जातीय संघर्ष और भाषा विवाद की आग
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Special Correspondents
जाति की बात करते—करते क्या देश अब जातीय संघर्ष के मुहाने पर आ खड़ा हुआ है? वही भाषा विवाद भी तेजी से पूरे देश में अपनी गिरफ्त में ले रहा है। सीएम स्टालिन के व्यापक विरोध के बाद ताजा खबर महाराष्ट्र से जहां हिंदी के विरोध को लेकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच दोस्ती हो गयी है। अब दोनो भाई मिलकर हिंदी का विरोध करेंगें। वहीं नफरत की राजनीति ने जातियों के संघर्ष का बिगुल बजा दिया है और मौजूदा परिवेश में समाजिक ताना—बाना छिन्न—भिन्न हो रहा है। ब्रहमणों का जिम्मा ब्राह्मण महासभा ने ले लिया है तो यादवों की बात अब यादव महासभा और अहिर रेजीमेंट कर रही है। घटना से यादव समाज में इतना रोष व्यप्त है कि कथावाचक मुकुटमणि पर एफआईआर की खबर से समाज ने पुलिस पर पथराव कर दिया।इटावा के दांदरपुर गांव के मेन गेट पर यादव समाज और अहीर रेजीमेंट के लोग खड़े हैं और बाकायदा लोगों से जाति पूछकर गांव में एंट्री दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के समझाने का असर बेअसर है। जाति अगर यादव है तो सम्मान के साथ एंट्री हो रही है। यह गांव उसी थाना क्षेत्र में आता है जहां घटना घटित हुई है। कोमोवेश ऐसा हाल इटावा और आसपास के क्षेत्रों में देखा जा रहा है और महौल बड़ी तेजी से बदल रहा है। पूरा समाजिक ताना बना अब संख्या पर टिक गया है और जिस गांव में जिस जाति के लोग ज्यादा हैं वहां उनकी चल रही है। इटावा में तो रोष इतना बड़ा कि बवाल हुआ और पुलिस पर पत्थरबाजी तक की गयी।
चोटी काटना निंदनीय
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कथावाचकों मुकुट मणि यादव और संत कुमार यादव के साथ हुए दुव्र्यवहार पर कहा है कि हम खुद प्रचार करते हैं कि कलावा पहनो, चोटी रखो, तिलक लगाओ। लेकिन जो हुआ वह गलत हुआ। उन्होंने कहा कि किसी भी सनातनी की चोटी काटना, उसका अपमान करना, अत्यंत निंदनीय कृत्य है और ये धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।
अखिलेश यादव ने कसा तंज
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि अगर ट्रंप जी को पता लग जाए कि इटावा में ऐसा हुआ है तो समझ लो क्या होगा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आगे कहा कि मैं संविधान को मानता हूं। इटावा के अंदर रातभर कथावाचक अपमानित होते रहें। मैं सरकार से सवाल करता हूं कि इस तरह की घटना क्यों हो रही है? इससे पहले मुझे महोबा की घटना की जानकारी मिली थी जहां एक शादीशुदा दलित परिवार को चप्पल नहीं उतारने पर अपमानित होना पड़ा था।
सपा ने खुद को किया अलग
दंदरपुर गांव में हाल ही में हुए बवाल और प्रदर्शन को लेकर समाजवादी पार्टी ने स्पष्ट रूप से खुद को इस घटनाक्रम से अलग कर लिया है। पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू और प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने प्रेस वार्ता कर कहा है कि इस प्रदर्शन का समाजवादी पार्टी से कोई संबंध नहीं है और ना ही पार्टी ने इसका कोई आह्वान किया था। प्रेस वार्ता के दौरान सपा नेताओं ने कहा कि दंदरपुर की घटना में समाजवादी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है और जो भी प्रदर्शन किया गया वह पार्टी की जानकारी या सहमति से नहीं हुआ। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोगों पर इस घटना को भड़काने का आरोप लगाया। सपा प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से ढिलाई और असंवेदनशीलता सामने आई, जिससे हालात बिगड़े। उन्होंने मांग की कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए और निर्दोष स्थानीय व क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।
नहीं लागू होने देंगे हिंदी
हिंदी भाषा पर महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडू समेत कई राज्यों मेंराजनीतिक घमासान मचा हुआ है। स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया गया है। महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज ठाकरे ने मुंबई में 6 जुलाई को मार्च के आह्वान किया तो उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन की घोषणा कर दी है। शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर हिंदी भाषा को जबरदस्ती थोपने का आरोप लगाते हुए कड़ा विरोध जताया। महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने के मुद्दे ने उद्धव और राज ठाकरे को एक बार फिर साथ आने का मौका दे दिया है। इस मुद्दे पर उद्धव और राज ठाकरे साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बताया है कि महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने के खिलाफ राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे क्योंकि ठाकरे एक ब्रांड हैं।
कानून को हाथ में लेने का हक किसी को नहीं : ओम प्रकाश राजभर
कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि देश संविधान से चलता है और अगर किसी को कोई शिकायत है तो उसे पुलिस में रिपोर्ट करनी चाहिए थी न कि खुद ही न्याय करने का प्रयास करना चाहिए था। कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जो घटना है हम उसकी निंदा करते हैं, देश में संविधान है, कानून का राज है। अगर किसी ने गलत किया है तो थाने में जाकर तहरीर देनी चाहिए थी। पुलिस कार्रवाई करती, खुद जज बन जाना गलत है। उन्होंने आधार कार्ड से जुड़ी गड़बडय़िों को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक व्यक्ति के पास दो आधार कार्ड होना फ्रॉड की श्रेणी में आता है और ऐसे मामलों में धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत केस दर्ज होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया जब सबको एक आधार कार्ड रखने का अधिकार है, तो कोई दो क्यों बनाए। वहीं सपा चीफ अखिलेश यादव द्वारा दान-पुण्य न लेने संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजभर ने कहा कि ब्राह्मणों की भूमिका हमारे जीवन में जन्म से मृत्यु तक बनी रहती है। उन्होंने कहा मरने के बाद भी क्रिया-कर्म ब्राह्मण के बिना नहीं हो सकता. ब्राह्मणों की व्यवस्था को नकारा नहीं जा सकता। इसके साथ ही ओपी राजभर ने जाति व्यवस्था पर बोलते हुए कहा जब देश में जाति व्यवस्था बनी तो काम के आधार पर जातियां बनी।
जातीय हिंसा करवाना चाहती है सपा : भाजपा
इटावा में बीजेपी के पूर्व जिलाअध्यक्ष शिव महेश दुबे ने कहा है कि सपा इस पूरे मामले पर राजनीति कर रही है और वह जातीय संघर्ष कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कथावाचकों को जाति छुपाकर किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए था। दो आधार कार्ड होने से इस बात का पता चलता है कि यह लोग साजिश के तहत आए थे। ऋतम्भरा, निरंजन ज्योति, साक्षी जैसी कथावाचकों का ब्राह्मण जाति से न होने के बाद भी सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि चकरनगर ब्लॉक में यादव समाज की बेटी कथावाचिका है, लेकिन वह जाति छुपाकर नहीं आई और ब्राह्मण समाज के लोगों ने उसका बढ़चढ़ कर सम्मान किया है। जाति के नाम पर यह घटना नहीं हुई है.
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