगाह किया।परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कुछ प्रकाशक एनसीईआरटी से अनुमति प्राप्त किए बिना इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध एनसीईआरटी की स्कूली पाठ्यपुस्तकों को अपने नाम से छाप रहे हैं। अगर कोई व्यक्ति व्यावसायिक बिक्री के लिए एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को पूर्ण या आंशिक रूप से प्रकाशित करता हुआ पाया जाता है तो उसे कॉपीराइट अधिनियम 1957 के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

एनसीईआरटी ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि तीसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तकें अप्रैल के अंतिम हफ्ते तक और छठी कक्षा की किताबें मई के मध्य तक उपलब्ध होंगी। इसमें यह भी कहा था कि पहली, दूसरी, सातवीं, आठवीं, दसवीं और 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों के 2023-2024 संस्करणों की 1.21 करोड़ प्रतियां देश भर में जारी की गई हैं।

आम जनता ऐसी पाठ्यपुस्तकों से दूर रहेंअधिकारी ने कहा, आम जनता से अनुरोध है कि कृपया ऐसी पाठ्यपुस्तकों या वर्कबुक से दूर रहें क्योंकि उनकी सामग्री तथ्यात्मक रूप से गलत हो सकती है। साथ ही एनसीएफ (स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा) 2023 के मूल दृष्टिकोण के खिलाफ भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि लोगों से आग्रह करते हैं कि अगर उन्हें ऐसी नकली पाठ्यपुस्तकों या वर्कबुक का पता चलता है तो वे इसकी सूचना तुरंत परिषद को दे।

यूपीएससी परीक्षा के लिए इंफाल चुनने वाले अभ्यर्थी चुन सकते हैं अन्य सेंटर

नई दिल्ली। यूपीएससी ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने इस साल की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने के लिए मणिपुर के इंफाल परीक्षा केंद्र को चुना है, वे अन्य स्थान चुन सकते हैं। यूपीएससी द्वारा आईएएस, आईएफएस और आईपीएस के लिए अधिकारियों का चयन करने हेतु प्रतिवर्ष तीन चरणों में परीक्षा आयोजित की जाती है। इस साल प्रारंभिक परीक्षा 16 जून को होगी। यूपीएससी ने एक बयान में कहा कि उसने फैसला किया है कि जिन अभ्यर्थियों ने इंफाल केंद्र का विकल्प चुना है, वे उक्त परीक्षा के 80 अधिसूचित केंद्रों में से कोई भी चुन सकते हैं। यूपीएससी की यह घोषणा दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद आई है।

छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी ने पांच करोड़ की संपत्ति जब्त की

लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लखनऊ जोन कार्यालय ने छात्रवृत्ति घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने सोमवार को फर्रुखाबाद की मोहम्मदाबाद तहसील में निसाई स्थित डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी की 4.83 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को अस्थाई तौर पर जब्त कर लिया।इस घोटाले में अब तक कुल छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 20.43 करोड़ की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया जा चुका है।ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत की है। जब्त की गईं 4.83 करोड़ की संपत्तियां कॉलेज भवन के रूप में हैं। इससे पहले फरवरी 2023 में 93 लाख रुपये नकदी और बैंक बैलेंस को जब्त किया जा चुका है। इंस्टीटॺूट के अध्यक्ष शिवम गुप्ता की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।

लखनऊ में 10 से अधिक केंद्र पर्चा लीक गिरोह के संपर्क में थे

हरियाणा से लीक पर्चा का मिलान यहां से मिले पर्चे से कराया गया, जांच जारी

लखनऊ। सिपाही भर्ती और आरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने के लिये एक ही गिरोह ने इतनी बड़ी साजिश रच डाली और किसी को भनक तक नहीं लगी। अब एक और खुलासा हुआ है कि गिरोह के मुख्य आरोपियों के सम्पर्क में लखनऊ के 10 परीक्षा केन्द्र थे। यहां के प्रबन्धन से मुख्य आरोपी राजीव नयन, कोचिंग संचालक और डॉ. शरद लगातार सम्पर्क में बने रहे।राजीव नयन ने जब लीक पर्चा व्हाटसएप पर लखनऊ भेजा तो डॉ. शरद ने लखनऊ के एक परीक्षा केन्द्र से लीक कराये पर्चे से मिलान कराया। दोनों पर्चे समान मिलने पर ही अभ्यर्थियों से मोटी वसूली कर ली गई।एसटीएफ की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नये खुलासे हो रहे है। गिरोह के नेटवर्क को लेकर एसटीएफ के अधिकारी भी हैरान हैं। फरवरी में ही हुई सिपाही व आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने में सरगना ने कई स्तर पर साठगांठ कर रखी थी। यह पहले ही सामने आ चुका है कि अगर एक साजिश फेल हो जाती तो दूसरी साजिश पर काम होने लगता। एसटीएफ जल्दी ही पर्चा लीक कराने वाले केन्द्रों के प्रबन्धक व प्रभारी से पूछताछ करने के लिये नोटिस देगी। इनकी साठगांठ के कुछ और सुबूत हाथ लगते ही गिरफ्तारी कर ली जायेगी।पर्चा मिलान कराने के बाद वसूली बढ़ाई गिरोह ने एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक राजीव नयन ने हर हाल में पर्चा लीक करा लेने की बात कही थी। पर, पहले यह बेहद कठिन लग रहा था। यही वजह थी कि जब राजीव नयन ने दोनों परीक्षाओं का पर्चा जब व्हाटसएप पर अमित सिंह व डॉ. शरद को भेजा तो भी दोनों ने विश्वास नहीं किया। इस पर साजिश के तहत दूसरे नेटवर्क पर काम किया गया। दो परीक्षा केन्द्रों से पर्चा लीक कराया गया और इसे राजीव द्वारा भेजे गये पर्चे से मिलाया गया तो दोनों समान पाये गये। मिलान होते ही अमित व डॉ. शरद ने अभ्यर्थियों से पर्चा पढ़ाने के लिये रकम बढ़ा दी।एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह व दीपक सिंह की टीम अभी भी भोपाल व बिहार में रुकी हुई है। कॉल डिटेल के आधार पर सुभाष प्रकाश व डॉ. शरद की तलाश जारी है। डॉ. शरद लखनऊ में केजीएमयू के पास ही कई दिन तक किराये पर रहा था। वह मूल रूप से मिर्जापुर का रहने वाला है। बरेली में भी काफी दिन तक ठिकाना बनाये रहा था। उल्लेखनीय है कि सिपाही भर्ती और आरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के मामले को सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है और इस पर सख्ती से जांच जारी है।

कॉल के जरिये होती थी आपस में बात

मुख्य आरोपित राजीव नयन अपने साथी डॉ. शरद और अमित सिंह के साथ लखनऊ के 10 से अधिक परीक्षा केन्द्रों पर गये थे। इनमें से कुछ केन्द्र के प्रबन्धकों से भी सम्पर्क में रहे। भोपाल निवासी सुभाष प्रकाश उर्फ मुकेश भी बिहार में रहकर इन तीनों से व्हाटसएप कॉल के जरिये बात करता रहा। एसटीएफ ने कॉल डिटेल निकलवायी थी जिसमें इन लोगों के सम्पर्क होने की पुष्टि भी हुई है।

टीजीटी-पीजीटी भर्ती में पद बढ़ाने की मांग

प्रयागराज। प्रतियोगी छात्रों ने टीजीटी-पीजीटी भर्ती 2022 में पदों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है। 9 जून 2022 को टीजीटी- पीजीटी के 4163 पदों का विज्ञापन जारी किया गया था, जिसके लिए 13 लाख 19 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। प्रतियोगी छात्र शीतला प्रसाद ओझा का कहना है कि प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने सदन में बयान दिया था कि अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी के तकरीबन 25 हजार पद खाली है। ऐसे में इन पदों का पुरानी भर्ती में शामिल किया जाना चाहिए।

देशभर के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत बीएड डिग्री धारक शिक्षकों की नहीं जाएगी नौकरी

कहा- जिस विज्ञापन में वीएड योग्यता शामिल थी, उसमें भर्ती हुई है तो बनी रहेगी नौकरी

एक शर्त यह भी कि किसी अदालत ने उन्हें अयोग्य न माना हो या कोई शर्त न लगाई हो

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक पद पर भर्ती के लिए बीएड डिग्री धारकों को अयोग्य मानने के 11 अगस्त, 2023 के फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा है कि फैसले से पहले हुई भर्तियों पर इसका असर नहीं होगा। यानी जिन बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति फैसला आने से पहले हो चुकी थी और उनकी भर्ती के विज्ञापन में बीएड को भी योग्यता में शामिल माना गया था, उन लोगों की नौकरी बनी रहेगी।लेकिन इसके साथ भी एक शर्त है कि किसी अदालत से उनकी अयोग्यता के बारे में कोई आदेश नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश पूरे देश के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त, 2023 को देवेश शर्मा मामले में दिए फैसले में कहा था कि प्राथमिक शिक्षक पद पर भर्ती के लिए बीएड डिग्री धारक योग्य नहीं हैं। कोर्ट ने माना था कि बीटीसी और डीएलईडी ही इसके योग्य हैं।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने सोमवार को मध्य प्रदेश सरकार की फैसले का स्पष्टीकरण मांगने वाली अर्जी का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने आदेश में कहा, बीएड उम्मीदवारों का दावा है कि भर्ती प्राधिकारी द्वारा बीएड को योग्यता मानक में शामिल किया गया था और तभी उन्हें नौकरी मिली है, अगर ऐसा है तो यह उनके पक्ष में जाता है और उनकी नौकरी बनी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बीएड धारकों को प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति के अयोग्य ठहराने वाले राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का देशव्यापी असर हुआ है और बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी पर संकट आ गया है। मध्य प्रदेश सरकार और बहुत से प्रभावित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से आदेश में संशोधन करने और स्पष्टीकरण की गुहार लगाई थी। उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह के अनुसार, अकेले उत्तर प्रदेश में बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक की संख्या 34 हजार है। ऐसे में उनके हित प्रभावित होंगे।

परिषदीय विद्यालयों का समय सुबह साढ़े सात से दोपहर साढ़े 12 बजे तक करने की मांग

मिर्जापुर। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्राथमिक संवर्ग का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को परिषदीय विद्यालयों के खुलने के समय में परिवर्तन की मांग को लेकर नगर मजिस्ट्रेट से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने नगर मजिस्ट्रेट को जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन दिया। जिसमें परिषदीय विद्यालयों के खुलने का समय सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक करने की मांग की गई।प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि माध्यमिक विद्यालयों के खुलने का समय सुबह 7:30 से दोपहर 12:30 बजे है, जबकि परिषदीय विद्यालयों के खुलने का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक है। प्रतिनिधिमंडल ने परिषदीय बच्चों को गर्मी के मौसम में होने वाली समस्याओं का ध्यान रखते हुए परिषदीय विद्यालयों का समय सुबह 7:30 से 12:30 बजे करने की मांग की। इस दौरान राजनाथ तिवारी, सत्यव्रत सिंह चंदेल, मनोज कुमार शुक्ला आदि मौजूद।

स्कूल से शिक्षक-बच्चे नदारद, बूथों पर अव्यवस्था

हनुमानगंज।मुख्य विकास अधिकारी सोमवार को मतदान केंद्रों का जायजा लेने बहादुरपुर ब्लॉक के बनी, सरायरहिया और दोंदापुर गांव पहुंचे। यहां एक स्कूल में बच्चों और कुछ शिक्षकों को नदारद देख नाराज हुए, बूथों की व्यवस्था से भी असंतुष्ट दिखे।सीडीओ गौरव कुमार दोपहर में बनी गांव पहुंचे। ग्राम प्रधान प्रदीप सिंह जेई ने उन्हें पंचायत भवन के दोनों बूथों का निरीक्षण कराया। इसी दौरान गेहूं की पैदावार देखने वे अरुण कुमार सिंह के खेत पहुंचे। सात धूर जमीन में गेहूं की फसल से 17 किलोग्राम उपज निकलने पर संतुष्टि जताई। सीडीओ यहां से सराय रहिया गांव पहुंचे। वहां प्राथमिक स्कूल के मतदान केंद्र को देखा। अंत में गांव के ही मजरा दोंदापुर के प्राइमरी स्कूल पहुंचे। वहां की स्थिति देख नाराज हो गए। दोपहर की छुट्टी से पहले ही बच्चे और कुछ शिक्षक जा चुके थे। प्रधानाध्यापक की अनुपस्थिति में महिला शिक्षिका सीडीओ के सवालों का सही जवाब नहीं दे सकीं। नाराज सीडीओ ने बीएसए को फोन कर यथास्थिति से अवगत कराते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। यहां के विद्यालय की गंदी दीवारें तथा गंदे परिसर देख काफी नाराज हुए। उन्होंने खंड विकास अधिकारी नीरज कुमार को रंगाई-सफाई कराने का निर्देश दिया। एडीओ पंचायत रवि मौर्या, सचिव रविन्द्र कुमार व हलका लेखपाल मौजूद रहे।

लोक सेवा आयोग : कृषि सेवा के 268 पदों के लिए आवेदन कल से

प्रयागराज।राज्य कृषि सेवा परीक्षा 2024 के 268 पदों के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग बुधवार से ऑनलाइन आवेदन लेगा। आयोग ने 12 जनवरी को जारी कैलेंडर में इस भर्ती का जिक्र किया था। परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम के संदर्भ में शासन से अनुमोदन मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। सचिव अशोक कुमार ने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि विज्ञापन देखने के बाद अर्ह होने की स्थिति में ही आवेदन करें। एक जुलाई 2024 को 21 वर्ष की आयु पूरी करने वाले और अधिकतम 40 वर्ष के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।ऑनलाइन आवेदन 10 मई तक लिए जाएंगे। आवेदन में त्रुटि संशोधन के लिए वेबसाइट 16 मई तक खुली रहेगी। कृषि सेवा के तहत जिला उद्यान अधिकारी ग्रेड-2, ग्रेड-1 प्रधानाचार्य राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्र/खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी ग्रेड-2, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक आदि पदों की भर्ती 2020 से पहले पीसीएस के जरिए होती थी। आयोग ने पहली बार कृषि सेवा के लिए अलग से 29 दिसंबर 2020 को विज्ञापन जारी किया था। उस समय 564 पदों के सापेक्ष 73792 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। उसके बाद से 2021, 2022 और 2023 में यह भर्ती नहीं आई, हालांकि पदों की संख्या कम होने से प्रतियोगी छात्र थोड़े निराश हैं। छात्रों का कहना है कि आयोग को 360 से अधिक पदों का अधियाचन मिला है लेकिन भर्ती 268 पदों पर की जा रही है।

एसएससी : चुनाव के कारण बदली परीक्षा की तिथियां

प्रयागराज।19 अप्रैल से एक जून तक लोकसभा चुनाव और चार जून को मतगणना के मद्देनजर कर्मचारी चयन आयोग ने भर्ती परीक्षा की तिथियों में परिवर्तन किया है। चार से छह जून तक प्रस्तावित जूनियर इंजीनियर भर्ती 2024 की कंप्यूटर आधारित परीक्षा अब पांच से सात जून तक होगी।इसी प्रकार दिल्ली पुलिस और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) में सब इंस्पेक्टर भर्ती 2024 के लिए 9, 10 व 13 मई को होने वाली कंप्यूटर आधारित परीक्षा अब 27 से 29 जून तक होगी। सेलेक्शन पोस्ट एग्जाम फेज 12 के लिए छह से आठ मई तक प्रस्तावित परीक्षा 24 से 26 जून तक कराई जाएगी।कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल एग्जाम 2024 एक से पांच और आठ से 12 जुलाई तक होगी। इसकी परीक्षा तिथि घोषित नहीं थी। आयोग ने 28 दिसंबर 2023 को जारी कैलेंडर में परीक्षा तिथि घोषित की थी। चुनाव की अधिसूचना मार्च में जारी होने के कारण आयोग को तिथियों में परिवर्ततन करना पड़ा है।

टर्निंग-18 व यू ऑर द वन अभियान से मतदान बढ़ाने की कोशिश में आयोग

लखनऊ। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया है कि लोकसभा चुनाव में आयोग युवाओं और शहरी मतदाताओं की निर्वाचन में भागीदारी बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया की ताकत का उपयोग कर रहा है। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ‘टर्निंग-18 और ‘यू आर द वन जैसे अनूठे अभियानों के माध्यम से लोगों को जोड़ने की पहल की जा रही है। यह ‘चुनाव का पर्व-देश का गर्व थीम के अनुरूप है।

सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्मों का आयोग कर रहा प्रयोग

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोमवार को बताया कि वर्तमान में निर्वाचन आयोग के फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, यूट्यूब सहित प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों ये अभियान चलाए जा रहे हैं। आयोग ने व्हाट्सएप चैनल और लिंक्डइन पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। आयोग का उद्देश्य रचनात्मक रणनीतियों और सोशल मीडिया के माध्यम से देश भर में नागरिकों के साथ जुड़ना, उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने और भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार में योगदान करने के लिए सशक्त बनाना है।

पहली बार वोटिंग करने वालों को लक्षित कर रहा है टर्निंग-18

आयोग ने ‘टर्निंग 18 अभियान की शुरुआत की है, जो विशेष रूप से युवाओं और पहली बार वोट करने जा रहे मतदाताओं को लक्षित करता है। इसका उद्देश्य उन्हें लोकसभा चुनाव के साथ आगामी चुनावों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। जिससे कि पिछले चुनावों में शहरी और युवा मतदाताओं में देखी गई उदासीनता को दूर किया जा सके। ‘टर्निंग 18 अभियान के तहत युवाओं को विभिन्न विषयों और रणनीतियों के माध्यम से चुनावों में हिस्सा लेने के लिए आकर्षित किया जा रहा है।इसके अलावा 18-30 आयु समूह में महिला मतदाताओं की बढ़ती हुई भागीदारी को हाइलाइट करते हुए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समावेशीता को दर्शाया गया है।

एलयू में नए सत्र से दो वर्षीय पब्लिक हेल्थ एण्ड न्यूट्रीशनल कोर्स शुरू होगा

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में नए सत्र 2024-25 ने नया पीजी कोर्स शुरू किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के डा. गिरी लाल गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक अफेयर्स में मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ एण्ड न्यूट्रीशनल सांइसेस (एमपीएच) पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। जो चार सेमेस्टर का होगा। इस कोर्स में 30 सीटे होंगी। प्रत्येक सेमेस्टर शुल्क 35130 रुपए निर्धारित किया गया है।संस्थान की निदेशक प्रो शैली मलिक ने बताया कि यह दो वर्षीय पाठ्यक्रम पोषण के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा की आगामी और उभरती मांग को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम में नैदानिक ​​पोषण विशेषज्ञ, सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण विशेषज्ञ और खाद्य सुरक्षा और खाद्य प्रबंधन पेशेवरों को पोषण विशेषज्ञों, खाद्य सुरक्षा प्रबंधक, खाद्य निरीक्षकों, खाद्य कानूनों और अन्य कई प्रावधानो में पोषण के विविध क्षेत्र में काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। छात्रों को प्रयोगशाला और फील्ड में सिद्धांत से अभ्यास तक संस्थागत, औद्योगिक और संगठनात्मक अनुभव दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है भोजन को औषधि बना कर उत्तम स्वास्थ्य की ओर अग्रसर हों।

शहर के 48 परिषदीय स्कूलों में लगेगी स्मार्ट क्लास

प्रयागराज:शहरी सीमा में स्थित बेसिक शिक्षा परिषद के 48 स्कूलों में डिजिटल स्मार्ट क्लासरूम स्थापित होगी। प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने चौथे चरण के लिए टेंडर जारी किया है। 12 अप्रैल को निविदा खोली जाएगी। खास बात यह है कि डिजिटल स्मार्ट क्लास स्थापित करने वाली कंपनी को ही अगले पांच साल तक उसके रखरखाव की जिम्मेदारी उठानी होगी। कंपनी के विशेषज्ञों को ही स्कूल के शिक्षकों को सभी उपकरण चलाने का प्रशिक्षण भी देना होगा। सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान दीपक पांडेय का कहना है कि परिषदीय स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई स्तर पर प्रयास चल रहे हैं।

इन स्कूलों में लगेगी स्मार्ट क्लास

प्राथमिक विद्यालय राजापुर प्रथम, पुराना कटरा प्रथम, बाबा जी का बाग, बलरामपुर हाउस, मेंहदौरी, करेली प्रथम, नैनी बाजार, सोहबतियाबाग, त्रिवेणी रोड, अबूबकरपुर, बेगम सराय, तुलसीपुर, करेलाबाग कॉलोनी, स्टैनली रोड, फाफामऊ प्रथम, पुराना मम्फोर्डगंज, फाफामऊ बाजार, रसूलाबाद, पुरा फतेह मोहम्मद नैनी, महेवा द्वितीय, पीएसी धूमनगंज, शिवकुटी, पुलिस लाइंस, तेलियरगंज, मधवापुर, नींवां प्रथम व द्वितीय, अम्बेडकरनगर खरकौनी, बेनीगंज, सादियाबाद व मीरापुर समेत अन्य स्कूलों का नाम शामिल है।

कक्षा नौ में प्रवेश के लिए भ्रमण कर रहीं वार्डन

मेजा। शासन द्वारा उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मेजा खास में कक्षा नौ में नामांकन कराने के लिए वार्डेन सीतांज्जलि गुप्ता अपनी टीम के साथ क्षेत्र के ममोली सहित विभिन्न गांवों में पहुंच छात्राओं के अभिभावकों से मिल कक्षा आठ उत्तीर्ण छात्राओं का विद्यालय में प्रवेश दिलाने की बात कही। कहा कि सरकार द्वारा आवासीय विद्यालय में सभी सुविधाएं मौजूद हैं। गरीब बेटियों को विज्ञान वर्ग की शिक्षा मिल सके।

जेल के सिपाही ने आरओ-एआरओ का पेपर प्रयाग में किया था वायरल

प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में मेजा के राजीव नयन ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। प्रयागराज में पेपर वायरल करने में जेल के सिपाही का नाम लिया है। उस सिपाही ने खुद की तैयारी के लिए पेपर लेकर व्हाट्सएप पर कई लोगों को शेयर किया। इसके बाद वह पेपर वायरल हो गया। इसी वायरल कॉपी की मदद से पेपर लीक होने की पुष्टि हुई थी।मेजा के राजीव नयन से सिपाही भर्ती के अलावा आरओ-एआरओ परीक्षा भर्ती के पेपर लीक प्रकरण में भी पूछताछ चल रही है। उसने पुलिस को बताया कि 11 फरवरी को आयोजित आरओ-एआरओ परीक्षा से एक दिन पहले 10 फरवरी को उसे मधुबनी बिहार निवासी सुभाष प्रकाश ने पेपर दिया था। सुभाष को बिहार के किसी कोचिंग संचालक ने नौ फरवरी को आरओ-एआरओ का पेपर दिया था। पेपर मिलने के बाद राजीव नयन ने नैनी स्थित आरोग्यम हॉस्पिटल में अपने अभ्यर्थियों को उत्तर रटवाए थे। इस गैंग से जुड़े डॉ. शरद को भी 11 फरवरी की सुबह आरओ-एआरओ का अलग पेपर मिल गया था। उसने वाराणसी जेल में तैनात एक सिपाही को पेपर दिया था। नयन ने पुलिस को बताया कि उसी सिपाही ने कई लोगों को पेपर बांट दिया था। राजीव के हर बयान को पुलिस सत्यापित करने में लगी है। अभी इस केस में सुभाष प्रकाश और डॉ. शरद की गिरफ्तारी के बाद कई राज सामने आएंगे। उनकी तलाश में यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक पुलिस और एसटीएफ की टीमें छापामारी कर रही हैं।

फीस वृद्धि के विरोध में सौंपा ज्ञापन

प्रयागराज। निजी स्कूलों में 15 प्रतिशत फीस वृद्धि से आक्रोशित अभिभावकों ने सोमवार को कलक्ट्रेट में सिटी मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह को ज्ञापन दिया। बढ़ी हुई फीस वापस लेने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में उत्तर प्रदेश अभिभावक एकता समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजय गुप्ता, बृजेश निषाद, सोनी अग्रहरि, प्रदीप श्रीवास्तव, प्रमोद गुप्ता, रानी केसरवानी, विकास अग्रहरि, रेखा, राजकुमार, प्रदीप यादव, संगीता केसरवानी, कमलेश सिंह आदि शामिल रहे।
शिक्षक को बर्खास्त करने का आदेश रद्द

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किए बगैर सहायक अध्यापक को बर्खास्त करने के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशाम्बी के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। कोर्ट ने नियमानुसार नए सिरे से याची को सुनवाई का मौका देते हुए तीन माह में विभागीय जांच कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने प्राइमरी स्कूल मलाक रेजमा सिराथू के सहायक अध्यापक अतुल कुमार की याचिका पर अधिवक्ता अनुराग अग्रहरि व अन्य को सुनकर दिया है। याची 13 फरवरी 2009 में सहायक अध्यापक नियुक्त हुआ था। इस बीच वह लापता हो गया तो बीएसए ने उसे बर्खास्त कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि उसे बिना सुने कार्रवाई की गई।

911 गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला

प्रयागराज। निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत 911 गरीब बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में हुआ है। दूसरे चरण की लॉटरी सोमवार को निकाली गई। दूसरे चरण में कुल 1978 बच्चों ने कक्षा एक एवं पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें से 621 आवेदन निरस्त हो गए। 911 को स्कूल आवंटित हुआ, सीट फुल होने के कारण 446 आवेदक बाहर हो गए। पहले चरण में 2318 बच्चों का प्रवेश हुआ था।

पांच महीने बाद भी छात्रवृत्ति परीक्षा का परिणाम नहीं 

प्रयागराज। राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति योजना परीक्षा 2024-25 का परिणाम पांच महीने बाद भी जारी नहीं हो सका है। इसके चलते परीक्षा में शामिल डेढ़ लाख से अधिक छात्र-छात्राएं परेशान हैं। परीक्षा में सफल प्रदेश के 15143 मेधावी विद्यार्थियों को शिक्षा मंत्रालय की ओर से कक्षा नौ से 12 तक प्रतिमाह एक-एक हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी।राजकीय, सहायता प्राप्त एवं परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा आठ के 188228 विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए आवेदन किया था। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से पांच नवंबर को प्रदेशभर के 435 केंद्रों पर परीक्षा कराई गई थी। इसमें 157622 विद्यार्थी शामिल हुए थे। परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं ने आठवीं पास करके कक्षा में नौ में दाखिला भी ले लिया है लेकिन परिणाम घोषित नहीं हो सका है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि परिणाम तैयार करके जांच के लिए मनोविज्ञानशाला भेजा गया है। परिणाम जल्द जारी होने की उम्मीद है।

हाईकोर्ट टीईटी 2021 में याचियों को दो प्रश्नों के ग्रेस मार्क देने का निर्देश

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपीटीईटी 2021 के दो गलत प्रश्नों के एवज में अभ्यर्थी याचियों को ग्रेस मार्क और यूपी टीईटी 2019 के दो प्रश्नों के लिए याचियों को एक-एक अंक देकर नए सिरे से परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने यूपीटीईटी 2021की अभ्यर्थी ममता यादव एवं 101 अन्य और मुकेश चतुर्वेदी की याचिका पर अधिवक्ता अनुराग अग्रहरि व अन्य को सुनकर दिया है। कोर्ट ने गत दो फरवरी को प्रगति अग्रवाल व 15 अन्य सहित 230 अभ्यर्थियों की याचिकाओं और टीईटी 2019 के अखिलेश व 14 अन्य सहित 727 अभ्यर्थियों की याचिकाओं यही आदेश किया था। इन मामलों मे भी याचियों की स्थिति समान थी इसलिए कोर्ट ने प्रगति अग्रवाल केस के आलोक में याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।याचियों के अधिवक्ता अनुराग अग्रहरि का कहना था कि मोहम्मद रिजवान के केस में जिन प्रश्नों को लेकर कोर्ट में गलती पाई गई थी और ग्रेस मार्क देने का आदेश हुआ था, उन्हीं प्रश्नों को 2021 की परीक्षा में शामिल किया गया है इसलिए याची भी वैसी ही राहत पाने के अधिकारी हैं। सरकार की ओर से कहा गया कि प्रश्न विशेषज्ञ तय करते हैं और कोर्ट विशेषज्ञ नहीं हो सकती। साथ ही जिन याचियों ने आंसर-की पर आपत्ति नहीं की है, उन्हें राहत पाने का अधिकार नहीं है। पिछली परीक्षा के गलत प्रश्न इस परीक्षा में दोबारा लिए गए हैं, इस गलती को सरकार की ओर से स्वीकार किया गया। जो प्रश्न पिछली परीक्षा में क्रमांक 16 व 131 पर थे, वही 2021की परीक्षा में 8 व 141 क्रमांक पर हैं। कोर्ट ने दोनों प्रश्नों के ग्रेस मार्क देने का निर्देश दिया है।2019 की परीक्षा में प्रश्न 83 व 144 सही नहीं पाए गए। कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय से निर्णीत रणविजय सिंह केस के आधार पर याचियों को एक-एक अंक देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अन्य प्रश्नों पर पर्याप्त संदेह न होने के कारण हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

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