01/04/2024

अवध सूत्र

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अवध सूत्र न्यूज़

निजी स्कूलों की यूनिफार्म खरीदना अब और महंगा

शर्ट, पैंट, फ्रॉक, टी शर्ट, लोअर व जूते में 50 से 200 रुपये बढ़ाए

टाई, बेल्ट, मोजे और हेयर बैंड में 10 से 50 रुपये का इजाफा

प्ले वे से नर्सरी तक के बच्चों की भी ड्रेसों के दाम बढ़े

सर्दी की यूनिफार्म तीन से पांच हजार में मिल रही

लखनऊ। नये सत्र के शुरू होते ही निजी स्कूलों के बच्चों की किताबों व कापियों के साथ ही यूनिफार्म के दामों में पांच से 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं।स्कूलों के नामित दुकानदारों ने प्रति शर्ट, पैंट, फ्राक, टी शर्ट, लोअर व जूते में 50 से 200 रुपये तक बढ़ा दिये हैं। वहीं टाई, बेल्ट, मोजे और हेयर बैंड में 10 से 50 रुपये का इजाफा किया। अभिभावकों की जेब पर इस साल प्रति बच्चे 500 से 1000 रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। कई स्कूलों ने यूनिफार्म व जूते में बदलाव कर दिया है। शहर में सीबीएसई, आईसीएसई, आईएससी बोर्ड और यूपी बोर्ड के करीब एक हजार निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों की गर्मी और सर्दी की अलग-अलग यूनिफार्म चलती है। इन स्कूलों में हाउस ड्रेस और स्पोर्ट ड्रेस अलग से चलती है।

नर्सरी के बच्चे की यूनिफार्म 1500 से 2000 रुपये में

अलीगंज स्थित एक निजी स्कूल में प्ले वे से नर्सरी कक्षा के बच्चे की यूनिफार्र्म (गर्मी) 1000 से 1500 रुपये की है। इस स्कूल की नर्सरी के बच्चे यूनिफार्म में शर्ट की कीमत 250, पैंट 280, बेल्ट 160, टाई 60, जूता 500 का है। साथ ही हाउस ड्रेस में टी शर्ट और लोवर 500 रुपये का जूता 300 रुपये का है। कक्षा जबकि कक्षा तीन के बच्चे की शर्ट की कीमत 280, पैंट 300, बेल्ट 170, टाई 80, जूता 650 का है। हाउस ड्रेस 600 से 700की और जूता 300 से 500 रुपये का है। वहीं कक्षा छह के बच्चे की शर्ट 300, पैंट 350, बेल्ट 200, टाई 100, जूता 500 से 800 रुपये, हाउस ड्रेस 800 व जूता 500 से 600 रुपये का। वहीं कक्षा नौ से 12 वीं के बच्चे का शर्ट 350 से 500 रुपये, पैंट 400 से 700 रुपये, बेल्ट 200 से 300 रुपये, टाई 150 रुपये तक, हाउस ड्रेस 1000 से 1500 व जूते की कीमत 1000 तक है। वहीं गोमतीनगर और अंसल गोल्स सिटी के कई नामी स्कूलों में नर्सरी के बच्चों की गर्मी की यूनिफार्म दो से तीन हजार रुपये के बीच है। वहीं सर्दी की यूनीफार्म तीन से पांच हजार रुपये की बीच है।

कपड़े के दाम बढ़ गए

कपड़े के दाम बढ़े हैं। सिलाई महंगी हुई है। यूनीफार्म में स्कूल का नाम व कुछ खास डिजाइन बनानी होती है। बीते साल के मुकाबले इस बार शर्ट, पैंट, जूते व अन्य में औसतन 10 फीसदी दाम बढ़े हैं।

रतन अग्रवालयूनिफार्म विक्रेता, अलीगंज

स्कूलों में एक यूनिफार्म हो

सरकार को चाहिये की स्कूलों में एक यूनिफार्म लागू करे। स्कूल प्रबंधक शर्ट, पैंट, टी शर्ट, लोवर, ट्रैक शूट के नाम पर अभिभावकों से वसूली करा रहे हैं। एक ही यूनिफार्म पूरे हफ्ते चलाएं।

प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अध्यक्ष, अभिभावक कल्याण संघ

एक सेट यूनिफार्म के दाम

कक्षा यूनिफार्म के दाम (इस साल) दाम (बीते साल)

प्ले वे से नर्सरी 1200 से 1700 1000 से 1200

कक्षा एक से पांचवी 2000 से 2500 1800 से 2200

कक्षा छह से आठवीं 2500 से 3000 2000 से 2500

कक्षा नौ से 12 वीं 3000 से 4000 2800 से 3200

प्रदेश भर में आयुष्मान मित्रों की सेवा पर संकट गहराया

कोर्ट गए आयुष्मान मित्रों से समय पूरा होने पर वापस लिया काम

एजेंसी के माध्यम से आयुष्मान मित्रों को रखने की उम्मीद

लखनऊ। प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना को पंख देने वाले आयुष्मान मित्रों की सेवा पर संकट खड़ा गहरा गया है। प्रदेशभर के ज्यादातर आयुष्मान मित्रों की सेवा रविवार को समाप्त हो गई है। कई जिलों में सीएमओ व अस्पताल के अधीक्षक ने आयुष्मान मित्रों को पत्र भेजकर कंप्यूटर आदि सामान कार्यालय में जमा करने का आदेश भी दे दिया है। इससे आयुष्मान मित्र परेशान हैं।प्रदेश भर में 1470 आयुष्मान मित्र या प्रधानमंत्री आरोग्य मित्र (पीएमएएम) सीएमओ स्तर से तमाम केंद्रों, सरकारी अस्पतालों में तैनात हैं। वर्ष 2017-18 में प्रदेश भर के आयुष्मान मित्रों को जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से साक्षात्कार कर सेवा पर रखे गए थे। सीडीओ, सीएमओ समेत समिति के सदस्यों ने आयुष्मान मित्रों का साक्षात्कार लेकर सीधे सीएमओ व अस्पताल के अधिकारी स्तर से भर्ती किया गया था। उन्हें प्रोत्साहन राशि क्लेम के आधार पर पांच से 10 हजार रुपए तक मिलती रही है। कोविड काल में इनकी अहम भूमिका रही थी।साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी संगीता सिंह की ओर से 29 फरवरी में सभी डीएम को जारी आदेश में कहा गया है कि आयुष्मान मित्रों की सेवाएं व अनुबंध मार्च 2024 में समाप्त हो जाएंगी। इसी आधार पर तमाम जिलों के सीएमओ, अस्पतालों के अधीक्षकों ने आयुष्मान मित्रों को पत्र भेजकर सेवाएं 30 मार्च को समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है। उनसे कंप्यूटर व कार्यालय से संबंधित सभी रिकॉर्ड, पत्र आदि जमा करवा लिए हैं। एक अप्रैल से किसी भी आयुष्मान मित्र को अस्पताल या केंद्र पर न आने को कहा गया है। हस्ताक्षर आदि पर भी रोक लगा दी गई है। अब आयुष्मान मित्र असमंजस में हैं।

आयुष्मान मित्रों को निजी एजेंसी के माध्यम से रखने का प्रस्ताव है। कई जिलों में एजेंसी के माध्यम से आयुष्मान मित्रों ने काम भी शुरू कर दिया है। ऐसे आयुष्मान मित्रों की सेवा समाप्त नहीं होगी। जो आयुष्मान मित्र कोर्ट गए थे। कोर्ट के आदेश के अनुसार ही समय पूरा होने पर उन्हें नोटिस देकर सेवा से हटाया जा रहा है। यदि वह चाहेंगे तो उन्हें एजेंसी के माध्यम से वापस रखा जा सकता है।

संगीता सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी साचीज

एजेंसी की मंजूरी पर ही लोन एप दे पाएंगे कर्ज

देश में तेजी से बढ़ रहे अवैध ऋण देने वाले एप

अवैध कर्ज देने वाले एप पर रोक लगाने के लिए डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी के गठन पर विचार

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने और अवैध कर्ज देने वाले एप पर रोक लगाने के लिए डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (डीआईजीआईटीए) के गठन पर विचार कर रहा है। प्रस्तावित एजेंसी ऑनलाइन कर्ज देने वाले एप कंपनियों का सत्यापन करेगी और उसकी मंजूरी के बाद ही ऐसे एप संचालित हो पाएंगे। गौरतलब है कि देश में अवैध ऋण देने वाले एप तेजी से बढ़ रहे हैं।सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित एजेंसी को डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। एजेंसी सत्यापित किए गए ऐप्स का सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी। जिन एप्स पर डीआईजीआईटीए के सत्यापन का निशान नहीं होगा, उन्हें अवैध माना जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस सत्यापन प्रक्रिया से डिजिटल ऋण क्षेत्र के भीतर अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही पैदा करने में मदद करेगी। इससे डिजिटल क्षेत्र में वित्तीय अपराधों के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।

442 एप की सूची सौंपी

इस बीच रिजर्व बैंक ने आईटी मंत्रालय के साथ 442 डिजिटल ऋण देने वाले ऐप की एक सूची साझा की है, ताकि उन्हें गूगल पर प्रतिबंधित किया जा सके। गूगल ने सितंबर 2022 से अगस्त 2023 तक अपने ऐप स्टोर से 2,200 से अधिक डिजिटल तरीके से कर्ज देने वाले ऐप को हटाया है।

भाषा विवि मे संस्थागत और पार्ट टाइम पीएचडी के लिए आवेदन आज से

भाषा विवि ने 18 विषयों में पीएचडी दाखिले की प्रवेश प्रक्रिया शुरू की

प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन 15 अप्रैल तक, 11 मई को परीक्षा, 20 को रिजल्ट

लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में सत्र 2024-25 पीएचडी प्रवेश के लिए आवेदन एक अप्रैल से शुरू होंगे। विश्वविद्यालय में रेगुलर और पार्ट टाइम पीएचडी के लिए अभ्यर्थियों को 15 अप्रैल तक आवेदन करने का समय दिया गया है। अंतिम तिथि निकलने के बाद एक हजार रुपये अतिरिक्त आवेदन शुल्क के साथ 22 अप्रैल तक ऑनलाइन फॉर्म स्वीकार किये जाएंगे। विवि प्रशासन की ओर से जारी निर्देश के अनुसार आवेदन आने के बाद पीएचडी की प्रवेश परीक्षा 11 मई को कराई जाएगी, जिसका एडमिट कार्ड 25 अप्रैल तक जारी कर दिया जायेगा। वहीं, साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों का परिणाम 20 मई को घोषित होगा। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए भाषा विवि की आधिकारिक वेबसाइट पर पोर्टल खोल दिया गया है। इसके साथ ही प्रवेश प्रक्रिया से जुड़ी सभी जानकारी भी अभ्यार्थियों को वेबसाइट पर ही मिल जाएगी।

30 नम्बर साक्षात्कार के मिलेंगे

पीएचडी के लिए एडमिशन प्रक्रिया के अन्तर्गत रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (आरईअी) 70 नंबर की लिखित परीक्षा और 30 नंबर के साक्षात्कार के माध्यम से योग्य अभ्यर्थियों को लिया जायेगा। लिखित परीक्षा शोध एवं विषय आधारित होगी जिसकी अवधि 90 मिनट्स होगी। पीएचडी की पूरी प्रक्रिया ही यूजीसी के नियमों के तहत एवं पीएचडी आर्डिनेंस 2023 के अंतर्गत की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाईट www.kmclu.ac.in पर जानकारी ले सकते हैं।

इन विषयों में आवेदन

भाषा विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश 18 विषयों की 96 सीटों पर मिलेगा। जिसमे इंजीनियरिंग विषय को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही अंग्रेजी और आधुनिक यूरोपीय एवं एशियाई भाषा, अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी-गणित विभाग, अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी-रसायन विज्ञान, अरबी, अर्थशास्त्र, ऊर्दू, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी, कंप्यूटर विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी, गृह विज्ञान, पत्रकारिता एवं जनसंचार,फारसी, यांत्रिक अभियांत्रिकी, वाणिज्य,व्यवसाय प्रशासन, शिक्षा शास्त्र, हिन्दी, शारीरिक शिक्षा और इतिहास विषय शामिल हैं।

यूपी में इस बार अप्रैल से ही सताएंगे लू के थपेड़े

मौसम की मार कई क्षेत्रों में तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंचा

06 जिलों में पारा सामान्य से चार डिग्री तक ज्यादा

02 दिन 30 किमी की रफ्तार से चलेगी पछुआ हवा

लखनऊ। पश्चिमी विक्षोभ के कारण यूपी में अप्रैल शुरू होते-होते गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। जितनी गर्मी मई से जून के बीच पड़ती है, इस बार अप्रैल में ही वैसी परिस्थिति बनती दिख रही है और लोगों को लू के थपेड़े झेलने पड़ सकते हैं। रविवार को कानपुर, लखनऊ समेत यूपी के छह जिलों में अधिकतम तापमान 39 से 40 डिग्री के बीच रहा। दूसरी ओर, पहाड़ी राज्यों अब भी बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है।

सामान्य से ज्यादा तापमान

अमौसी स्थित मौसम केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार जहां तापमान 39 डिग्री या इससे अधिक रहा, उन सभी शहरों में दोपहर तक आंशिक रूप से बादल रहे। हवा का रुख पूर्व से पश्चिम था। शाम तक हवा का रुख बदलने लगा। तब तक ऐसा वातावरण बन गया जिससे सूर्य की ऊष्मा परावर्तित हो कर आसमान में लौट नहीं पाई और सतह गर्म होती चली गई। यही वजह रही जो लखनऊ में पारा सामान्य से 3.8, वाराणसी में 4.3, प्रयागराज में 4.0, आगरा में 3.9 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।

सोमवार को मामूली गिरावट, फिर बढ़ेगा पारा

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ निकल चुका है। इसके आगे निकलते ही तेज सतही पछुआ सोमवार से चलना शुरू होगी जो मंगलवार तक जारी रहेगी। इससे प्रदेश के कई जिलों में हवा की रफ्तार 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है। इससे तापमान में मामलूी गिरावट आएगी। मंगलवार के बाद से तापमान फिर से बढ़ना शुरू होगा। लू चलने की भी आशंका है। आगे चलकर हीट वेव का खतरा भी हो सकता है।हिमाचल में बर्फबारी एक तरफ तो मैदान गर्मी से बेहाल हैं वहीं पहाड़ों पर बर्फबारी और बारिश का दौर अभी जारी है। हिमाचल के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी जारी रही, जबकि निचली पहाड़ियों पर व्यापक बारिश हुई। स्थानीय मौसम कार्यालय ने 1 अप्रैल को छोड़कर 6 अप्रैल तक राज्य में बारिश की भविष्यवाणी की है।

क्या होती है हीट वेव

यदि तापमान 45 डिग्री के पार हो तो हीट वेव कहलाती है। इसके अलावा यदि तापमान 40 डिग्री से अधिक हो और सामान्य से 4.5 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया हो। यह परिस्थिति दो दिन लगातार रहे तो हीट वेव कहलाती है। हीट स्ट्रोक से सिर्फ सावधानी ही बचा सकती है। बीपी, शुगर चेक कराते रहें, नियमित दवाएं भी लेते रहें।

लखनऊ में 39, कानपुर में पारा 40 डिग्री

कानपुर नगर में रविवार को तापमान 40 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं लखनऊ में पारा 39.0, प्रयागराज में 39.5, आगरा में 39.3 और वाराणसी में 39.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। फुर्सतगंज रायरबरेली में तापमान 39.3 दर्ज किया गया। आगरा में गर्मी के चलते ताजमहल पर सात दिन में करीब एक दर्जन सैलानी बेहोश हो चुके हैं।

छह कस्तूरबा में शुरू होगी इंटर तक की पढ़ाई

सिद्धार्थनगर। जिले के छह कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में नए शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से इंटर तक की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इन विद्यालयों को उच्चीकृत किया गया है। इनमें आठवीं से उत्तीर्ण विद्यालय की छात्राओं संग नए एडमिशन भी होंगे। इससे जरूरतमंद बेटियों को शिक्षा के साथ आवासीय सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।जिले के संचालित 13 ब्लॉक में छह कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में छठवीं से आठवीं तक ही छात्राओं को पढ़ाई के साथ आवासीय सुविधा दी जाती है। कुल 600 छात्राएं पढ़ती हैं। आठवीं की पढ़ाई के बाद उन्हें नौवीं से इंटर के लिए अन्यत्र जाना पड़ता था। इससे कई अभिभावक आगे की पढ़ाई रोक देते हैं। इस पर सरकार ने जिले के कस्तूरबा विद्यालयों को इंटर तक उच्चीकृत करने के लिए पहल की है। जनपद के जोगिया, उस्का बाजार, नौगढ़, मिठवल, खुनियांव और डुमरियागंज के कस्तूरबा विद्यालयों में अब अप्रैल से इंटर तक की पढ़ाई के लिए जरूरी उपकरण की खरीद जैम पोर्टल के माध्यम से विभाग कर रहा है। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कस्तूरबा विद्यालयों में कक्षा व आवास बनकर तैयार है। अप्रैल 2024 से नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यहां फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी की लैब भी तैयार की गई है। साथ ही स्मार्ट क्लास रूम, बेहतर फर्नीचर की सुविधाओं के साथ तैयार किए गए हैं।

जिले के छह ब्लॉकों में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में नए सत्र से नौवीं कक्षा में विज्ञान वर्ग की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसकी तैयारी कर ली गई है। जोगिया और डुमरियागंज ब्लॉक में छात्रावास भी अलग से बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि अन्य चार में एक ही कैंपस में शिक्षक कक्ष और छात्रावास की व्यवस्था है।

– सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा।

आज से शुरू होगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान

लखनऊ। प्रदेश में एक से 30 अप्रैल तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलेगा। सोमवार से शुरू हो रहे इस अभियान में संचारी यानी वेक्टरजनित रोगों को नियंत्रित करने के लिए विविध गतिविधियां चलाई जाएंगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ 12 अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी जुटेंगे। अभियान में जलजनित रोगों से बचाव के उपाय बताए जाएंगे। लू से बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों को विद्यालयों व आम लोगों में प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, सभी जिलों में 10 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान भी चलेगा। इसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर साफ- सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), फाइलेरिया, काला जार, कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों, कुपोषित बच्चों का नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि का ब्योरा ई कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगी।

मलेरिया मुक्त होंगे 15 जिले वर्ष 2025 तक

मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य पाने के लिए इस वर्ष के अंत तक यूपी के 15 जिलों को पूर्ण रूप से मलेरिया मुक्त करना है। इनमें अमेठी, चंदौली, सहारनपुर, मथुरा, चित्रकूट, महोबा, रायबरेली, मैनपुरी, ललितपुर, बस्ती, गाजीपुर, आजमगढ़, देवरिया, जालौन और अंबेडकरनगर शामिल हैं।

शिक्षक-कर्मचारी आज काली पट्टी बांधकर एनपीएस का करेंगे विरोध

लखनऊ। एक अप्रैल सोमवार को प्रदेश भर के शिक्षक-कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) का विरोध दर्ज कराएंगे। अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने बताया कि प्रदेश में एक अप्रैल 2005 से नई पेंशन योजना लागू कर पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर दिया गया था। अटेवा हर साल एक अप्रैल को एनपीएस का विरोध दर्ज कराकर सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि एनपीएस की सच्चाई अब सामने आने लगी है। किसी को 500, किसी को 1200 तो किसी को 1800 रुपये पेंशन के रूप में मिल रही है। इससे न तो उसका और न उसके परिवार का भरण पोषण हो रहा है। इसीलिए एनपीएस को लेकर लोगों में आक्रोश है। अटेवा के प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि नई पेंशन योजना से सरकारी कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। सेवानिवृत्त होने के बाद सरकारी कर्मचारी दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। यही वजह है कि कल पूरे प्रदेश का शिक्षक कर्मचारी काली पट्टी बंद करके एनपीएस के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराएगा।

जेल में बंद कर्मचारी की निलंबन अवधि पर ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ का सिद्धांत लागू नहीं : हाईकोर्ट

प्रयागराज। इलाहाचाद हाईकोर्ट ने कहा कि जेल में बंद कर्मचारी की निलंबन अवधि पर ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ का सिद्धांत लागू मामला दो नाहीं होता। वह भी तब जष कर्मचारी आपराधिक मामले से बरी होकर सेवा में बहाल हो जाए और उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू न की गई हो। यह फैसला न्यायमूर्ति अजीत कुमार को एकल पीठ ने याची अनिल सिंह की ओर से निलंबन अवधि के नियमित भुगतान से इन्कार करने वाले विभागीय आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। सरकार को 30 दिन में याची के बकाये वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया है। याची फतेहपुर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में लिपिक के पद पर कार्यरत था। वह एक आपराधिक मामले में अगस्त 2009 से जनवरी 2016 तक जेल में निरुद्ध था। इसके कारण उसे निलंबित कर दिया गया था। छह साल चले आपराधिक मुकदमे से वर्ष 2016 में उसे बरी कर दिया गया। जेल से वापस लौटने के बाद उसकी सेवाएं बहाल कर दी गई। सेवा बहाली के बाद उसने निलंबन अवधि के नियमित वेतन भुगतान की मांग की तो विभाग ने उसके दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जेल में रहने के कारण बिताई गई निलंबन अवधि में उसने काम नहीं किया है। इसलिए उसे नियमित वेतन पाने का हक नहीं है। विभागीय आदेश के खिलाफ बाची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याची के अधिवक्ता विमल चंद्र मिश्रा ने दलील दी कि प्रतिवादियों ने याची को जेल में हिरासत के कारण निलंबित किया। साथ ही आपराधिक मामले से बरी होने के बाद उसका निलंबन आदेश रद्दद कर सेवा बहाल कर दी। इस दौरान उसके खिलाफ न तो अनुशासनात्मक जांच और न ही विभागीय कार्यवाही हुई। याची निलंबन अवधि के नियमित वेतन का भुगतान पाने का अधिकारी है। जबकि, राज्य सरकार की ओर से स्थायी अधिवक्ता का कहना था कि याची भले ही बरी कर दिया गया है, लेकिन वह बइज्जत चरी नहीं है। इसलिए वह निलंबन अवधि के नियमित वेतन भुगतान का हकदार नहीं है।कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि मौजूदा मामले में याची को बिना जांच के सिर्फ जेल में रहने के कारण निलंबित कर दिया गया और आपराधिक मामले से बरी होने के बाद निलंबन तुरंत रद्द भी कर दिया गया। दोषमु‌क्ति के फैसले के खिलाफ कोई अपील नहीं की गई। इसलिए इस मामले में ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ का सिद्धांत लागू किया जाना अनुचित है।कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि अगर याची को आपराधिक मामले में जमानत मिली होती और उसे केवल निलंबित रखा गया होता तो ‘काम नहीं तो वेतन नहीं का सिद्धांत लागू हो सकता था। इस मामले में याची जेल जाने से लेकर बरी होने तक न्यायिक हिरासत में ही रहा। इसलिए याची की ओर से यह प्रमाण पत्र देने का कोई सवाल भी नहीं उठता कि वह निलंबन अवधि में कहीं भी लाभकारी रूप से कार्यरत था या नहीं।

आज से नए सत्र के लिए खुल जाएंगे स्कूल, किताबें पहुंची

प्रयागराज। जिले के ढाई हजार से अधिक स्कूलों में सोमवार से नया शैक्षणिक सत्र 2024-25 शुरू होगा। कक्षा तीन से आठ तक की 22 लाख से अधिक किताबें पहुंच चुकी हैं और 84 प्रतिशत से अधिक किताबें स्कूलों को भेज दी गई है। अंग्रेजी और उर्दू माध्यम की भी 80 प्रतिशत किताबें पहुंच चुकी हैं।पहले दिन तीन से आठ तक के बच्चों को निशुल्क किताबें मिल जाएंगी। कक्षा एक व दो के बच्चों की किताबें छपकर नहीं मिली है। इस साल से कक्षा एक व दो में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें लागू हो रही हैं। इन किताबों को उत्तर प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में कस्टमाइज करने के साथ एनसीईआरटी और बेसिक शिक्षा परिषद से मंजूरी लेने में समय लगने के कारण छपाई में देरी हुई है।

रेलवे विभाग के सहयोग से मतदाताओं को किया जाएगा जागरूक

लखनऊ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए रेल मंत्रालय का भी सहयोग लिया जा रहा है। अधिक से अधिक मतदान के लिए आयोग ने भारतीय रेलवे के विशाल बुनियादी ढांचे का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय के माध्यम से जो गतिविधियां संचालित की जानी हैं, उनमें मतदाता जागरूकता पर पूर्व-रिकॉर्ड की गई घोषणाओं को चलाना और पात्र मतदाताओं को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करना है। प्रमुख रेलवे स्टेशनों के डिस्प्ले पर मतदाता जागरूकता टीवीसी फिल्में चलाना, प्रमुख रेलवे स्टेशनों के सभी प्रमुख स्थानों पर मतदाता जागरूकता पोस्टर का प्रदर्शन और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों के प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग लगाए जाएंगे।इसके साथ ही राजधानी, शताब्दी, दुरंतो एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में, जिनमें सार्वजनिक संबोधन प्रणाली है, ट्रेन के आरंभिक स्टेशन / मध्यवर्ती स्टेशन से ट्रेन के प्रस्थान और आगमन के समय पूर्व में रिकॉर्ड की गई घोषणाएं प्रसारित की जा सकती हैं। आईआरसीटीसी द्वारा जारी इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची (ईआरएस) ई-टिकटों में फ़ुटनोट स्ट्रिप बैंड के रूप में सामग्री सम्मिलित करना तथा रेलवे एवं आईआरसीटीसी वेबसाइटों पर टैगलाइन, लोगो प्रदर्शित करना भी शामिल है।

एलयू का आज दौरा करेगी 23 देशों की लेखा परीक्षकों की टीम

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय का दौरा सोमवार को 23 देशों के 34 लेखा परीक्षकों की टीम करेगी। इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंफॉर्मेशन सिस्टम्स एंड ऑडिट (आईसीआईएसए) द्वारा प्रदर्शन ऑडिट पर आयोजित किए जा रहे 159वें अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण निष्पादन लेखा परीक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत यह दौरा होगा। इस यात्रा के दौरान विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और उन प्रक्रियाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रस्तुति दी जाएगी। प्रस्तुतिकरण में विश्वविद्यालय द्वारा की गई वित्तीय, प्रशासनिक और लेखा परीक्षा प्रक्रियाओं का विवरण भी शामिल होगा। प्रेजेंटेशन के बाद अंतरराष्ट्रीय टीम के साथ विश्वविद्यालय के अधिकारियों की बातचीत होगी। इसके बाद प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व विभाग और पर्यटन अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. पीयूष भार्गव टीम को ऐतिहासिक भवनों का दौरा करवाएंगे और उसके बारे में जानकारी देंगे। टीम पुरातत्व संग्रहालय, मानव विज्ञान संग्रहालय, टैगोर पुस्तकालय संग्रहालय, इसके चित्रों, मूर्तियों और दुर्लभ पांडुलिपियों के साथ, भूविज्ञान संग्रहालय और प्राणीशास्त्र विभाग में प्रोफेसर एस सी बॉघ संग्रहालय का दौरा करेगी। इस टीम में बांग्लादेश, भूटान, ब्रूनेई दारुसलम, बुरुंडी, चिली, जॉर्जिया, गुयाना, भारत, लाओस, लातविया, मलावी, मालदीव, मॉरीशस, मोरोक्को, नेपाल, नाइजर, नाइजीरिया, पेरू, रूस, समोआ, तंजानिया, ट्यूनीशिया और जांबिया के प्रतिनिधि शामिल हैं।

प्राइमरी,माध्यमिक स्कूलों का आज से बदला समय

लखनऊ। प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों के समय में सोमवार से बदलाव होगा। प्राइमरी स्कूल सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक खुलेंगे। जबकि माध्यमिक स्कूल सुबह 7:50 से दोपहर 12:50 बजे तक खुलेंगे। एक अप्रैल से 30 सितम्बर तक स्कूल इसी समय से खुलेंगे और बंद होंगे। डीआईओएस राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि सोमवार से स्कूलों में नया सत्र शुरू हो रहा है। सभी प्रधानाध्यापकों निर्देश दिये गए हैं कि पहले दिन से बच्चों की पढ़ाई शुरू कराएं। कक्षा छह और नौ में बच्चों के नये दाखिले लेकर नामांकन संख्या।

यूनिरैंक में एलयू की 33वीं रैंक,10 अंकों की छलांग

लखनऊ। यूनिरैंक यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 जारी कर दी गई है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने रैंकिंग में छलांग लगाते हुए इस वर्ष 33वां स्थान मिला हैं। वहीं वर्ष 2023 की रैंकिंग में एलयू को 46वां स्थान मिला था। यूनिरैंक की उच्च शैक्षणिक संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग में लखनऊ विश्वविद्यालय एक बार फिर शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में शामिल हो गया है। इस रैंकिंग में आईआईटी, एनआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय और निजी विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं। राज्य वित्त पोषित गैर-तकनीकी विश्वविद्यालयों में लखनऊ विश्वविद्यालय ने राज्य में शीर्ष स्थान हासिल किया है। रैंकिंग में 887 भारतीय संस्थानों शामिल हैं।

रैंकिंग में लखनऊ के 14 संस्थान शामिल

यूनिरैंक यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में एलयू समेत लखनऊ के 14 संस्थान शामिल हैं। जिनमें एकेटीयू को 31 वीं रैंक मिली है। वहीं एसजीपीजीआई को 198वीं, बीबीएयू को 199, केजीएमयू को 201, भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान को 250 वीं, इंटीग्रल विवि को 306, डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय को 324, महर्षि विश्वविद्यालय को 411 बीबीडी को 482, डा. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय को 509, भाषा विश्वविद्यालय को 594, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय को 740 एवं युग विश्वविद्यालय को 750वीं रैंक मिली है।

क्या है यूनिरैंक

2005 में स्थापित,यूनीरैंक अग्रणी अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा पोर्टल और खोज इंजन है जो 200 देशों में 13,900 से अधिक आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की समीक्षा और रैंकिंग तैयार करता है। यूनीरैंक यूनिवर्सिटी रैंकिंग एक एल्गोरिदम पर आधारित है।

क्या है रैंकिंग का आधार

● न्यूनतम ट्रस्ट फ्लो (55) के साथ मैजेस्टिक रेफरिंग डोमेन

● सिमिलरवेब ग्लोबल रैंक (35)

● मोजेजे डोमेन प्राधिकरण (5)

● मैजेस्टिक ट्रस्ट फ्लो (5)।

विभिन्न वैश्विक शैक्षणिक रैंकिंग में लखनऊ विश्वविद्यालय की निरंतर वृद्धि ने शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को साबित किया है। हमारा प्रयास निरंतर शिक्षण को बेहतर करना है।

प्रो. आलोक कुमार राय, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्याल।

सीयूईटी आवेदन अब पांच अप्रैल तक

नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने रविवार को घोषणा की कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी)-यूजी के लिए आवेदन की समय सीमा 5 अप्रैल रात 950 बजे तक बढ़ा दी गई है। पहली समय सीमा 26 मार्च थी, जिसे पहले बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया था।

पेपर लीक आरोपियों से घंटों पूछताछ की

लखनऊ । सिपाही भर्ती परीक्षा के पर्चा लीक मामले में एसटीएफ ने लखनऊ के एक कालेज के प्रबन्धक समेत दो लोगों से कई घंटे पूछताछ की। इनमें से एक आरोपी के सम्पर्क में कई ऐसे अभ्यर्थी थे जिन्होंने लीक पर्चा पाने के लिये रकम दी थी।एसटीएफ ने शनिवार को दोनों लोगों को पूछताछ के लिये बुलाया था। इसमें से एक को छोड़ दिया गया है जबकि दूसरे शख्स से पूछताछ की जा रही है।एसटीएफ ने इसी महीने खुलासा किया था कि हरियाणा के एक रिजार्ट में करीब एक हजार अभ्यर्थियों को लीक पर्चा दिया गया था। फिर यहां से ही यह पर्चा कई दूसरे जिलों व प्रदेशों तक पहुंचाया गया था।

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