
लोकसभा 8 दिसंबर को राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ पर विशेष चर्चा करेगी। संसद का यह सत्र पहले दिन से ही व्यस्त और राजनीतिक रूप से गर्म रहा है, लेकिन सभी दलों ने राष्ट्रगीत पर चर्चा के प्रस्ताव का समर्थन किया। यह चर्चा 10 घंटे तक चल सकती है, जिसमें वंदे मातरम् के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और संवैधानिक पक्षों पर विस्तार से विचार रखा जाएगा।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह चर्चा किसी विधेयक से जुड़ी नहीं होगी, बल्कि यह राष्ट्रगीत की राष्ट्रीय एकता, स्वतंत्रता आंदोलन और आधुनिक भारत में उसकी भूमिका को समझने का एक अवसर है। कई सांसद वंदे मातरम् के प्रयोग, शिक्षा संस्थानों में इसके प्रसार और राष्ट्रीय कार्यक्रमों में इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार रखेंगे।
सरकार का कहना है कि यह बहस किसी विवाद को जन्म देने या किसी व्यवस्था को बदलने के लिए नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान पर व्यापक सहमति की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। विपक्ष ने भी कहा कि राष्ट्रगीत पर चर्चा देश के लिए सम्मान का विषय है और इससे संसद की गरिमा बढ़ेगी। 8 दिसंबर को होने वाली यह बहस संसद के मौजूदा सत्र की सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक चर्चा मानी जा रही है।






