
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण धमाके की जांच में पुलिस को बड़ी सुराग मिली है। जांच में सामने आया है कि धमाके में शामिल आतंकियों का ग्रुप 37 दिन पहले ही एक शादी में बनाया गया था। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, यह ग्रुप पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स से सीधे जुड़ा हुआ था और उनकी योजना लंबे समय से चल रही थी।
जांच अधिकारियों का कहना है कि यह आतंकवादी नेटवर्क कश्मीर और अन्य राज्यों में सक्रिय था। खुफिया एजेंसियों को ग्रुप के निशान कश्मीर में लगाए गए पोस्टरों से मिले, जिससे उनके असली इरादे और गतिविधियों का पता चला। धमाके के masterminds ने प्रोफेशन और सामाजिक आड़ का इस्तेमाल कर अपने सदस्य जुटाए और विस्फोटक सामग्री सुरक्षित स्थानों पर इकट्ठा की।
घटना में नौ निर्दोष लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए। शुरुआती जांच में पता चला कि यह ग्रुप पाकिस्तान से सीधे निर्देश प्राप्त कर रहा था और धमाके को अंजाम देने के लिए कई महीनों से तैयारी कर रहा था। पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब पूरे नेटवर्क की पहचान कर अंतरराष्ट्रीय हैंडलर्स तक पहुँचने की कोशिश में जुटी हैं।
घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और उन्हें बेहतर इलाज का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह धमाका नए आतंकवादी रणनीतियों का संकेत है, जिसमें ग्रुप बनाने, सोशल नेटवर्किंग और प्रोफेशन की आड़ का इस्तेमाल किया गया। पुलिस पूरे देश में सतर्क है और ऐसे नेटवर्क को पकड़ने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है








