टीम इंडिया के खाने पर विवाद , हलाल मीट अनिवार्य करने पर मचा बवाल , BCCI की हो रही खिंचाई
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Mohammad Siraj
टीम इंडिया के खाने पर विवाद , हलाल मीट अनिवार्य करने पर मचा बवाल , BCCI की हो रही खिंचाई
टि्वटर पर BCCI Promotes Halal नाम से ट्रेंड चल रहा है जिसमें भारतीय क्रिकेट बोर्ड की खिंचाई की जा रही है. दरअसल दो दिन पहले खबर आई थी कि बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए नया डाइट प्लान तैयार किया है. इस प्लान को क्रिकेटर्स को सख्ती से मानना होगा. इसमें हलाल किए हुए मांस को खाने की बात कही गई है।
स्पोर्ट्स तक वेबसाइट के अनुसार, खिलाड़ियों को किसी भी तरह से पॉर्क और बीफ खाने की अनुमति नहीं दी गई है. यह कदम उनकी फिटनेस और सेहत को देखते हुए उठाया गया है. अगर किसी को मीट खाना है तो वे केवल हलाल सर्टिफाइड मीट ही खा सकते हैं. इसके अलावा और किसी तरह का मीट नहीं खा सकते हैं. आने वाले क्रिकेट कैलेंडर और इसमें होने वाली बड़ी सीरीज व आईसीसी इवेंट के दौरान खिलाड़ियों को फिट रखने के लिए इस डाइट प्लान को सख्ती से खिलाड़ियों पर लागू किया जाएगा. खिलाड़ियों का वजन नहीं बढ़े इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खिलाड़ियों को बायो बबल में रहने की वजह से लगातार क्रिकेट खेलने में दिक्कत हो रही थी. वे सभी फॉर्मेट में अपनी ऊर्जा बनाए हुए नहीं रख पा रहे थे. ऐसे में खिलाड़ियों से अपने खानपान में सावधानी बरतने को कहा गया है. जो खिलाड़ी मीट खाने के शौकीन हैं और रोजाना खाते हैं उन्हें विशेष रूप से ध्यान देने को कहा गया है.
सोशल मीडिया पर बीसीसीआई की खिंचाई
इसके बाद सोशल मीडिया पर बीसीसीआई पर हलाल सर्टिफाइड खाने को प्रमोट करने का आरोप लगाया जा रहा है. बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों से जुड़े टि्वटर अकाउंट्स से लगातार इस बारे में ट्वीट किए जा रहे हैं. इनमें बीसीसीआई से ऐसा नहीं करने को कहा जा रहा है. साथ ही पूछा जा रहा है कि हिंदू व सिख क्रिकेटर्स को हलाल मीट खाने के लिए क्यों बाध्य किया जा रहा है।
दरअसल हलाल मीट को लेकर हिंदू संगठन मुखालफत करते हैं. उनका कहना है कि हलाल सर्टिफाइड खाने के जरिए इस्लामी कानून को प्राथमिकता दी जा रही है. साथ ही इससे हिंदू व सिख धर्म के लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. कई हिंदू व सिख हलाल मांस नहीं खाते हैं. वहीं इस्लाम में हलाल के अलावा किसी और तरह से तैयार मांस खाने की पाबंदी रहती है. इसके चलते कई बार विवाद हो चुका है।
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