06/05/2023

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UP में कोरोना से 34 दिन में 43 मौतें:एक साल में मौत का ये सबसे बड़ा आंकड़ा, 16 हजार केस भी मिले; संक्रमण में नोएडा-लखनऊ टॉप पर

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UP में कोरोना से 34 दिन में 43 मौतें:एक साल में मौत का ये सबसे बड़ा आंकड़ा, 16 हजार केस भी मिले; संक्रमण में नोएडा-लखनऊ टॉप पर

यूपी में महज 34 दिनों में 16 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस मिले हैं। इनमें से 34 लोगों की मौत भी हुई है। मौत का यह आंकड़ा बीते एक साल में सबसे ज्यादा है। पिछले 24 घंटे की बात करें, तो कोरोना के 168 नए मरीज मिले हैं। इस दौरान 392 मरीज ठीक भी हुए हैं। प्रदेश में मौजूदा वक्त में 1665 कोरोना संक्रमित हैं। संक्रमण में लखनऊ और नोएडा टॉप पर हैं। दोनों जगहों पर 500 से ज्यादा एक्टिव केस हैं।

जीनोम सीक्वेंसिंग में मिला XBB1.16 वेरिएंट
KGMU की माइक्रोबायोलॉजी लैब में पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई हैं। इस डिपार्टमेंट की HOD प्रो.अमिता जैन ने बताया कि जांच में XBB1.16 वेरिएंट की पुष्टि हुई हैं। यह ओमिक्रोन फैमिली का ही वेरिएंट हैं, लेकिन सतर्कता इसलिए जरूरी हैं क्योंकि RNA वायरस तेजी से इवॉल्व होता हैं यानी रूप बदलता हैं। किसी भी प्रकार की लापरवाही भारी पड़ सकती हैं। पूरी सतर्कता बरतनी होगी।

बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और पहले से पॉजिटिव हुए लोग ज्यादा सतर्क रहे
लखनऊ की लोकबंधु अस्पताल की निदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि कोरोना से बचाव का बेस्ट तरीका CAB यानी कोविड एप्रोप्रियेट बेहवीयर हैं। जो पहले से किसी असाध्य रोग की चपेट में हैं, या फिर बुजुर्ग अवस्था में हैं। उन्हें सबसे ज्यादा सतर्क रहना होगा। इसके अलावा बच्चों और गर्भवती महिलाएं या फिर स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहना होगा।

वो कहती हैं कि मत भूलिए कि कोरोना एयर बॉर्न डिसीज हैं। इसलिए पूरी सतर्कता जरूरी हैं। इसके अलावा जो पहले कोविड पॉजिटिव हो चुके हैं। उन्होंने भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत हैं।

अब आपको पिछले 1 हफ्ते में होने वाली संक्रमितों की मौत के बारे में भी बताते हैं…

7 दिन से लगातार हो रही मौत शुक्रवार को थमी

शुक्रवार यानी 5 मई की सुबह आई रिपोर्ट में किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई। 4 मई को आई रिपोर्ट में 2 संक्रमितों की मौत हुई थी। दोनों ही संक्रमित महिला थीं। सबसे पहले इनकी केस हिस्ट्री समझिए…

केस 1. बलिया की रहनी वाली महिला पहले से क्रोनिक किडनी डिसीज से पीड़ित थी। उन्हें वाराणसी में डायलिसिस के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया। इस दौरान कोरोना संक्रमित हुई। बाद में उसकी मौत हो गई।

केस 2. 70 साल की बुजुर्ग महिला कैंसर की चपेट में थी। वाराणसी में इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित हुई और बुधवार को उसकी मौत हो गई। जौनपुर निवासी 43 साल की महिला की मृत्यु हो गई।

3 मई की रिपोर्ट में भी एक संक्रमित के मौत की पुष्टि हुई थी। महिला पहले से कैंसर की चपेट में थी। इस दौरान संक्रमित होने पर उसे वाराणसी के IMS में भर्ती किया गया था, वही इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

2 मई की रिपोर्ट में मुरादाबाद, चंदौली और बस्ती में 3 संक्रमितों की मौत हो गई थी।

1 मई की रिपोर्ट में भी आगरा में एक संक्रमित के मौत की पुष्टि हुई थी।

30 अप्रैल सुबह आई रिपोर्ट में 55 साल के पुरुष की मौत रिपोर्ट हुई थी। लखीमपुर खीरी का यह संक्रमित मरीज पहले से ही टीबी की चपेट में था। चौंकाने वाली बात यह हैं कि 21 अप्रैल को पॉजिटिव आने के बाद से उसे होम आइसोलेशन में रखा गया था। इस दौरान उसकी मौत हो गई।

29 अप्रैल सुबह आई रिपोर्ट में लखनऊ, मेरठ, आगरा और सुलतानपुर में एक-एक संक्रमित के मौत की खबर हैं।

28 अप्रैल की रिपोर्ट में अमेठी, संभल, बरेली और अंबेडकर नगर में कोरोना संक्रमितों की मौत दर्ज थी।

अब आपको वैक्सीनेशन अपडेट्स भी बताते है…

फिलहाल यूपी में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और कॉर्बीवैक्स सभी का स्टॉक खत्म हैं।
फिलहाल यूपी में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और कॉर्बीवैक्स सभी का स्टॉक खत्म हैं।

सुस्त पड़ी कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार

राज्य में अब तक कुल 39 करोड़ 20 लाख 6 हजार 119 वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। 17 करोड़ 69 लाख 98 हजार 871 को पहली डोज और 16 करोड़ 89 लाख 69 हजार 263 को दोनों डोज लग चुकी है। वही प्री-कॉशन डोज लगाने वालों की संख्या 4 करोड़ 60 लाख 37 हजार 985 है।

कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार न के बराबर हैं। शुक्रवार को एक दिन में सिर्फ 18 डोज वैक्सीनेशन की लगाई गई। जिनमें 7 लोगों को पहली डोज, 9 को दूसरी डोज और 2 को बूस्टर डोज लगी। वही लंबे समय से प्रदेश में बच्चों की कोविड वैक्सीनेशन नहीं लग पा रही हैं। फिलहाल प्रदेश में कोवीशील्ड, कोवैक्सीन और कॉर्बीवैक्स सभी का स्टॉक खत्म हैं।

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