अवध सूत्र पर बड़ी ख़बरे
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Mohammad Siraj
अवध सूत्र पर बड़ी ख़बरे
प्राइमरी स्कूल के कक्षा एक के बच्चे 12 हफ्ते तक सिर्फ खेलेंगे-कूदेंगे
बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया 12 हफ्ते का स्कूल रेडिनेस कलेंडर
बाल वाटिका और कक्षा एक के बच्चे सिर्फ खेलेंगे, कविता, पेंटिंग बनाएंगे
12 सप्ताह तक बच्चों को सिर्फ स्कूल से जोड़ने वाली गतिविधियां ही होंगी
चार सप्ताह के कार्यक्रम में बच्चों को भाषा और गणित की जानकारी देंगे
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता:प्राइमरी स्कूलों के कक्षा एक के बच्चे शुरूआत के 12 हफ्ते सिर्फ खेलकूद की विभिन्न गतिविधियों से स्कूल के माहौल से जुड़ेंगे। बच्चों को कहानियां सुनायी जाएंगी। शब्द ज्ञान के साथ रोज उपयोग में लायी जाने वाली चीजों व वस्तुओं के बारे में बताया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल रेडिनेस कलेंडर के तहत कई गतिविधियां जारी की हैं। स्कूल महानिदेशक ने बीएसए को निर्देशित किया कि 10 अप्रैल से लागू कराएं।बीएसए अरुण कुमार का कहना है कि बताया कि बाल वाटिका व कक्षा एक में दाखिला लेने वाले बच्चों को स्कूल रेडिनेस कलेंडर गतिविधियों के तहत 12 हफ्ते तक सिखाया जाएगा। इसमें शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों को शामिल किया जाएगा। शिक्षक गतिविधि वार डायरी बनाएंगे। इसी के तहत बच्चों को खेलकूद व अन्य गतिविधियां बताएंगे।
बच्चे यह चीजें सीखेंगे
बीएसए ने बताया कि रेडिनेस कलेंडर के तहत शिक्षक बच्चों के साथ चित्रों, वस्तुओं, उनके आस-पास की चीज़ों के बारे बताएंगे। शब्द व भाषा ज्ञान की जानकारी देंगे। कहानी व कविता सुनाएंगे। बोलने, समझने, चीजों में अंतर, तुलना आदि के बारे में बताएंगे। बच्चों को वर्णमाला, अंक, रेखाएं, गोला आदि बनाना बताएंगे।निपुण भारत मिशन के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कक्षा एक के बच्चों के लिए स्कूल रेडिनेस कलेंडर आधारित कार्यक्रम तैयार किया गया है। पांच से छह साल की उम्र के बच्चे खेलकूद के साथ अधिक सीखते हैं। बच्चों के कौशल विकास को लेकर 12 हफ्ते के कार्यक्रम में अलग-अलग गतविधियां शामिल की गईं है।
तबादले को तरस रहे शिक्षक,पर्दे के पीछे खेल
मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों की सूचना से खुलासा
कई स्कूल के शिक्षकों का अंदरखाने हो गया स्थानांतरण
लंबे समय से नहीं हुए शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादल
प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत सामान्य शिक्षक भले ही अंतरजनपदीय तबादले के लिए तरस रहे हों लेकिन ऊंची पहुंच रखने वाले शिक्षकों का पिछले दरवाजे से बेधड़क तबादला हो रहा है। घरेलू समस्याओं, परिजनों के गंभीर रूप से बीमार होने समेत अन्य कारणों से अपने गृह जनपद या आसपास के जिले में तैनाती के लिए सैकड़ों परिषदीय शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी हर बार तबादले की कोई नीति न होने का बहाना बनाकर इनके आवेदन निरस्त करते रहे लेकिन कुछ खास शिक्षकों को चुपके से मनपसंद जिले में भेज दिया गया। हालांकि मानव संपदा पोर्टल ने इस खेल का खुलासा कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर 2019 में शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले की प्रक्रिया शुरू हुई थी और कानूनी लड़ाई के बाद मार्च 2021 में तैनाती मिल सकी थी। पूर्व के वर्षों में भी ऊंची पहुंच वाले शिक्षकों के नियम-कानून ताक पर रखकर ऑफलाइन तबादले होते रहे हैं।
बलरामपुर के प्राथमिक विद्यालय पिपरा खास में 30 अगस्त 2016 को नियुक्त शिक्षिका शिखा कनौजिया का चार जनवरी 2023 को आगरा तबादला हो गया। उन्होंने छह जनवरी को कार्यभार भी ग्रहण कर लिया। शिखा का गृह जनपद कानपुर नगर है।
सिद्धार्थनगर के प्राथमिक विद्यालय भरामा में नौ जनवरी 2015 को नियुक्त शिक्षिका कविता रानी का 14 जनवरी 2023 को उनके गृह जनपद बिजनौर में तबादला हो गया। मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट सूचना के मुताबिक उन्होंने बिजनौर में 16 जनवरी को कार्यभार ग्रहण कर लिया।
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इविवि के दो और विभागों को मिले 11 नए शिक्षक
कार्य परिषद की बैठक में अर्थशास्त्रत्त् व डिफेंस का खुला लिफाफा
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दो और विभागों को 11 नए शिक्षक मिल गए हैं। कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में अर्थशास्त्रत्त् व रक्षा अध्ययन विभाग की सेलेक्शन कमेटी का लिफाफा खोला गया। इसके साथ ही विभिन्न वर्गों में 74 नए गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के चयन को भी कार्यकारिणी ने अनुमोदित कर दिया। इविवि के 22 विषयों में अब तक 288 शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है।पीआरओ प्रो. जया कपूर के अनुसार पिछले दो सालों में नियुक्त हुए शिक्षकों की संख्या 288 हो गई है। जबकि 335 गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती हो चुकी है। कुल मिलाकर विश्वविद्यालय ने 623 नई नियुक्तियां देकर विश्वविद्यालय को एक नवजीवन प्रदान किया है। अर्थशास्त्रत्त् विभाग में एक एसोसिएट प्रोफेसर एवं आठ असिस्टेंट प्रोफेसर, डिफेंस एवं स्ट्रैटेजिक अध्ययन विभाग में दो असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त किए गए। डिफेंस स्टडीज विभाग में एक लिफाफा हाईकोर्ट के आदेश के अंतर्गत नहीं खोला गया है। अर्थशास्त्रत्त् विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डॉ. भारतेंदु कुमार चतुर्वेदी, असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर आदिती पांडेय, पूजा श्रीवास्तव, समेधा पांडेय, सुधीर, गरिमा मौर्या, मनोरंजन साहू, कप्पा कुंडल, बालाजी का चयन हुआ है। वहीं, डिफेंस में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर एस धामी और जे खचे की नियुक्ति हुई है।
हर विभाग के लिए रिसर्च एडवाइजरी कमेटी का अनुमोदन
कार्य परिषद ने हर विभाग में एक रिसर्च एडवाइजरी कमेटी को भी अनुमोदन दिया। केमिस्ट्री विभाग की नई निमार्णाधीन इमारत में बायोकेमिस्ट्री विभाग भी स्थानांतरित करने पर काउंसिल ने मुहर लगा दी है। पीआरओ प्रो. जया कपूर ने बताया कि यूजीसी के द्वारा निर्गत नियमों एवं प्रक्रिया के अंतर्गत बनाई गई समिति के रिकमेन्डेशन पर अर्थशास्त्रत्त् विभाग की अस्सिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीपशिखा सोनकर को नो वर्क नो पेय के अंतर्गत रखा जाएगा।
पांच शिक्षकों को कैस के तहत मिला प्रमोशन
इविवि के अर्थशास्त्रत्त् विभाग के पांच शिक्षकों को कैस के तहत प्रमोशन दिया गया। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर स्टेज 2 से स्टेज 3 में प्रोन्न्त पर काउंसिल ने मुहर लगाई। इसमें डॉ. धर्मनाथ उराँव, डॉ. करीमुल्ला, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. रेखा गुप्ता एवं डॉ. स्वाति जैन शामिल हैं।
मूल्यांकन, आधी से अधिक कॉपियां जांची
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन शुरू होने के छठवें दिन गुरुवार तक आधे से अधिक उत्तरपुस्तिकाएं जांची जा चुकी है। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बुधवार को गूगल मीट में सभी नियंत्रकों (जिला विद्यालय निरीक्षकों) को निर्देशित किया है कि मूल्यांकन पूरा करने की निर्धारित तिथि एक अप्रैल से चार दिन पहले 28 मार्च कर लिया जाए।प्रदेशभर के 258 केंद्रों पर 10वीं-12वीं की 3.19 करोड़ कॉपियों का मूल्यांकन 18 मार्च को शुरू हुआ था। इनमें गुरुवार तक 1,67,20,732 कॉपियां जांच ली गई थी।
जंच चुकी छह लाख कॉपियां
जिले के दस केंद्रों में गुरुवार तक छह लाख से अधिक कॉपियां जांची जा चुकी हैं। जीआईसी, जीजीआईसी, कुलभाष्कर, केसर विद्यापीठ, एंग्लो बंगाली, भारत स्काउट एवं गाइड, अग्रसेन, सीएवी, केपी और क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज में 12,17,208 उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए आवंटित हैं।
’मैं बैंक मैनेजर बनना चाहता हूं, अच्छे नंबर दे दें’
हाईस्कूल, इंटरमीडिएट की कॉपियों में रोचक अंदाज में पास करने की अपील मिल रही है। एक छात्र ने लिखा है-सर मैं बैंक मैनेजर बनना चाहता हूं। मेरी चार बहनें हैं और मैं अकेला लड़का हूं। पापा जी के टांग व हाथ में फालिस मारा है। मुझे अच्छे नंबर दें।
कोरोना के नए स्वरूप पर सतर्कता बरतें राज्य:केंद्र
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘एक्सबीबी 1.16’ के 344 मामले सामने आए हैं। संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र ने राज्यों को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। देश में कोविड संबंधी तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल की जाएगी।केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को बताया कि जनवरी से मार्च तक हुए जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान ओमीक्रोन के 12 उपस्वरूप के कुल 1008 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें सबसे ज्यादा 344 मामले एक्सबीबी 1.16 के हैं। इनमें पांच राज्यों ही महाराष्ट्र में 105, तेलंगाना में 93, कर्नाटक में 57, गुजरात में 54 और दिल्ली में 19 संक्रमण के मामले मिले हैं। राजेश भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 दिसंबर को कोरोना से जुड़ी तैयारियों को परखने के लिए देशभर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल की थी।
गणित और अंग्रेजी के प्रश्न पत्र में पूछे 20 गलत सवाल
लखनऊ, कार्यालय संवाददाता। कक्षा छह, सात व आठ के गणित और अंग्रेजी के प्रश्न पत्र में गलत और अधूरे सवालों ने बच्चों के साथ शिक्षकों को भी उलझाया। प्रश्न पत्र में करीब 20 सवाल गलत और अधूरे पूछे गए। शिक्षकों में खासी नाराजगी है। प्रश्न पत्र बनाने व छापने के बाद अधिकारियों ने बिना जांच के स्कूलों को दे दिये।प्राइमरी और जूनियर परीक्षा के प्रश्न पत्रों में लगातार गलतियां निकल रही हैं। पहले विज्ञान के प्रश्न पत्र में गलतियां अब गणित और अंग्रेजी के विषय में। इससे बच्चे और शिक्षक परेशान हैं। एक शिक्षक ने बताया कि छठवीं की गणित में चार सवाल अधूरे हैं। प्रश्न संख्या-2 (ख) निम्नलिखित पूर्णांकों के योगात्मक प्रतिलोम बताइये, लेकिन प्रश्न पत्र में संख्या नहीं दी।
अधूरे सवाल पूछे गए
● कक्षा सात गणित में दो अधूरे सवाल हैं। प्रश्न 1 (ड़) अधूरा है। तीन में बिन्दु चित्र में नहीं हैं।
● आठवीं के गणित के प्रश्न संख्या 1 (क) गलत है। प्रश्न संख्या तीन (ख) में उस वृत्त की परिधि ज्ञात कीजिये, जिसकी त्रिज्या 21 सेमी है। यही प्रश्न प्रश्न संख्या चार (ख) में दोबारा पूछा गया।
प्रश्न पत्र की छपाई में कुछ सवालों में गलतियां सामने आयी हैं। प्रश्न पत्रों की जांच के लिए बनी कमेटी व प्रश्न पत्र छापने वाले को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
अरुण कुमार, बीएसए
पीएचडी प्रवेश परीक्षा परिणाम जारी हुए
लखनऊ। एलयू में फुल टाइम पीएचडी की प्रवेश परीक्षा के नतीजे गुरुवार को जारी कर दिए गए हैं। अब साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू होगी। इसकी तिथि जल्द जारी की जाएगी। लिखित और साक्षात्कार के अंकों को जोड़ कर अंतिम परिणाम जारी किया जाएगा।
पाठ्यक्रमों के क्रेडिट सिस्टम पर विशेषज्ञ समिति ने की चर्चा
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के दोबारा दाखिले के लिए गठित समिति की बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यूजीसी के क्रेडिट सिस्टम पर सभी सदस्यों ने अपनी राय साझा की।अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि सदस्यों ने मुख्य रूप से चार वर्ष के सामान्य ऑनर्स कोर्स एवं शोध आनर्स, सेमेस्टरों में चलने वाले कोर्स में मेजर, माइनर, अन्तर विषयक, एबेलिटी एवं स्किल इन्हेंसमेंट के साथ वैल्यू एडेड कोर्सेस में निर्धारित क्रेडिटों की संख्या पर चर्चा की। साथ ही इंटर्नशिप, शोध प्रोजेक्ट, डिसर्जेटेशन आदि पर भी बात हुई। समिति की बैठक में वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो. आरके महेश्वरी, कला संकायाध्यक्ष प्रो. अरविन्द अवस्थी, भूगर्भ विज्ञान विभाग के प्रो. विभूति राय, सुभाष व आइटी कालेज की प्राचार्या और व्यापार प्रशासन विभाग की प्रो. संगीता साहू उपस्थित रही।
संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ का चुनाव 12 को
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ (ऑक्टा) चुनाव को लेकर घोषणा कर दी गई है। ऑक्टा कार्यकारिणी का चुनाव 12 अप्रैल को होगा। चुनाव के लिए इविवि के पूर्व वित्त अधिकारी एवं सीएमपी के कॉमर्स विभाग के डॉ. सुनील कांत मिश्र को मुख्य चुनाव अधिकारी बनाया गया है। जबकि जगत तारन डिग्री कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीलम कांत व सीएमपी डिग्री कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मीना राय को उप चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष महिला, जनरल सेक्रेटरी, जूनियर सेक्रेटरी पदों के लिए छह एवं सात अप्रैल को नामांकन होगा। सात को ही नामांकन वापस लिए जाएंगे। साथ ही इसी दिन अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। 12 अप्रैल को सुबह साढ़े दस से 2.30 तक मतदान होगा। मतगणना के बाद रिजल्ट जारी दिया जाएगा।
सीएम योगी ने वितरित किए नियुक्ति पत्र: बोले, छह वर्षों में साढ़े पांच लाख से ज्यादा युवाओं को दी नौकरी
लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 496 युवा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। इस मौके पर उन्होंने नव चयनित अधिकारियों से कहा कि सेवा सरकारी सेवा के शुरूआती दस साल के कार्य ही आपके कैरियर की मजबूत नींव रखेंगे। अगर इस दौरान भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लगे तो आपकी सेवा की नींव कमजोर हो जाएगी। इसलिए आप को संवेदनशीलता से काम करेंगे तो जनता के बीच बेहतर छाप छोड़ पाएंगे।नियुक्ति एवं कार्मिकत विभाग द्वारा लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नव चयनित अधिकारियों को सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को बिना भेदभाव के मुहैया कराने की सलाह देते हुए कहा कि आप जनसुनवाई के जरिए जनता की समस्या का निस्तारण तत्परता से करेंगे तो छवि बनेगी। उन्होंने कहा कि सेवा के शुरूआती वर्षों में आप अपना व्यवहार जन भावनाओं के अनुरूप बनाएंगे तो सरकारी सेवा का भवन भी उतना ही मजबूत होगा। मुख्यमंत्री ने कहा आज जिन लोगों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है, उनमें से मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग से पढ़ाई करने वाले 43 अभ्यर्थी भी शामिल हैं।नवचयनित अधिकारियों को शुभकामना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते छह साल के दौरान मौजूदा सरकार द्वारा पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ साढ़े पांच लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। प्रदेश में एक तरफ जहां शासकीय सेवाओं में नियुक्ति प्रक्रिया चलाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ निजी क्षेत्र में भी नौजवानों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिशन रोजगार युवाओं के सपने को उड़ान देने वाला है। उन्होंने कहा कि 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने एक नई छलांग लगाई है। छह वर्ष पहले इन्हीं नौजवानों के सामने पहचान का संकट था। अब इन युवाओं को देश के किसी भी राज्य में अपने राज्य के बारे में बताने से कोई हिचक नहीं होती।योगी ने कहा कि ये वही राज्य है जहां विकास के कार्यों में माफिया हावी होते थे। नियुक्ति और ट्रांसफर प्रक्रिया ताश के पत्तों की तरह फेंटी जाती थी। ये वही प्रदेश है जहां हर तीसरे दिन दंगा होता था। निवेश नहीं आता था। निवेशक अपने संस्थान बंद करके जाने लगे थे। कोई नहीं मानता था कि उत्तर प्रदेश कभी सुधरेगा, लेकिन आज तस्वीर बदली है। अब गांव और शहर हर क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहा है। युवा शक्ति जो पलायन करने पर मजबूर थी,आज जब उन्हें अपने प्रदेश में सम्मान मिल रहा है तो बदली हुई तस्वीर हम सबके सामने है। उत्तर प्रदेश की उन सभी नियामक संस्थाओं में शुचिता व पारदर्शिता देखने को मिल रही है, जिनपर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों की नियुक्ति प्रक्रिया को ससमय सम्पन्न कराने का दायित्व है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले छह वर्षों में हमारी सरकार ने एक करोड़ 61 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार देने में सफल रही है। 60 लाख से ज्यादा युवा उद्यमियों को अपना स्टार्टअप,अपना काम शुरु करने के लिए सहायता प्रदान की गई है। आज वो बहुत अच्छे ढंग से अपना कार्य कर रहे हैं। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों से सरकार की अपेक्षा के बारे में बताते हुए कहा कि इसका ध्यान रखें कि जनता को आप के कार्यों का लाभ मिले।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में देश का सबसे बड़ा एमएसएमई का आधार है। पहले यह दम तोड़ रहा था । प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ विश्वकर्मा श्रम सम्मान तथा माटी कला बोर्ड के रूप में इसकी ब्रांण्डिंग की। इसके परिणामस्वरूप 1.61 करोड़ से अधिक युवाओं को एमएसएमई में रोजगार से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से 60 लाख से अधिक युवा उद्यमियों को अपना स्टार्टअप लगाने, उद्यम लगाने या एमएसएमई स्थापित करने के लिए बैंकों के साथ जोड़कर उन्हें आर्थिक स्वावलम्बन की ओर अग्रसर किया गया है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की बेरोजगारी दर 18-19 प्रतिशत थी, जो वर्तमान में घटकर 03-04 प्रतिशत हो गयी है।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रतीकात्मक तौर पर कुल 22 नवचयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। इनमें 2 उप जिलाधिकारी, 2 पुलिस उपाधीक्षक, 6 सहायक अभियन्ता, 1 कारागार अधीक्षक, 2 खण्ड विकास अधिकारी, 1 सहायक नगर आयुक्त, 2 पशु चिकित्सा अधिकारी, 2 उप निबन्धक, 2 प्रबन्धक और 2 नायब तहसीलदार शामिल हैं।
निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया से हुआ चयन
इस मौके पर चयनित अधिकारियों ने अपने अनुभव बताए। उपजिलाधिकारी शिवम ने कहा कि समयबद्धता के साथ परीक्षा से लेकर साक्षात्कार कराए जाने की वजह से एक साल के भीतर ही चयन प्रक्रिया पूरा हो गया। चयन का काम काफी पारदर्शी और निष्पक्षता से हुआ है। उप निबंधक पद पर चयनित ललितपुर की अभिलाषा सिंह ने परीक्षा से लेकर चयन तक अपनाई गई पारदर्शिता पर सीएम योगी और आयोग को धन्यवाद दिया। खंड विकास अधिकारी के पद पर मोहम्मद आसिफ़ अखलाक, नायब तहसीलदार पुष्पा यादव ने भी समयबद्ध, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके चयन प्रक्रिया पूरी कराने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया।
इन पदों पर चयनित अधिकारियों को दिए नियुक्ति पत्र
उपजिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, अग्निशमन अधिकारी, अधीक्षक कारागार, उप कारापाल कारागार, खण्ड विकास अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त, पशु चिकित्साधिकारी, उप निबन्धक, नायब तहसीलदार सहित लोक निर्माण विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग और नगर विकास विभाग के सहायक अभियन्ता, औद्योगिक विकास विभाग के सहायक भण्डार क्रय अधिकारी, वित्त एवं लेखाधिकारी, सहायक निदेशक उद्यान, प्रबंधक (सिविल/विद्युत/यांत्रिक), अभियंता (विद्युत/यांत्रिक/इलेक्ट्रानिक्स) एवं कार्मिक अधिकारी ।
ई-अधियाचन पोर्टल का का हुआ उद्घाटन
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग द्वारा तैयार कराया गया ई- अधियाचन पोर्टल का भी उद्घाटन किया। इस पोर्टल के माध्यम से अब समूह ‘ख’ एवं ‘ग’ के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन भेजने का काम ऑनलाइन होगा। यानि उप्र लोक सेवा आयोग और उप्र राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को सरकारी विभागों द्वारा रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन ऑनलाइन ही भेजे जाएंगे। अब तक अधियाचन मैनुअल भेजा जाता था। जिसमें त्रुटि होने पर बार-बार प्रस्ताव वापस होते थे। अब नई व्यवस्था में पोर्टल में ऐसा साफ्टवेयर डाला गया है, जो नियुक्ति संबंधी सारी सूचना अधूरा या त्रुटिपूर्ण होने पर पोर्टल उसे आगे पास ही नहीं करेगा। ऐसे में पूर्ण रूप से त्रुटिरहति प्रस्ताव ही पोर्टल के जरिए आयोग को भेजे जाएंगे।
यूपीएचईएससी:नए आयोग के गठन के बाद ही शिक्षक भर्ती शुरू होने के आसार
प्रयागराज।प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी)/प्रवक्ता (पीटीटी) के पदों पर भर्ती आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी फंसी हुई है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि नए शिक्षा सेवा आयोग के गठन के बाद ही ये दोनों भर्तियां शुरू हो सकेंगी। असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों और टीजीटी/पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती के लिए अगस्त-2022 में ही आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए 1.14 लाख अभ्यर्थियों और टीजीटी/पीजीटी के लिए 13.19 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। सात माह हो चुके हैं, लेकिन परीक्षा की तिथि अब तक घोषित नहीं की गई। उधर, प्रदेश सरकार की ओर से नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के तहत प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों की भर्ती की जिम्मेदारी इसी आयोग के पास होगी। माना जा रहा है कि नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद ही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक और प्रवक्ता भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पास है। आयोग के पास एक साल से एलटी ग्रेड शिक्षक के छह हजार से अधिक पदों और प्रवक्ता के चार सौ से अधिक पदों का अधियाचन पड़ा हुआ है, लेकिन आयोग भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं कर रहा।शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद ये भर्तियां भी नए आयोग के पास जाएंगी।वहीं, प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2018 में 69 हजार शिक्षक भर्ती हुई थी। पांच साल से कोई नई भर्ती नहीं हुई है। चर्चा है कि नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद ही यह भर्ती शुरू हो सकेगी। भर्ती संस्थाओं की कार्यप्रणाली भी यही संकेत दे रही है कि उन्हें नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का इंतजार है।
पांच स्थायी कर्मचारियों के भरोसे यूपीएचईएससी
प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती कराने वाला उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) महज पांच स्थायी कर्मचारियों के भरोसे है। आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल छह फरवरी को पूरा हो चुका है और सदस्यों के छह में से चार पद खाली पड़े हैं। कोरम पूरा न होने से आयोग में सभी कामकाज ठप पड़े हैं। कोर्ट में लंबित मामलों का निस्तारण न होने के कारण आयोग को अवमानना का भी सामना करना पड़ रहा है।शिक्षक भर्ती तो फंसी ही है। इतना कुछ होने के बावजूद शासन स्तर पर कुछ भी नहीं किया जा रहा। अगर पूर्व में जारी विज्ञापन के तहत केवल एक सदस्य की नियुक्ति कर दी जाए तो कोरम पूरा हो जाएगा। शासन की ओर से आयोग को उसके हाल पर छोड़ दिए जाने से यही संकेत मिल रहे हैं कि नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।
चयन बोर्ड में सदस्याें के सभी पद खाली
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सदस्यों के सभी 10 पद रिक्त पड़े हैं और अध्यक्ष का कार्यकाल भी आठ अप्रैल 2023 को पूरा हो जाएगा। टीजीटी-पीजीटी भर्ती के लिए आवेदन करने वाले 13 लाख से अधिक अभ्यर्थी सात माह से परीक्षा तिथि घोषित होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सदस्यों की नियुक्ति न होने से कोरम पूरा नहीं हो पा रहा। अध्यक्ष के जाने के बाद स्थिति और बिगड़ जाएगी। अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि टीजीटी-पीजीटी भर्ती भी नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद ही पूरी हो सकेगी।
छात्रों की मांग, प्रयागराज में बने नए आयोग का मुख्यालय
प्रतियोगी छात्र चाहते हैं कि नए शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में ही बनाया जाए। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय एवं मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय और प्रतियोगी छात्र मोर्चा के संयोजक अजय उपाध्याय एवं अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि प्रदेश भर में सबसे अधिक संख्या में प्रतियोगी छात्र प्रयागराज में ही रहते हैं। ऐसे में शिक्षा सेवा चयन आयोग का मुख्यालय भी प्रयागराज में ही बनना चाहिए, ताकि छात्रों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए किसी दूसरे जिले के चक्कर न लगाने पड़ें। वैसे भी वर्तमान में शिक्षक भर्ती से जुड़ी सभी संस्थाओं के मुख्यालय प्रयागराज में ही हैं।
पहली बार आठ नए कोर्सों की 468 सीटों पर सीयूईटी से होगा प्रवेश
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आईपीएस) के अंतर्गत संचालित होने वाले आठ कोर्स में पहली बार सीईयूटी के तहत प्रवेश होगा। आईपीएस के बीसीए, फाइव इयर बीसीए-एमसीए डाटा साइंस, बीवोक मीडिया प्रोडेक्शन, बीए मीडिया स्टडीज, फाइव इयर फूड टेक्नोलॉजी प्रोग्राम, बीवोक फूड प्रोसेसिंग और बीए फैशन डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी व वोकेशनल स्टडीज सेंटर के बीवोक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में कुल 468 सीटों के लिए एनटीए प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। इस बार इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को बदले परीक्षा पैटर्न के अनुसार इंट्रेस देना होगा। इससे पहले इविवि स्वयं इन पाठ्यक्रमों की परीक्षा आयोजित कराता था। इविवि में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों को हिंदी अथवा अंग्रेजी, किसी एक भाषा को अनिवार्य रूप से लेना होगा। पहला खंड भाषा का होगा, जिसमें प्रत्येक भाषा के 50-50 प्रश्न होंगे। इनमें से 40 का उत्तर देना होगा। इसके लिए 45 मिनट तय किए गए हैं। दूसरा खंड ऐच्छिक विषय का होगा। इसमें विषयों से प्रश्न पूछे जाएंगे। 50 में से 40 प्रश्नों के उत्तर 45 मिनट में देने होंगे। तीसरा खंड जनरल नॉलेज का होगा। इसमें जनरल नॉलेज, करंट अफेयर्स, मानसिक योग्यता, संख्यात्मक क्षमता और मात्रात्मक तर्क से जुड़े 50 में से 40 प्रश्नों के उत्तर 60 मिनट में देने होंगे।
आयोग के नाम पर फर्जी नियुक्तियों का भंडाफोड़
मुजफ्फरनगर। माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के नाम पर फर्जी पैनल बना शिक्षकों की नियुक्तियों का भंड़ाफोड़ हुआ है। मुजफ्फरनगर में इस गैंग द्वारा सात फर्जी शिक्षकों की नियुक्तियां विभिन्न विद्यालयों में कर दी गई। इनमें से तीन ने बरला इंटर कॉलेज में ज्वाइन भी कर लिया, लेकिन अन्य चार के ज्वाइन करने से पहले ही आयोग से वैरीफिकेशन होकर आ गया, जिसमें सातों की नियुक्तियों और उक्त पैनल को फर्जी बताया गया है। मामले में मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दी गई है।वर्ष 2016 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इसी वर्ष के तहत माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से जिविनि मुजफ्फरनगर को जनवरी माह में सात शिक्षकों के नियुक्ति पत्र प्राप्त हुए। सभी नियुक्ति पत्र का सार एक है, लेकिन उनमें अलग-अलग जनपदों में नियुक्तियों का हवाला दिया गया है। पत्र में कहा कि उक्त चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियों के समय अन्य जनपद दिया गया था, लेकिन वह उस समय उक्त जनपदों में ज्वाइन नहीं कर सके। इसलिए सात शिक्षकों को समायोजन के आधार पर मुजफ्फरनगर जनपद में तैनात किया किया जाता है।
तीन ने कर लिया था ज्वाइन
पत्र के बाद चार शिक्षकों की नियुक्ति बरला इंटर कॉलेज बरला में की गई है, जिनमें से तीन राजकुमार पुत्र हरिकिशन निवासी मेरठ ने हिंदी व विवेक शुक्ला पुत्र सत्यदेव शुक्ला निवासी प्रयागराज ने विज्ञान व विकास तिवारी पुत्र जयप्रकाश तिवारी निवासी वाराणसी ने सामाजिक विज्ञान के शिक्षक के पद पर 13 फरवरी को ज्वाइन कर लिया था।
चार ने नहीं किया था ज्वाइन
चार शिक्षक मार्केंडय राव पुत्र रमादर्शाकर निवासी देवरिया की नियुक्ति मीरापुर एसडी इंटर कॉलेज में की गई है। इसी तरह से मेरठ निवासी गोपीचंद पुत्र मंशा राय की सामाजिक विज्ञान में नूनूखेडा, क्रांतिकुमार पुत्र सुधीराम निवासी वाराणसी की सामाजिक विज्ञान बरला इंटर कॉलेज बरला व उत्तम कुमार पुत्र मिठाईलाल निवासी देवरिया की नियुक्ति जीव विज्ञान अध्यापक के पद पर सर्वोदय इंटर कॉलेज घटायन नोनी खेड़ा में की गई। उक्त चारों ने ही अभी तक ज्वाइन नहीं किया था।
इस तरह हुआ भंडाफोड़
जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने उक्त सातों के नियुक्ति के बारे में सत्यापन के लिए आयोग को वैरीफिकेशन के लिए भेजा। वैरीफिकेशन आने से पहले ही सात में से तीन युवक ज्वाइन कर चुके थे। जब आयोग से सत्यापन होकर आया तो जिविनि हैरान रह गए। आयोग ने उक्त पैनल और नियुक्तियों को फर्जी बताया। साथ ही जिविनि को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए।
सातों के खिलाफ दी तहरीर
जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से जनपद में जिन सात युवकों को शिक्षक के पद पर नियुक्तियां दी गई थी, वैरीफिकेशन में नियुक्तियां और पैनल फर्जी पाया गया है। सातों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। चार के खिलाफ मैंने और तीन के खिलाफ बरला इंटर कॉलेज बरला के प्रबंधक ने थाने में तहरीर दी है।
पूर्व में चयनित अभ्यर्थियों के समायोजन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में आदेश दिया था। इसके आधार पर समायोजित अभ्यर्थियों का पैनल जारी करते हुए चयन बोर्ड की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया था। संबंधित स्कूल के प्रबंधक और जिला विद्यालय निरीक्षक को वेबसाइट से उक्त पैनल का मिलान करते हुए कार्यभार ग्रहण कराना था, जो उन्होंने नहीं किया। चयन बोर्ड को फर्जी नियुक्तियों की शिकायत मिली तो सत्यापन में मामला सही मिली। इस संबंध में कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
नवल किशोर, प्रभारी सचिव, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड
इन जनपदों में फर्जी पैनल ने दिया नियुक्तियों का हवाला।
अलीगढ़, महारागंज, अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, आजमढ़, गोरखपुर, प्रयोग राज, बलिया, मऊ, मैनपुरी, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, बागपत, बांदा, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर आदि जनपदों में उक्त पैनल द्वारा इस तरह की नियुक्तियों का हवाला दिया गया है।
बेसिक शिक्षा के अनुपस्थित 16 हजार शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू, शासन ने सभी बीएसए को दिए ये निर्देश
लखनऊ:प्रदेश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिना सूचना गायब 16706 शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। दिसंबर से फरवरी के बीच स्कूल से अनुपस्थित मिले शिक्षकों का वेतन रोकने, वेतन काटने, नोटिस जारी करने आदि की कार्रवाई की जा रही है। सभी बीएसए को कार्रवाई कर इसकी सूचना प्रेरणा पोर्टल पर भी अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिला स्तरीय टास्क फोर्स व विकास खंड स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों से पांच-पांच विद्यालयों का निरीक्षण किया था। इसमें दिसंबर 2022 में 5988, जनवरी 2023 में 4251, फरवरी 2023 में 6467 कुल 16706 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए थे। इसमें तीन महीनों में सर्वाधिक हरदोई में 482, सीतापुर में 461, बहराइच में 459, बरेली में 432, देवरिया में 431, सिद्धार्थनगर में 420 शिक्षक अनुपस्थित मिले थे।महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए को अनुपस्थित शिक्षकों पर निर्धारित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी कहा था कि कार्रवाई संबंधित सूचना प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करें। हालांकि अब तक 16706 में से 551 शिक्षकों पर कार्रवाई की ही सूचना पोर्टल पर अपलोड की गई है। इस पर उन्होंने सात दिन में की गई कार्रवाई की सूचना प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है। इसमें लापरवाही करने वाले बीएसए को भी कार्यवाही के लिए चेतावनी दी गई है।
शिक्षा के विदेशीकरण का विरोध
गौहनिया। शहीदे आजम भगत सिंह राजगुरु, सुखदेव के शहादत दिवस पर गुरुवार को गौहनिया बाजार में नौजवान भारत सभा के बैनर तले सभा व रैली निकालकर उन्हें याद किया गया। रैली के दौरान सभी के हाथों में शहीदों की तस्वीरें, स्लोगनयुक्त तख्ती व झण्डे बैनर थे।इस मौके पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकारी शिक्षा को बेहतर करने की जगह, नई शिक्षा नीति के तहत विदेशी कंपनियों को शिक्षा में धंधा करने के लिए बुलाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी व तकनीकी शिक्षा कंपनियों के हवाले की जा रही है और वे फीस में भारी वृद्धि कर रही हैं जो आम जनमानस के बस के बाहर है। वही दूसरी तरफ मोबाइल और आनलाइन शिक्षा का बढ़ावा दिया जा रहा है जो गरीब बच्चों के लिए बहुत मुश्किल होती है। अंत में बच्चों को डिग्री देकर कारपोरेट घराने में सस्ते मजदूर के तौर पर काम करने के लिए तैयार किया जा रहा है।रोजगार के नाम पर ग्राम अंचल में स्थानीय रोजगार विकसित करने की जगह खेती में घाटा बढ़ाया जा रहा है।
शुआट्स के वीसी सहित सभी का वेतन रोका
प्रयागराज। शुआट्स के कुलपति सहित सभी प्रशासनिक अफसरों और कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है। कृषि विभाग ने मीडिया खबरों का संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी किया है। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि संस्थान के कौन-कौन से अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारी पिछले दिनों से अवकाश पर हैं और किसके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वेतन किसका देना है और किसका रोकना है।शुआट्स के कुलपति सहित तमाम स्टाफ पर पिछले दिनों धर्मांतरण, अवैध नियुक्ति, लेनदेन में अनियमतिता और मिशनरी की जमीन को परिवार के नाम स्थानांतरित करने को लेकर मुकदमे दर्ज हैं। जिसे लेकर पुलिस और एसटीएफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी बीच विश्वविद्यालय लेखा विभाग ने वेतन का बिल कृषि विभाग को भेज दिया। इसमें वेतन और गैर वेतन अनुदेयकों के बिल शामिल हैं। जिसे लेकर संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. आरके मौर्य ने विश्वविद्यालय से स्पष्टीकरण मांगा है।जिसमें यह पूछा गया है कि पिछले दिनों मीडिया में खबरें प्रकाशित हुई हैं कि कुलपति, विश्वविद्यालय के प्रशासनिक स्टाफ, शिक्षक और तमाम कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। कुछेक गिरफ्तार हैं, जबकि तमाम फरार हैं।
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