
UP में प्राइवेट स्कूलों पर सख्ती: NCTE के आदेश पर टीचरों की योग्यता की होगी जांच
उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटी फीस लेकर पढ़ाई कराने वाले प्राइवेट स्कूलों पर बड़ा शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की योग्यता की अनिवार्य जांच की जाए। इसके बाद शिक्षा विभाग ने राज्यभर में सत्यापन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक कई प्राइवेट स्कूल बिना मानक योग्यता के शिक्षकों को नियुक्त कर लेते हैं। ऐसे संस्थानों में बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं। NCTE की नई गाइडलाइन के बाद अब यह जिम्मेदारी जिला अधिकारियों की होगी कि वे प्रत्येक स्कूल में तैनात शिक्षकों का टीईटी/बीएड/डीएलएड जैसे जरूरी शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन कराएं।
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई जिलों में शिकायतें मिलती हैं कि भारी-भरकम फीस लेने वाले निजी स्कूल योग्य शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करते। इससे बच्चों के भविष्य पर असर पड़ता है। अब जांच में यदि किसी शिक्षक की डिग्री फर्जी या मानक से कम पाई जाती है, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसमें मान्यता रद्द करना, जुर्माना लगाना या प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना भी शामिल है।
सरकार का कहना है कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। टीचरों की योग्यता जांच से यह सुनिश्चित होगा कि बच्चे योग्य और प्रशिक्षित शिक्षकों से ही पढ़ें। अधिकारियों को सभी जिलों में एक निश्चित समय सीमा के भीतर पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इस कार्रवाई के बाद उम्मीद है कि प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और मानक आधारित होगी, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा का लाभ मिलेगा।







