
UP में चकबंदी से पहले तैयार होगा ई-नक्शा: आधुनिक तकनीक से पुराने मैप का होगा मिलान
उत्तर प्रदेश सरकार अब चकबंदी प्रक्रिया को हाई-टेक और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। परंपरागत कागज़ी नक्शों पर आधारित चकबंदी में अक्सर विवाद और गड़बड़ी की शिकायतें आती थीं, लेकिन अब यह प्रक्रिया डिजिटल रूप से और अधिक सटीक तरीके से की जाएगी।
सरकार ने फैसला लिया है कि चकबंदी से पहले सभी गांवों का ई-नक्शा तैयार किया जाएगा, जिसे अत्याधुनिक रोवर मशीनों की मदद से बनाया जाएगा। इन मशीनों द्वारा तैयार डिजिटल मैप को गांवों के पुराने कागज़ी नक्शों से मिलान कर अंतिम चकबंदी कार्य पूरा किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, रोवर मशीनों से तैयार किए गए नक्शे बेहद सटीक होते हैं और भूमि की वास्तविक सीमाओं, खेतों के आयामों तथा हदबंदी को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। इससे पारंपरिक सर्वेक्षण में होने वाली त्रुटियों की संभावना काफी कम हो जाएगी।
पहले चरण में प्रदेश के कुछ जिलों में रोवर मशीनों से ई-नक्शे तैयार किए जाएंगे। इन जिलों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। जांच पूरी होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। सरकार का मानना है कि ई-नक्शे लागू होने से चकबंदी विवादों में बड़ी कमी आएगी और किसानों को सही तथा न्यायसंगत बंटवारा मिलेगा।
वर्तमान में चकबंदी पुराने नक्शों के आधार पर की जाती है, जिनमें कई बार अलग-अलग वर्षों में किए गए संशोधनों या प्राकृतिक बदलावों के कारण जमीन की वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं रहती। नई तकनीक से तैयार ई-नक्शे इस समस्या का समाधान करेंगे और भविष्य के भूमि रिकॉर्ड को पूरी तरह डिजिटल बनाने का रास्ता तैयार करेंगे।
इस कदम से उम्मीद है कि चकबंदी प्रक्रिया तेज, विवादरहित और पारदर्शी बनेगी, जिससे लाखों किसानों को राहत मिलेगी।







