कोरोना वेक्सीनेशन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म, सुप्रीम कोर्ट ने अन्य विकल्पों को स्वीकार करने को कहा
नई दिल्ली, फरवरी। कोरोना वैक्सीन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार सभी अधिकारियों को अहम निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन के लिए आधार कार्ड पर जोर नहीं देने को कहा है।
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और सूर्यकांत सिद्धार्थ शंकर शर्मा ने निर्देश तिया हैं कि वो कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए पहचान पत्र के एकमात्र रूप में आधार पर जोर न दें, बल्कि अन्य पहचान दस्तावेजों को भी बराबर स्वीकार करें और उसपर जोर दें।
यानी लोग आधार के अलावा नौ दस्तावेजों में से किसी एक जैसे कि पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड , राशन कार्ड आदि का इस्तेमाल करें। यानी आप CoWIN पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए आप नौ तरह के पहचान पत्रों में से किसी भी तरह का इस्तेमाल करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है
कोरोना टीकाकरण के लिए बिना आईडी कार्ड के लगभग 87 लाख लोगों को टीका लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के अभाव के किसी को कोरोना वैक्सीन से वंचित नहीं रखा जा सकता है
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई, जिसमें कहा गया है कि CoWin पोर्टल पर सिर्फ आधार कार्ड के माध्यम से ही रजिस्ट्रेशन करवा जा सकता है और उन्हें आधार कार्ड न होने के चलते टीकाकरण से वंचित कर दिया गया था।
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