20/09/2024

अवध सूत्र

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अवध सूत्र हिंदी दैनिक समाचार पत्र

 

माध्यमिक स्कूलों में 25 हजार शिक्षकों के पद खाली, पढ़ाई हो रही प्रभावित

उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट ने बैठक में खाली पद भरने की मांग

निदेशालय द्वारा शासन को भेजी सूचना के अनुसार सहायक अध्यापकों के 20999 पद और प्रवक्ता के 4703 पद खाली

टीजीटी और पीजीटी भर्ती परीक्षा की तारीख जल्द घोषित न किये जाने पर संगठन प्रदर्शन करेगा

लखनऊ: प्रदेश भर के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में 25 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। हिन्दी, अंग्रेजी से लेकर गणित, सांइस समेत दूसरे विषयों के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की भारी कमी है। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है। यही वजह है कि एडेड स्कूलों में यूपी बोर्ड 10 वीं और 12वीं के परीक्षा परिणामों में गिरावट आयी है। यह बातें गुरुवार को आलमबाग स्थित बीएनलाल वोकेशनल इंटर कॉलेज में प्रांतीय पदाधिकारियों की बैठक में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने कहीं। संगठन ने चेतावनी दी है कि दो वर्ष पहले टीजीटी और पीजीटी भर्ती परीक्षा की तारीख घोषित नहीं की गई तो आयोग के समक्ष धरना प्रदर्शन करेगा।

शिक्षा निदेशालय ने शासन भेजा रिक्त शिक्षकों का ब्योरा

उप्र.माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने बताया कि शिक्षा निदेशालय ने हाल में ही शासन को प्रदेश के एडेड स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के पदों का ब्योरा भेजा है। इसके अनुसार सहायक अध्यापकों (टीजीटी) के प्रदेश में स्वीकृत 70803 पदों में से 20999 पद खाली हैं। वहीं प्रवक्ता के स्वीकृत 22220 पदों के सापेक्ष 4703 पद खाली हैं। प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापकों के 4512 पदों के सापेक्ष 2833 पद खाली हैं। संगठन सरकार से मांग करता है कि शिक्षकों की तरह प्रधानाचार्य के पदों की भर्ती लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर करायी जाए ताकि स्कूलों को नियमित प्रधानाचार्य मिलें।

आयोग टीजीटी और पीजीटी परीक्षा की तारीखें घोषित करे

दो वर्ष पहले शासन ने टीजीटी और पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला था। इसकी लिखित परीक्षा की तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है। दोनों परीक्षा में 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इन स्कूलों में शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को दी गयी है। आयोग के गठन के एक साल भर बाद भी लिखित परीक्षा की तारीखें जारी नहीं की गईं हैं। यह अभ्यर्थी आयोग के चक्कर लगा रहे हैं। संगठन आयोग के सामने धरना प्रदर्शन करेगा। बैठक में प्रदेशीय संरक्षक डॉ. हर प्रकाश यादव, प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष उपेन्द्र वर्मा, कोषाध्यक्ष विजेन्द्र कुमार, प्रदेशीय मंत्री संदीप शुक्ल प्रदेश व सुरेन्द्र सिंह सहित सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।

नवीन पाठ्यक्रम पुस्तक पर आधारित दिया गया एफएलएन प्रशिक्षण

बुनियादी भाषा तथा गणित में सभी बच्चो को निपुण करने का किया गया आह्वान

खुनियांव सिद्धार्थनगर।विकासखंड खुनियांव के बीआरसी केंद्र पर गुरुवार को बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की परिकल्पना को परिलक्षित करने के उद्देश्य के साथ चार दिवसीय खण्ड स्तरीय एफएलएन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत निपुण भारत अभियान के अंतर्गत शिक्षकों को दूसरे दिन का प्रशिक्षण दिया गया।जिसमें शिक्षको को बुनियादी भाषा तथा गणित में सभी बच्चो को निपुण करने का आह्वान किया गया।प्रशिक्षण सत्र में संदर्भदाता अजीत कुमार चौहान, अभिषेक कुमार शुक्ला,शाहिद खान,रघुनाथ आदि ने शिक्षकों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को भाषा एवं गणित में दक्ष बनाने की विधियां बतायीं।प्रशिक्षण के दूसरे दिन की शुरुआत सर्वप्रथम प्रार्थना व राष्ट्रीयगान के साथ हुआ।इसके साथ ही कक्षा एक व दो की एनसीईआरटी आधारित नवीन पुस्तक सारंगी,आनंद मय गणित तथा मृदंग की पाठ्य पुस्तक पर विस्तृत चर्चा की गई।प्रशिक्षण के दौरान संबंधित कक्षा कक्षीय चुनौतियों पर चर्चा की गई। अकादमिक वर्ष 2023-24 की पुनरावृत्ति तथा अकादमिक वर्ष 2024-25 की संरचना को समझना,भाषा शिक्षक संदर्शिका की समग्र समझ, कार्यपुस्तिका और उसके उपयोग को समग्रता में समझना, शिक्षक संदर्शिका और कार्यपुस्तिका में दिए अलग-अलग ट्रेकर का अवलोकन, भाषा शिक्षक संदर्शिका की रूपरेखा, पुनरा वृत्त्यात्मक (उपचारात्मक) दिवसवार विभाजन एवं शिक्षण उद्देश्य पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई और समूह कार्य तथा गतिविधियां कराई गईं।इस दौरान दिनेश चन्द्र,सत्य कुमार गौड़,विनीत कुमार शुक्ला,भोलानाथ यादव,दुर्गा प्रसाद,सुधीर सिंह,आशीष कुमार शुक्ल,नीरज मौर्य,भूपेंद्र कुमार त्रिपाठी,हरीराम,राजकुमार सिंह,सच्चिदानंद मिश्र, सुनील सिंह,मारुतिनंदन श्रीवास्तव,जयंत कुमार,उदित कुमार,रोहित मिश्र,सर्वेश कुमार,जय प्रताप,भगवान सिंह,राम उजागिर,अरविंद कुमार,सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।

प्राथमिक शिक्षा के लिए सरकार देगी 71976 करोड़ रुपये सहायता अनुदान

कुल 170112.23 करोड़ रुपये सहायता अनुदान 20 मदों में देगी सरकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा, बिजली, गांव, शहर, कृषि, उद्योग व इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में 01 लाख 70 हजार 112 करोड़ रुपये सहायता अनुदान देगी। 19 प्रमुख मदों में दिए जाने वाले सहायता अनुदान में सबसे बड़ी धनराशि प्राथमिक शिक्षा के लिए अनुमानित किया गया है। प्राथमिक शिक्षा के लिए सहायता के मद में यूपी सरकार 71976.13 करोड़ रुपये देगी।सहायता अनुदान की धनराशि को विभाग वेतन, गैर वेतन मद के साथ ही स्थाई परिसंपतियों के सृजन पर खर्च करेंगे। सहायता अनुदान में शिक्षा पर अधिक फोकस किया गया है। प्राथमिक शिक्षा के साथ ही माध्यमिक शिक्षा के मद में 12132.55 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा के मद में 3438.14 करोड़ रुपये का इंतजाम इस बार के बजट से सरकार ने किया है।

शहरों व गांवों से जुड़े मदों में भी बड़ा आवंटन

यूपी के लोगों को सस्ती बिजली मिल सके और बिजली कंपनियों की स्थिति बेहतर रहे इसके लिए इस साल 10719.84 करोड़ रुपये सहायता अनुदान दिए जाने का अनुमान किया गया है। पंचायती राज के लिए 11797.09 करोड़ तथा ग्राम्य विकास विभाग के लिए 426.91 करोड़ रुपये सहायता अनुदान अनुमानित किया गया है। नगर विकास के मद में 20844.91 करोड़ रुपये तथा भारी एवं मध्यम उद्योग के मद में 3411.24 करोड़ रुपये दिए जाने का अनुमान है।

इन मदों में दिए जाने हैं सहायता अनुदान

आवास, भारी एवं मध्यम उद्योग, ऊर्जा, कृषि, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, चिकित्सा विभाग, नगर विकास, न्याय, अल्पसंख्यक कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण, लोक निर्माण (संचार साधन-सड़कें), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण, समाज कल्याण (अनुसूचित जातियों का कल्याण) तथा समाज कल्याण (अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक योजना) को प्रमुखता से सहायता अनुदान दिया जाना है। इसके अलावा अन्य मदों में कुल 4106.93 करोड़ रुपये का अनुदान भी रखा गया है। जिसे अन्य विभागों के मदों में दिया जाना है।

सहायक अभियंता के 315 पद भरे जाएंगे

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन तथा सहयोगी बिजली कंपनियों में 315 सहायक अभियंताओं की भर्ती जल्द की जाएगी। सहायक अभियंता (प्रशिक्षु) की यह भर्ती ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजिनियरिंग (गेट) मेरिट के आधार पर होगी। गेट स्कोर के आधार पर आवेदकों की शार्ट लिस्टिंग की जाएगी। इसके बाद विद्युत सेवा आयोग साक्षात्कार का आयोजन कर चयन प्रक्रिया पूरी करेगा।उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भर्ती के लिए अलग से लिखित परीक्षा कराते हुए चयन करने में अभ्यर्थियों का समय व धन दोनों बर्बाद होता है। इसकी बचत के लिए यह फैसला लिया गया है कि सहायक अभियंता (प्रशिक्षु) की भर्ती गेट-2025 परीक्षा में अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त स्कोर के आधार पर शार्ट लिस्ट कर किया जाएगा। शार्ट लिस्ट किए गएअभ्यर्थियों का साक्षात्कार व चयन की आगे की कार्यवाही विद्युत सेवा आयोग द्वारा की जाएगी।परीक्षा में आवेदन की अंतिम तिथि 26 सितंबर 2024 है। विलंब शुल्क के साथ सात अक्तूबर तक आवेदन किया जा सकता है। गेट-2025 आईआईटी रुड़की द्वारा आयोजित की जा रही है।

रिश्वत मांगने का ऑडियो वायरल, सिपाही निलंबित

मंझनपुर (कौशाम्बी), संवाददाता। रिश्वत मांगने का ऑडियो वायरल होने के बाद गुरुवार शाम को एसपी ने पश्चिमशरीरा थाने में तैनात सिपाही जितेन्द्र चौधरी को निलंबित कर दिया। पश्चिमशरीरा थानाध्यक्ष की भी प्रारंभिक जांच शुरू करा दी गई है।पश्चिमशरीरा क्षेत्र के पुनवार गांव का अमन शुक्ला ऑटो चालक है। कुछ दिन पहले साथी चालकों से सवारी भरने को लेकर उसका विवाद हुआ था। 21 अगस्त को साथी चालकों ने उसकी पिटाई कर दी थी। मामले की शिकायत पर पुलिस दो आरोपियों को पकड़कर थाने ले गई थी। दोनों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई थी। बुधवार को सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल हुआ। इसमें सिपाही जितेन्द्र चौधरी युवकों को छोड़ने के नाम पर दो-दो हजार रुपये की रिश्वत मांगते सुनाई दे रहा है। थानेदार के नाम पर भी 20 हजार रुपया मांगे जाने की बात सुनाई दे रही है। हालांकि, हिन्दुस्तान इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। ऑडियो का संज्ञान लेकर एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने सीओ कौशाम्बी अभिषेक सिंह को जांच सौंपी। रिपोर्ट मिलने पर गुरुवार शाम को सिपाही को निलंबित करते हुए एसओ की प्रारंभिक जांच शुरू करा दी।

आश्वासन पर मृतक आश्रितों का धरना खत्म

लखनऊ। उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम में वर्ष 2018 से नियुक्ति के आस में बैठे 1100 के करीब मृतक आश्रितों के लिए राहत की खबर है। गुरुवार को एमडी मासूम अली सरवर के आश्वासन पर मृतक आश्रितों ने बीते दो सितंबर से चल रहे धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल को खत्म कर दिया। एमडी ने मृतक आश्रितों को बताया कि मृतक आश्रित भर्ती का सिलसिला जल्द शुरू होगा।

यूपीएससी के आरोप का जवाब दें खेडकर

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के आरोपों पर पूर्व प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर से जवाब मांगा है।न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने खेडकर को आयोग के आवेदन पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही खेडकर के वकील से कहा, मैं नोटिस जारी करूंगा। जवाब दाखिल करें।वकील वर्धमान कौशिक के माध्यम से दायर अपने आवेदन में, यूपीएससी ने कहा कि खेडकर ने अपने जवाबी हलफनामे पर गलत बयान दिया कि आयोग ने व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान उनके बायोमीट्रिक्स एकत्र किए थे। यूपीएससी ने उनके खिलाफ जांच और कार्यवाही शुरू करने की मांग की है।

यूपी में बिजली कनेक्शन की दरें जल्द सस्ती होंगी 

लखनऊ, विशेष संवाददाता। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन उपभोक्ताओं को बिना भाग दौड़ किए बिजली कनेक्शन दिए जाने की नई व्यवस्था को लागू करेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को प्रबंधन प्रस्ताव भेज रहा है। अब बिना किसी उत्पीड़न के उपभोक्ताओं को निर्धारित दर पर कनेक्शन दिया जाएगा। नई व्यवस्था लागू होने पर कनेक्शन लेने की दरें बहुत कम हो जाएंगी।उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष गोयल का कहना है कि प्रस्ताव तैयार कर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया गया है। आदेश मिलते ही लागू कर देंगे। अभी दो किलोवाट, 100 मीटर तक के घरेलू कनेक्शन के लिए 21422 रुपये जमा करने पड़ते थे, अब महज 2522 रुपये देने होंगे। 05 से 10 किलोवाट के लिए 14957-24957 रुपये तक जमा करना होगा।

शकुंतला विश्वविद्यालय शिक्षकों और संस्थान को विशेष दर्जा मिले

17 वां स्थापना दिवस मनाया गया पुनर्वास विश्वविद्यालय का

लखनऊ: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में 17वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्ष डॉ. शरणजीत कौर रहीं। उन्होंने कहा कि मेरी आंखों में समावेशी समाज का सपना था। इस विश्वविद्यालय में वह सपना पूरा होते देख रही हूं। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय स्पेशल लोगों के लिए काम कर रहा है। इसके लिए शिक्षकों और समूचे विश्वविद्यालय को विशेष दर्जा मिलना चाहिए।कुलपति आचार्य संजय सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य संवेदना, सेवा और सहयोग है। संवेदना आपको सिखाती है कि आप दूसरों के दर्द व कष्ट को समझें। सेवा आपको सिखाती है कि आप समाज के लिए कुछ करें। सहयोग आपको यह सिखाता है कि हम सभी एक साथ बड़े लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। कुलपति ने कहा कि सभी शिक्षकों को एनआईआरएफ रैंकिंग में विश्वविद्यालय को 100 के भीतर स्थान दिलाने के लिए संकल्पबद्ध होना है। इस मौके पर राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर आयोजित काव्य पाठ और भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

20 खिलाड़ी पुरस्कृत

समारोह में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों धनराशि देकर पुरस्कृत किया गया। अबू हुबैदा, रूचि त्रिवेदी, मनदीप कौर, स्वाति, रति मिश्रा, शशांक कुमार, सर्वेश आदि को सम्मानित किया।

पुनर्वास विवि में एमबीए और एमएसडब्ल्यू की मेरिट जारी

लखनऊ: शकुंतला विश्वविद्यालय में एमएसडब्ल्यू और एमबीए में चयनित अभ्यार्थियों की सूची जारी कर दी गई है। काउंसलिंग की तिथि भी तय हो गई है। जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर है।समाज कार्य विभाग के प्रवेश प्रभारी डॉ. अर्चना सिंह ने बताया कि 21 सिंतबर को सुबह 11 बजे से चयनित अभ्यार्थियों की काउंसलिंग आयोजित होगी। वहीं बीए की पांचवी, एलएलएम की दूसरी मेरिट भी जारी कर दी गई है। दोनों पाठ्यक्रमों में फीस जमा करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर है।

कर्मियों को कम्प्यूटर वेतन में वृद्धि

लखनऊ, विशेष संवाददाता। यूपी सहित देशभर के ग्रामीण बैंकों के पुराने कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है।देश भर में कार्यरत 43 ग्रामीण बैंकों के वैसे सभी अधिकारी और कर्मचारी जो पहली नवंबर 1993 या उसके पूर्व सेवा में थे, सबको कम्प्यूटर इंक्रीमेंट की 50 फीसदी धनराशि का बकाया भुगतान इसी माह 30 सितंबर तक हो जाएगा। शेष 50 फीसदी भुगतान मार्च 2025 तक किया जाएगा। इस संबंध में केंद्र सरकार ने गत दिवस अधिसूचना जारी कर दी। उत्तर प्रदेश के आर्यावर्त, प्रथमा और बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक के लगभग दस हजार सेवानिवृत्त कर्मी और कुछ कार्यरत लाभांवित होंगे।केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंडर सेक्रेट्री कुमार श्यामल पार्थसारथी ने इस संबंध में सभी ग्रामीण बैंकों के चेयरपर्सन को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि देश के 43 ग्रामीण बैंकों के करीब 70 हजार पेंशनरों को इसका लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बकाए कम्प्यूटर इंक्रीमेंट और उस पर मंहगाई भत्ते तथा मकान किराया भत्ता के भुगतान पर यूपी के तीनों ग्रामीण बैंकों पर करीब एक हजार करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के निर्देशानुसार सामान्य कर्मियों के अतिरिक्त पहली नवंबर 1993 को कार्यरत वैसे सभी स्टाफ जिन्हें वर्तमान में पेंशन या फैमिली पेंशन नहीं मिल रही है, बैंक की सेवा से पदच्युत, अनिवार्य सेवानिवृत्त अथवा सेवा से त्यागपत्र या दिवंगत हो चुके हैं, उन्हें या उनके कानूनी उत्तराधिकारी को भी कम्प्युटर वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। त्रिवेदी का कहना है कि कम्प्यूटर इंक्रीमेंट मूल वेतन में शामिल होता है।इसलिए इसका प्रभाव ग्रेच्युटी, पेंशन, फैमिली पेंशन तथा अवकाश नकदीकरण पर भी पड़ेगा।दरअसल पूर्व में भारत सरकार ने 4 अगस्त 2023 को जारी अधिसूचना के माध्यम से 01 अप्रैल 2018 के प्रभाव से कम्प्यूटर इंक्रीमेंट का भुगतान करने का निर्देश दिया था। इस बीच उच्चतम न्यायालय में पूर्व प्रभाव प्रभाव से इंक्रीमेंट देने संबंधी चल रहे विवाद के क्रम में भारत सरकार ने शपथ-पत्र देकर 01 नवंबर 1993 के प्रभाव से कम्प्यूटर इंक्रीमेंट देने पर सहमति व्यक्त की और बुधवार को संशोधित अधिसूचना जारी कर 01 नवंबर 1993 के प्रभाव से कम्प्यूटर वेतनवृद्धि देने का निर्देश दिया।

ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती पर प्रदर्शन

जायस। ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती को निरस्त किये जाने को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका ने विरोध दर्ज कराया। गुरुवार की सुबह सावित्री मौर्या की अगुवाई में तमाम आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका नगर पालिका परिषद के सामने नारे बाजी करते हुए नगर पालिका गेट पर पहुंच गयी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने ईओ से कहा कि जो स्नातक पास है उनको भी मौका नहीं दिया जा रहा है। बाहर के लोगों को नियुक्ति दी जा रही है।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाना सीखेंगी कस्तूरबा की छात्राएं

लखनऊ: प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राएं अब सामान्य शिक्षा के साथ सेमीकंडक्टर व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाना भी सीखेंगी।कक्षा आठवीं से 12 वीं कक्षा तक हाल ही में उच्चीकृत किये गये प्रदेश के 106 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अगले सत्र से तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई शुरू की जायेंगी। जिसके तहत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सहित एनालॉग आईसी डिजाइन एवं क्लीन रूम टेक्नोलॉजी आदि की भी कई आधुनिक प्रौद्योगिकी की शिक्षा प्रदान की जायेगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा चयनित इन केजीबीवी में कौशल विकास मिशन की ओर से आधुनिक तकनीक की शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश में संचालित 742 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब स्थापिर कर आईटी की पढ़ाई पहले से ही जारी है। इनमें स्मार्ट क्लास के माध्यम से भी बालिकाओं को शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था है। अब इनमें तकनीकी शिक्षा की सुविधा भी शुरू किये जाने का निर्णय किया गया है। इसके तहत अब तक 12 वीं कक्षा तक उच्चीकृत किये गये 645 केजीबीवी में से 106 कस्तूरबा विद्यालयों में तकनीकी शिक्षा शुरू किये जाने का निर्णय किया गया है।कौशल विकास मिशन इन चयनित कस्तूरबा विद्यालयों में आधुनिक तकनीकी शिक्षा मुहैया कराने की व्यवस्था करेगा।जबकि इसे तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से मान्यता प्रदान की जायेगी।इन आधुनिक प्रौद्योगिकी की होगी पढ़ाइर् चयनित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में ऑटोमेशन टूल्स व डेटा एनालिटिक्स के अन्तर्गत सेमीकंडक्टर व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के निर्माण से लेकर एनालॉग आईसी डिजाइन एवं क्लीन रूम टेक्नोलॉजी आदि की शिक्षा बालिकाओं को प्रदान की जायेगी। एआईसीटीई के कानपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय भी इसमें तकनीकी सहयोग देगा।

मुरादाबाद में मदरसा शिक्षिका से दुष्कर्म

मुरादाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। कटघर थाना क्षेत्र में कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर मदरसा शिक्षिका के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। होश में आने पर पीड़िता ने विरोध किया तो अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी। ब्लैकमेल करने का भी प्रयास किया।पीड़िता की शिकायत पर कटघर थाने में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपी की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पीड़िता कटघर थाना क्षेत्र की रहने वाली है। वह एक मदरसा में शिक्षिका है। रोजाना बच्चों को पढ़ाने के लिए मदरसा जाती है। इसी बीच उसकी इंस्टाग्राम के जरिए मुलाकात मैनाठेर के डींगरपुर निवासी रिजवान से हुई।शुरुआत में दोनों चोरी छिपे तथा बाद में खुलेआम मिलने लगे। कुछ दिन के भीतर दोस्ती नजदीकी रिश्तों में बदल गई। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 17 सितंबर को आरोपी रिजवान ने कॉल करके रहमतनगर में बुलाया। इसके बाद वह कुछ खिलाने के बहाने पाकबड़ा ले गया। वहां उसने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। इसके बाद वह बेहोश हो गई। इसी बीच आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि होश में आने पर आरोपी दूसरे दिन पाकबड़ा के पास छोड़कर फरार हो गया। इंस्पेक्टर कटघर संजय सिंह ने बताया कि आरोपी की तलाश की जारही है। जल्द ही गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी।

बोर्ड परीक्षा 2025 की तैयारियां शुरू

सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल-इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शासन के विशेष सचिव की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक को परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण नीति भेजी गई है। नीति में इस साल कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। समय सारिणी घोषित होने के बाद परीक्षा केंद्र बनने की दौड़ में शामिल स्कूलों के संचालकों की चहलकदमी भी शुरू हो गई है।जिला विद्यालय निरीक्षक सोमारू प्रधान ने बताया कि यूपी बोर्ड के सचिव की ओर से जारी समय सारिणी के अनुसार इस वर्ष केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया 28 नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के लिए विद्यालयों की अवस्थापना संबंधी भौतिक संसाधनयुक्त विविध सुविधाओं व आधारभूत सूचनाओं को परिषद की वेबसाइट upmsp. edu. in पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य 25 सितंबर तक अपलोड करेंगे। डीआईओएस ने बताया कि डीएम की ओर से गठित तहसील स्तरीय समिति रिमोट सेसिंग में त्रुटिपूर्ण पाए गए विद्यालयों की त्रुटिरहित जियोलोकेशन विद्यालय के प्रांगण से मोबाइल एप के माध्यम से 30 सितंबर तक अपलोड करेगी। इसके बाद बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड आधारभूत सूचनाओं का भौतिक सत्यापन तहसील स्तरीय समिति 15 अक्तूबर तक करेगी। संबंधित जिलों के डीएम विद्यालयों के भौतिक सत्यापन के बाद तहसील स्तरीय समिति की आख्या जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से ऑनलाइन बोर्ड की वेबसाइट upmsp. edu. in पर 20 अक्तूबर तक अपलोड, अपडेट कराएंगे। जिविनि ने बताया कि सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए 28 नवंबर तक बोर्ड की वेबसाइट पर परीक्षा केंद्रों की सूची जारी कर दी जाएगी।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बेहतर महसूस करेंगे बच्चे

बच्चों की रुचि के अनुसार सजाया जाएगा कमरे का चारों कोना

आंगनबाड़ी केंद्रों को किया जा रहा प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित

सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता।आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां बच्चे आने के बाद खुद को बेहतर महसूस करें, इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को विकसित जा रहा है। केंद्र के एक कमरे के चारों कोनों को बच्चों की रुचि के अनुसार सजाया जाएगा। इसके लिए शासन ने बजट जारी कर दिया है। यह काम बेसिक शिक्षा विभाग को कराना है। जिले के लेकोटेड आठ सौ आंगनबाड़ी केंद्र के एक-एक कमरे को से रोचक बनाया है। इसके लिए वहां तरह-तरह की खेल सामग्री, कला व खेल सामग्री आदि को रखा जाएगा। जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता अमित शुक्ल ने बताया कि प्रथम चरण में दो सौ केंद्र में एक कमरे को बेहतर बनाने के लिए धनराशि मिली है। बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि इसका अनुपालन कराने के लिए संबंधित को निर्देश दिए गए हैं।

आंगनबाड़ी केंद्र का ऐसा होगा स्वरूप

तीसरा कोना: इस कोने में लकड़ी व प्लास्टिक के रंग-बिरंगे ब्लॉक होंगे। इसमें हिंदी व अंग्रेजी के अक्षर और अंक ज्ञान की जानकारी बच्चों को हो सकेगी।

पहला कोना: सीखने पढ़ने के इस कोने में चित्रों पर आधारित पुस्तक, रंग-बिरंगे तकिये, स्लेट और पोस्ट आदि लगाए जाएंगे। इसकी मदद से बच्चे अक्षर ज्ञान हासिल कर सकेंगे।

दूसरा कोना: आर्ट के इस कोने में आर्ट्स शीट्स, पेंसिल कलर, कैंची, विकास ग्लेज पेपर, टूथ ब्रश, तौलिया, पौधों के गमले आदि रखे जाएंगे। इसके माध्यम से बच्चे कला की गतिविधियां सीखेंगे साफ सुथरे कपड़े पहनने हैं, जैसी अच्छी आदतें सिखाई जाएंगी।

चौथा कोना: प्रदर्शन के इस कोने में फल, फूल व सब्जियों के प्लास्टिक सेट रखे जाएंगे। बच्चे इसके माध्यम से फल, फूल व सब्जियों को पहचान सकेंगे। बच्चे प्रेरक कहानियों के आधार पर गुड्डे- गुड़िया के खेल के जरिए मनोरंजन के साथ ज्ञान ले सकेंगे।

बिना मान्यता लिए कक्षाएं चलाने पर जताई नाराजगी

डीआईओएस ने कई माध्यमिक स्कूलों का किया निरीक्षण

सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता माध्यमिक विद्यालयों के औचक निरीक्षण में डीआईओएस सोमारू प्रधान ने स्कूलों के समय से खुलने समेत साफ-सफाई, एमडीएम, नामांकन के सापेक्ष छात्रों की उपस्थिति, खेलकूद गतिविधियों, शैक्षिक पंचाग का अनुपालन करने आदि बिंदुओं के बारे में गहनता से पूछताछ की। निरीक्षण के समय एक वित्त विहीन विद्यालय पर कक्षा एक से पांच तक बगैर मान्यता के कक्षा संचालन पर नाराजगी जताई और प्रधानाचार्य को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। जवाब संतोषजनक न होने पर अग्रिम कार्रवाई की चेतावनी भी दी।जिला विद्यालय निरीक्षक सोमारू प्रधान ने गुरुवार को सिद्धार्थ जन सेवा शिक्षण संस्थान बनकटा रिठिया का औचक निरीक्षण किया। यहां कक्षा एक से पांच तक की कक्षाएं संचालित थी जबकि मान्यता कक्षा छह से 12 तक ही है। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए डीआईओएस ने तत्काल इन कक्षाओं का संचालन बंद करने का निर्देश दिया। साथ ही प्रधानाचार्य महिमा मिश्रा से जवाब-तलब किया है। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोनहाताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रोजेक्ट अलंकार योजना से निर्माणाधीन शौचालय, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की प्रगति की जानकारी ली।प्रधानाचार्य को विद्यालय में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया। डीआईओएस ने धूपादेवी आदर्श इंटर कॉलेज भलुहा, जोखना देवी इंटर कॉलेज मंझरिया, शेषमणि चतुर्वेदी इंटर कॉलेज बसडिला का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय स्कूलों के समय से खुलने समेत साफ-सफाई, एमडीएम, नामांकन के सापेक्ष छात्रों की उपस्थिति, खेलकूद गतिविधियों, शैक्षिक पंचाग का अनुपालन करने को लेकर प्रधानाचार्यों से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि भविष्य में खामियां मिलने पर विभागीय कार्रवाई के लिए तैयार रहे।

स्कूल में दो चोटी न बांधने पर छात्राओं को पीटा, एक बेहोश

मोतीराम अड्डा (गोरखपुर), हिन्दुस्तान संवाद। खोराबार ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोतीराम अड्डा की प्रधानाध्यापिका आभा दुबे ने गुरुवार को कक्षा आठवीं की छात्राओं को दो चोटी न बांधने पर हिंसक तरीके से पीटा। प्रधानाध्यापिका ने बाल खींचकर छात्राओं की पिटाई की। इससे एक छात्रा बेहोश हो गई। बीएसए ने इस संबंध में बीईओ से जानकारी ली और प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया है।मौके पर पहुंचे बीईओ वीके राय ने छात्राओं से उनके साथ हुई अभद्रता के बारे में जानकारी ली। सभी छात्राओं ने बारी-बारी से आपबीती बताई। छात्राओं ने बताया कि मैडम कक्षा में आते ही छात्राओं की चोटी चेक करने लगीं। इस दौरान जो छात्राएं दो चोटी बांधकर नहीं आई थीं, उनकी चोटी पकड़कर बेरहमी से पीटने लगीं। उन्होंने एक छात्रा से इस तरह से ज्यादती की कि वह छटपटा कर जमीन पर गिरकर बेहोश हो गई। यह देख कई छात्राएं डर के कारण चिल्लाने लगीं। स्कूल में अफरातफरी मच गई। इस घटना के बाद छात्राएं तुरंत अपने घर पहुंचीं और अभिभावकों को पूरी जानकारी दी। इसके बाद अभिभावक ग्राम प्रधान राजू पासवान को लेकर विद्यालय पर पहुंच गए। चौकी प्रभारी आलोक कुमार सिंह ने अपने हमराहियों के साथ मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया।

प्रधानाध्यापिका के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और उन्हें दोषी पाया गया है। उनके खिलाफ उचित कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है।

– रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए

इन्स्पायर अवार्ड-मानक योजना के तहत यूपी के छात्र ने जीता राष्ट्रीय पुरस्कार

लखनऊ: केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान द्वारा प्रगति मैदान, नई दिल्ली में 17-18 सितम्बर को आयोजित इन्स्पायर अवार्ड-मानक योजना के तहत 11वीं राष्ट्रीय स्तर प्रदर्शनी और प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में प्रदेश के छात्र अनन्य द्विवेदी ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर राज्य का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर उन्हें रजत पदक, एक लैपटॉप, प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि अनन्य द्विवेदी, जो ग्रेटर नोएडा वेस्ट, गौतम बुद्ध नगर स्थित द मंथन स्कूल के छात्र हैं, ने अपने प्रोजेक्ट में प्लास्टिक कचरे का उपयोग कर गड्ढों की मरम्मत प्रणाली विकसित की है, जो एक अभिनव और पर्यावरण अनुकूल समाधान प्रस्तुत करता है। इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय पुरस्कारों की दौड़ में शीर्ष तीन परियोजनाओं में शामिल किया गया और अनन्य को रजत पदक से नवाजा गया। इसके साथ ही, अनन्य ने चित्रकला प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेकर तृतीय स्थान प्राप्त किया, जिससे उनकी बहुआयामी प्रतिभा और सृजनात्मकता का प्रमाण मिला है।

जल निगम कर्मियों को पांच माह से नहीं मिला वेतन-पेंशन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के कर्मचारियों और पेंशनरों को बीते पांच माह से वेतन और पेंशन नहीं मिल रहा है। इस कारण कर्मचारी और पेंशनर घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। डिप्लोमा इंजीनियर्स संगठन उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के महामंत्री मंजीत कुमार वर्मा ने बताया जल निगम (नगरीय) को सेन्टेज नहीं मिल पा रहा है। सेन्टेज की कमी के कारण हालत बद से बदतर हो गयी है। उन्होंने इस समस्या के स्थाई हल के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगायी है और वेतन व पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से कराए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि अप्रैल, मई, जून, जुलाई व अगस्त 2024 का वेतन व पेंशन न मिलने से कर्मचारी मकान का किराया, बच्चों की फीस और पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। पेंशनर्स अपना इलाज व पारिवारिक दायित्व भी नहीं निभा पा रहे हैं।

नए आयोग पर आठ घंटे गरजे सूबे के सैकड़ों युवा

प्रयागराज: प्राथमिक शिक्षक भर्ती शुरू किए जाने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने गुरुवार को एलनगंज स्थित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का प्रदेशभर के सैकड़ों युवाओं ने घेराव करते हुए आठ घंटे प्रदर्शन किया। टीईटी पास डीएलएड महिला अभ्यर्थियों ने स्लोगन व तख्तियां पर लिखकर नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग किया। अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को देखते हुए आयोग के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स लगा दी गई। आयोग की अध्यक्ष ने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उनको बताया कि संबंधित विभाग और शासन को पत्र भेजकर रिक्त पदों का अधियाचन मांगा है। अधियाचन मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। पूरे दिन अभ्यर्थी आयोग के गेट के सामने बैठे रहे। शाम को पुलिस के हस्तक्षेप करने के बाद अभ्यर्थी गेट के सामने से हटे तो अफसर वहां से निकल सके। इसके बाद अभ्यर्थियों ने धरना समाप्त कर दिया।बता दें कि अभ्यर्थियों ने दस दिन पहले भी प्राथमिक शिक्षक के रिक्त पड़े 78825 पदों पर भर्ती की मांग को लेकर आयोग पर धरना-प्रदर्शन किया था। तब आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने आश्वस्त किया था कि जल्द ही विभाग से अधियाचन मंगाने के लिए पत्र भेजा जाएगा। अभ्यर्थियों ने परीक्षा कैलेंडर जारी करने की मांग भी की थी, जिस पर अध्यक्ष ने इसके लिए एक कमेटी गठित कर दी थी। अभ्यर्थियों ने कहा था कि एक हफ्ते में मांग पूरी नहीं हुई तो दोबारा आयोग का घेराव करेंगे। इसके बाद अभ्यर्थी सिविल लाइंस में पत्थर गिरजाघर के पास बेमियादी धरने पर बैठ गए थे। एक हफ्ता बीतने के बाद अभ्यर्थी गुरुवार की सुबह 10 बजे आयोग के सामने इकट्ठा होने लगे और आयोग का घेराव शुरू कर दिया। धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी भी की। धरने में रजत सिंह, विनोद पटेल, अभिषेक तिवारी, मनोज, विशु यादव, श्वेता, सुशील, रागिनी, विक्रांत प्रताप सिंह, बृजेश यादव समेत बड़ी संख्या में डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी मौजूद रहे।

पीसीएस प्री और आरओ-एआरओ प्री परीक्षा की दो दिन में होने पर विरोध तेज

प्रयागराज।उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्री-2024 और आरओ-एआरओ प्री 2023 की परीक्षा दो दिन में आयोजित किए जाने को लेकर अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू कर दिया है। पूर्व की भांति परीक्षा आयोजित किए जाने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने गुरुवार को डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को और यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन भेजा है। सूत्रों की मानें तो पर्याप्त संख्या में परीक्षा केंद्र उपलब्ध न होने के कारण दो दिन परीक्षा कराने की तैयारी है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि एक दिन की परीक्षा दो दिन में कराई जाएगी तो प्रश्नपत्र भी अलग-अलग आएंगे और ऐसे में अभ्यर्थियों का एक समान मूल्यांकन कैसे हो सकेगा। अगर एक समान मूल्यांकन के लिए मानकीकरण किया जाता है तो इसकी आड़ में भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहेगी। अभ्यर्थियों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा और इसकी वजह से परीक्षाएं विलंबित होंगी। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने कहा कि पूर्व में भर्ती संस्थाओं ने जिन परीक्षाओं का मानकीकरण किया है, उनमें से अधिकतम परीक्षाएं विवादों के घेरे में रहीं हैं। ऐसे में परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की प्रबल आंशका है। आयोग को पूर्व की की भांति पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा एक ही दिन में पूरी करानी चाहिए। इस अवसर पर आशुतोष पांडेय, नरेंद्र कुमार, पंकज पांडेय, मोहम्मद आजम, मोनू , विनीत सिंह, मोहम्मद रिजवी, मयंक राय, सूरज, सौरभ, अभिषेक कुमार, आलोक, देवेश, धीरज, शुभम, देवेंद्र मिश्र आदि मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद भी हो गया खाली

लखनऊ : प्रदेश में पहले से रिक्त चल रहे कई बोर्ड व निगम के बाद अब उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद भी खाली हो गया है। डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में गठित मदरसा शिक्षा परिषद का तीन वर्ष का कार्यकाल 15 सितंबर को पूरा हो चुका है। मदरसा बोर्ड के पुनर्गठन का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के पास भेजा जा चुका है। इसमें अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के अलावा 12 सदस्य होते हैं। परिषद में उपाध्यक्ष का पद निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण के पास होता है। अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वीकृति के बाद होगी। मदरसा बोर्ड मदरसों की परीक्षाएं आयोजित कराने के साथ ही मदरसों के पाठ्यक्रम का भी निर्धारण करता है। यह मदरसों को मान्यता प्रदान करने, मदरसों को अनुदान दिलाने व इन्हें नियंत्रित करने का कार्य करता है। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार ने शासन को बोर्ड का फिर से गठन करने के लिए पत्र भेजा है। करीब दो महीने पहले भी बोर्ड के गठन को लेकर एक पत्र भेजा जा चुका है। मदरसा शिक्षा क्षेत्र के प्रख्यात मुस्लिम शिक्षाविद् ही परिषद के अध्यक्ष बनते हैं। इनका कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। 3 राजकीय ओरियंटल कालेज रामपुर  व प्रधानाचार्य इसके नामित सदस्य होते  हैं। विधानमंडल के दोनों सदनों में से एक शिया व एक सुन्नी विधायक भी इसके सदस्य होते हैं।बोर्ड में राष्ट्रीय अनुसंधान एवं  प्रशिक्षण परिषद के एक प्रतिनिधि भी इसके सदस्य होते हैं। प्रदेश सरकारक चार मुस्लिम शिक्षाविद् को इसमें बतौर सदस्य नामित करती है। शिया मुस्लिम संस्थाओं के एक अध्यापक भी इसके सदस्य नामित किए जाते हैं। प्रदेश सरकार एक विज्ञान के अध्यापक को इसमें नामित करती है।

सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को ‘मिशन कर्मयोगी’ से जोड़ रही सरकार

लखनऊ: सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की क्षमता वृद्धि व उन्हें कुशल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘मिशन कर्मयोगी’ में प्रदेश सरकार भी अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को जोड़ रही है। इसके पोर्टल में अब तक प्रदेश के 94 हजार से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी पंजीकरण करा चुके हैं। प्रदेश के कर्मियों ने 45 हजार से ज्यादा ने पाठ्यक्रम में अपना नामांकन कराया है।मुख्य सचिव के समक्ष उत्तर प्रदेश एकेडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट के प्रस्तुतीकरण में मिशन कर्मयोगी में उत्तर प्रदेश की भागीदारी की विस्तार से जानकारी दी गई। उपाम के डीजी वेंकटेश्वर लू और अपर निदेशक सुनील कुमार चौधरी ने यह प्रस्तुतीकरण दिया। इसमें बताया गया कि पोर्टल में प्रदेश के 43 विभागीय नोडल अधिकारी नामित किए जा चुके हैं। सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सिविल सेवकों की कार्यकुशलता, पारदर्शिता और उनकी जवाबदेही बढ़ाना है। इसमें उन्हें व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के लिए शिक्षण व प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। सरकार इसके जरिये कर्मचारियों को नई तकनीक, नेतृत्व कौशल और प्रशासनिक सुधारों से परिचित करा रही है।

पोर्टल पर गांवों को अपलोड न करने का मांगा स्पष्टीकरण

कहा, ऐसा न करना अदालती कार्यवाही में हस्तक्षेप, मूल अधिकारों का उल्लघंन

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कमिश्नर/सचिव उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद को प्रदेश के ऐसे सभी गांवों का डाटा पेश करने का निर्देश दिया है, जिन्हें अब तक राजस्व कोर्ट कंप्यूटरीकृत प्रबंध सिस्टम पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है। कोर्ट ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर गांव के कोड को पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया की जानकारी मांगी है। साथ ही गांवों को पोर्टल पर अपलोड न करने का कारण स्पष्ट करने को कहा है।यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने बलिया के आदित्य कुमार पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि गांवों को पोर्टल पर अपलोड न करना अदालती कार्यवाही में हस्तक्षेप है और वादकारी के मूल अधिकारों का हनन है।मामले के तथ्यों के अनुसार सिकंदरपुर गर्वी के गांव डुमराहर दायरा व डुमराहर खुर्द दायरा की पैमाइश कर कंप्यूटरीकृत करने के लिए एसडीएम के समक्ष राजस्व संहिता की धारा 22/24के तहत अर्जी दी गई। एसडीएम ने राजस्व निरीक्षक/ लेखपाल को सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने और केस दर्ज कर नंबर देने का आदेश दिया।याची ने निर्धारित शुल्क एक हजार रुपये भी जमा किया। लेकिन तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी न तो केस पंजीकृत किया गया और न ही केस नंबर दिया गया।एसडीएम वित्त एवं लेखा ने बताया कि कमिश्नर/सचिव राजस्व परिषद को पोर्टल पर गांव का कोड दर्ज करने के लिए पत्र लिखा गया है। अनुस्मारक भी दिया गया है। लेकिन गांव का कोड पोर्टल पर अपलोड न होने के कारण केस पंजीकृत नहीं हो सका है और केस नंबर भी तय नहीं इसलिए केस निस्तारित नहीं हो सका है।कोर्ट ने कहा कि पुराने कानून में केस तय करने की कोई समय सीमा नहीं थी लेकिन राजस्व संहिता में संक्षिप्त विचारण वाले मामलों की अवधि निश्चित है।धारा 24 का केस तय करने की अवधि तीन माह तय है। लेकिन जो केस तीन माह में तय होना चाहिए वह तीन साल बीतने के बाद भी पंजीकृत नहीं किया जा सका है। जबकि अर्जी दाखिल करते ही कार्यवाही शुरू कर देनी चाहिए और समय के भीतर केस का निस्तारण किया जाना चाहिए।कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि गांव का कोड पोर्टल पर अपलोड न होना न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप करना है और यह अनुच्छेद 14 व 21 के तहत वादकारी के मूल अधिकारों व अनुच्छेद 300 ए के तहत संपत्ति के संवैधानिक अधिकारों का उल्लघंन है।कोर्ट ने कहा कि गांव पोर्टल पर अपलोड न किए जाने पर ऑफ लाइन सुनवाई की जा सकती थी। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर/सचिव उप्र राजस्व परिषद को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर गांवों को पोर्टल पर अपलोड न करने का स्पष्टीकरण मांगा है।

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